राजनांदगांव: कोरोना वायरस के कारण लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक ओर प्रदेश सरकार जन कल्याण के लिए हर संभव कोशिश और उपाय कर रही है, जिससे आम जनता को जल्द से जल्द लाभ मिल सके. वहीं दूसरी ओर शासन से राशि प्राप्त होते ही पालिका के अधिकारी बंदरबाट में लगे हुए हैं. ताजा मामला नगरपालिका परिषद डोंगरगढ़ का है, जहां तत्कालीन CMO पूजा पिल्ले और इंजीनियर रितेश पर सैनिटाइजर मशीन और लिक्विड खरीदी में फर्जीवाड़ा का आरोप लगा है.
आरोप के मुताबिक शहर में सैनिटाइजर छिड़काव करने के लिए 3 बैटरी और 3 स्पेयर मशीन की खरीदी की गई थी, जिसकी मार्केट में कीमत 4 हजार रुपये है. जबकि प्रत्येक मशीन का बिल 23 हजार रुपए पेश किया गया था. इसी तरह तीन मशीन की खरीदी का बिल 69 हजार रुपये पेश किया गया. खरीदी बिल बलौदाबाजार के अधर्व ट्रेडर्स दर्शाया गया है.
सैनिटाइजर खरीदी में भ्रष्टाचार का मामला
मामला सार्वजनिक होने के बाद प्रशासन ने नए पदभार ग्रहण किए वर्तमान CMO हेमशंकर देशलहरा को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच कराई. जांच में पाया गया कि जिस मशीन की कीमत मात्र 4 हजार रुपये है उसका बिल 23 हजार रुपये का लगाया गया है. इसी तरह लिक्विड की खरीदी का बिल 3 हजार 764 रुपये का है. इस तरह 12 हजार रुपये की तीन मशीन का बिल 69 हजार रुपये का पेश किया गया. जांच अधिकारी हेमशंकर देशलहरा ने बिल के भुगतान पर रोक लगाते हुए जांच रिपोर्ट एसडीएम, जिला कलेक्टर और संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को भेज दिया है. बता दें की जांच में दोषी पाई गई तत्कालीन CMO पूजा पिल्ले वर्तमान में नगर पालिका परिषद खैरागढ़ में CMO के पद पर पदस्थ है.