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राजनांदगांव में युवा हो रहे कोरोना संक्रमण के शिकार, प्रशासन ने जताई चिंता

राजनांदगांव शहर में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो कुल 273 मरीजों में से 177 मरीज 18 से 40 वर्ष के हैं. ऐसे में प्रशासन की चिंता बढ़ गई है, हालांकि प्रशासन ने युवाकों को सतर्क रहने की हितायत दी है.

corona infection spreading among youth
युवा हो रहे कोरोना संक्रमण के शिकार
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Published : Jul 9, 2020, 9:37 PM IST

राजनांदगांव: स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय जहां सबसे ज्यादा बुजुर्गों और बच्चों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहा है. वहीं जिले में संक्रमण की दर और आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा खतरा शहर के युवा वर्ग को है.

युवा हो रहे कोरोना संक्रमण के शिकार

राजनांदगांव शहर में संक्रमण के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो कुल 273 मरीजों में से 177 मरीज 18 से 40 वर्ष के हैं. मतलब शहर में लगातार कोरोना का संक्रमण तो बढ़ ही रहा है, युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जिले में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा युवा वर्ग को है. आंकड़ों के सामने आने के बाद प्रशासन ने भी चिंता जताई है. आमतौर पर स्वास्थ्य मंत्रालय यह बता रहा है कि बुजुर्गों और बच्चों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है, लेकिन शहर में मिल रहे मरीजों की कैटेगरी पर नजर डालें तो अब तक के सबसे ज्यादा युवा वर्ग ही वायरस से संक्रमित हुए हैं.

उम्रसंक्रमितों की संख्या
0-1817
18-40117
40-5060
60-10013

शहर में सब उल्टा
शहर में कोरोना वायरस के दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किए थे. जिसमें कहा गया था कि 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग घर से न निकलें, क्योंकि उनके संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को अब तक शहर में मिले संक्रमित लोगों में 13 बुजुर्ग ही शामिल हैं. यह आंकड़ा युवा और बच्चों के मुकाबले कम है.

लापरवाही बरत रहे हैं युवा
CMHO मिथिलेश चौधरी का कहना है कि इम्यूनिटी पावर अच्छी होने के साथ स्वस्थ व्यक्तियों में वायरस का प्रभाव कम देखने को मिल रहा है, लेकिन यह चिंता का विषय है कि सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग संक्रमित हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के मुताबिक युवा सबसे ज्यादा लापरवाही के चलते संक्रमित हो रहे हैं. लॉकडाउन का सही पालन नहीं करना, वायरस का युवाओं के बीच पहुंचने का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. उन्होंने बताया कि युवाओं के लिए यह एक खतरे की घंटी है. डॉक्टरों की मानें तो युवा वर्ग केवल यह सोच रहा है कि प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है तो संक्रमण नहीं होगा.

इन आदतों को जीवन में करें शामिल

  • अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट दिन में एक बार जरूर साफ करें
  • बात करने में ईयर फोन का प्रयोग करें
  • घर से निकलें तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें
  • फोन किसी और को न दे और न ही लें
  • रुमाल और मोबाइल एक ही जेब में न हो
  • कोई सामान लेने के बाद हाथ को अवश्य सैनिटाइज करें

राजनांदगांव: स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय जहां सबसे ज्यादा बुजुर्गों और बच्चों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहा है. वहीं जिले में संक्रमण की दर और आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा खतरा शहर के युवा वर्ग को है.

युवा हो रहे कोरोना संक्रमण के शिकार

राजनांदगांव शहर में संक्रमण के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो कुल 273 मरीजों में से 177 मरीज 18 से 40 वर्ष के हैं. मतलब शहर में लगातार कोरोना का संक्रमण तो बढ़ ही रहा है, युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जिले में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा युवा वर्ग को है. आंकड़ों के सामने आने के बाद प्रशासन ने भी चिंता जताई है. आमतौर पर स्वास्थ्य मंत्रालय यह बता रहा है कि बुजुर्गों और बच्चों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है, लेकिन शहर में मिल रहे मरीजों की कैटेगरी पर नजर डालें तो अब तक के सबसे ज्यादा युवा वर्ग ही वायरस से संक्रमित हुए हैं.

उम्रसंक्रमितों की संख्या
0-1817
18-40117
40-5060
60-10013

शहर में सब उल्टा
शहर में कोरोना वायरस के दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किए थे. जिसमें कहा गया था कि 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग घर से न निकलें, क्योंकि उनके संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को अब तक शहर में मिले संक्रमित लोगों में 13 बुजुर्ग ही शामिल हैं. यह आंकड़ा युवा और बच्चों के मुकाबले कम है.

लापरवाही बरत रहे हैं युवा
CMHO मिथिलेश चौधरी का कहना है कि इम्यूनिटी पावर अच्छी होने के साथ स्वस्थ व्यक्तियों में वायरस का प्रभाव कम देखने को मिल रहा है, लेकिन यह चिंता का विषय है कि सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग संक्रमित हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के मुताबिक युवा सबसे ज्यादा लापरवाही के चलते संक्रमित हो रहे हैं. लॉकडाउन का सही पालन नहीं करना, वायरस का युवाओं के बीच पहुंचने का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. उन्होंने बताया कि युवाओं के लिए यह एक खतरे की घंटी है. डॉक्टरों की मानें तो युवा वर्ग केवल यह सोच रहा है कि प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है तो संक्रमण नहीं होगा.

इन आदतों को जीवन में करें शामिल

  • अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट दिन में एक बार जरूर साफ करें
  • बात करने में ईयर फोन का प्रयोग करें
  • घर से निकलें तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें
  • फोन किसी और को न दे और न ही लें
  • रुमाल और मोबाइल एक ही जेब में न हो
  • कोई सामान लेने के बाद हाथ को अवश्य सैनिटाइज करें
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