राजनांदगांव: राज्य में लगातार कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता ही जा रहा है, जिसकी रोकथाम के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने वॉर रूम तैयार कर लिया है. जहां टीम बनाकर पूरे जिले के संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जाएगी. वर्तमान में राजनांदगांव जिला ऑरेंज जोन में है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहता.
कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए 50 चिकित्सा अधिकारी, 65 ग्रामीण चिकित्सा सहायक, 170 स्टाफ नर्सेज, 370 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिलाओं और 270 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. इसके साथ ही 4 हजार 471 मितानिन के माध्यम से सुरक्षा चक्र बनाकर जागरूकता संदेश देने की तैयारी है.
हेल्प डेस्क पर लगाई ड्यूटी
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) की कुल 21 टीम के 90 सदस्यों की ओर से राजनांदगांव में विदेश से आए हर व्यक्ति के घर पहुंचकर स्वास्थ्य जांच और होम क्वॉरेंटाइन में रहने के लिए विभागीय पत्र दिया गया. बॉर्डर क्षेत्रों के चेक पोस्ट पर अन्तर्राज्यीय लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. जिला और ब्लॉक स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी न हो, इसके लिए हेल्प डेस्क बनाकर 110 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. यहांं आ रहे लोगों की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा रहा है.
टेली कॉलिंग से की जा रही मदद
दूसरे राज्यों से आए 9 हजार 80 लोगों को रोज 50 सदस्यीय 9 टीम बनाकर टेली कॉलिंग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली जा रही है. सर्दी-खांसी, बुखार के लक्षण वाले मरीजों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार किया जा रहा है. यहां 20 मार्च से अब तक 166 सैम्पल लिए गए हैं, जिसमें एक पॉजिटिव केस और 147 निगेटिव केस आ चुके हैं. वहीं अभी 18 सैम्पल की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है. संक्रमण की रोकथाम के लिए विशेष प्रबंधन और त्वरित रिपोर्टिंग के लिए जिला स्तर पर 30 सदस्यीय वॉर रूम का गठन किया गया.
ग्राम पंचायतों में एक्टिव सर्विलांस का काम
सारे स्तरों पर दवाईयों की उपलब्धता और 13 (108 संजीवनी एक्सप्रेस), 23 (102 महतारी एक्प्रेस) और 39 शासकीय एम्बुलेंस को 24x7 तैयार रखा गया है. हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर 3 टीम बनाकर जिले के समस्त ग्राम पंचायतों में एक्टिव सर्विलांस का काम किया जाएगा. जिला स्तर पर नगरीय प्रशासन, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग को शामिल कर 4 सदस्यीय 40 दल का गठन कर 3 हजार 200 घरों में 21 हजार लोगों का विशेष रूप से सर्वे किया गया.
सीएचएमओ मिथिलेश चौधरी का कहना है कि लगातार संदिग्ध मरीजों की निगरानी के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से टीम तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को तैयार किया गया है.