राजनांदगांव: जिले की घोरदा रेत खदान में अनियमितता बरते जाने पर सत्ता पक्ष के नेताओं की चुप्पी को लेकर के सवालिया निशान उठ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कांग्रेसी नेताओं को रेत खदान के मामले में आड़े हाथों लिया है. वहीं रेत परिवहन में लगी सैकड़ों गाड़ियों को लेकर भी कांग्रेस पर बीजेपी ने हमला बोला है.
दरअसल घोरदा रेत खदान लगातार विवादों के घेरे में रहती है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है. जबकि ठेकेदार लगातार रेत का उत्खनन और परिवहन कर रहे हैं. वहीं लॉकडाउन होने के बाद भी रेत खदान शुरू कराने में हड़बड़ी किए जाने पर प्रशासन के अधिकारी भी भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं. जिसके चलते बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि कि रेत खनन के मामले में सीमांकन सही नहीं किया गया है.
अवैध रेत उत्खनन को लेकर सड़क पर उतरेगी बीजेपी
वहीं भाजपा के डोंगरगांव मंडल अध्यक्ष राम कुमार गुप्ता का कहना है कि कोरोना के चलते पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है, फिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि प्रशासन को रातों-रात रेत खदान शुरू करानी पड़ी. उनका कहना है कि सत्ता पक्ष के नेताओं में दबाव में आकर प्रशासन काम कर रहा है और क्षेत्र में लगातार अवैध रेत उत्खनन को बढ़ावा दे रहा है. इसमें कई कांग्रेसी नेती भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि जनता को रेत अधिक दामों में बेची जा रही है और रेत की कालाबाजारी के खेल में कई कांग्रेसी नेता सहित ठैकेदार संलिप्त हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं करता है, तो बीजेपी सड़क पर उतरकर इसका पुरजोर विरोध करेगी.
'दोबारा सीमांकन की मांग होगी तो कराएंगे'
वहीं क्षेत्रीय विधायक दलेश्वर साहू का कहना है कि, 'बीजेपी के नेता मांग करें, तो हम रेत खदान का दोबारा सीमांकन कराने के लिए तैयार हैं. कांग्रेस के जनपद सदस्यों ने भी सीमांकन की मांग की थी, लेकिन सीमांकन के दौरान सदस्यों ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी, जिसके चलते खदान शुरू कराई गई है'.