डोंगरगांव/राजनांदगांव : जनपद में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत किए जा रहे निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की मजदूरी में अघोषित कटौती की गई है. इससे क्षेत्र के लोगों में प्रशासन के खिलाफ खासी नाराजगी देखी जा रही है. शुक्रवार को विचारपुर नवागांव के लगभग 200 मजदूरों ने जनपद कार्यालय पहुंचे जहां जनपद सीईओ ने नियमों का हवाला देते हुए उहें बैरंग लौटा दिया.
मजदूरों ने बताया कि 'वे पैठू तालाब में गहरीकरा का कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए शासन के निर्धारित मजदूरी के स्थान पर प्रति मजदूर प्रतिदिन 50 रूपए और उससे अधिक की कटौती जनपद पंचायत के अधिकारी कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि 'कार्यस्थल पर मस्टररोल में मजदूरी तो पूरी भरी जा रही है, लेकिन कमाई में कांटा मारकर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है.
अधिकारी से नहीं मिला संतोषजनक जवाब
मामले में जनपद के अधिकारियों ने गड्ढे की गहराई कम होने का हवाला देकर मजदूरी नाप अनुसार भुगतान किए जाने की बात कह रहे हैं, जबकि मजदूरों ने बताया कि ग्राम के जिस पैठू तालाब में गहरीकरा का कार्य किया जा रहा है वहां पहले भी खोदाई का कार्य हो चुका है. अब वहां पथरीली, कठोर मिट्टी है.
ग्रामीणों में आक्रोश
मनरेगा के कार्यो में कार्यरत मजदूरों की मजदूरी में कटौती का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को जनपद पहुंचे विचारपुर नवागांव के मजदूरों ने बताया कि शासन उनके कार्य के एवज में न्यूनतम 150 रूपए का भुगतान किया जाना चाहिए था, लेकिन जनपद इसमें 50 से 60 रूपए की कटौती कर रहा है.वहीं ग्राम पंचायत दीवानभेड़ी, घोरदा, तिलईरवार, माथलडबरी, खहेरा, जारवाही, सांगिनकछार सहित अनेक ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा की कटौती को लेकर मजदूर गुस्से में हैं.