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शराब बिक्री पर रमन का फूटा गुस्सा, बोले- '40 दिन की तपस्या भंग हो गई' - छत्तीसगढ़ सरकार

राजनांदगांव के जिला भाजपा कार्यालय में पूर्व सीएम रमन सिंह ने भूपेश सरकार जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में शराबबंदी किए जाने को लेकर के भूपेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले हाथ में गंगा जल लेकर के कसम खाई थी, लेकिन आज वह इसके विपरीत कार्य कर रहे हैं. बघेल सरकार ने 40 दिन की तपस्या भंग कर दी है.

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रमन ने बघेल पर साधा निशाना
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Published : May 6, 2020, 6:54 PM IST

Updated : May 6, 2020, 9:16 PM IST

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में 4 मई से शराब की दुकानें खुल गई हैं, जिससे लोगों की शहरों में भीड़ उमड़ रही है. लॉकडाउन के बीच शहरों में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर निशाना साधा है. रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार की शराब बिक्री की नीति को लेकर के सवाल उठाए हैं. राज्य में शराब बेचने के फैसले को लेकर के रमन सिंह ने कहा कि 40 दिन की तपस्या भंग हो गई है. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के एक फैसले के कारण छत्तीसगढ़ में सोशल डिस्टेंसिंग और धारा 144 की धज्जियां उड़ गई हैं.

भूपेश सरकार पर रमन का हमला

छत्तीसगढ़ सरकार के पास पैसे हैं लेकिन खर्च नहीं कर रही: बृजमोहन अग्रवाल

रमन सिंह ने जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भूपेश सरकार से तीखे सवाल किए. उन्होंने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ में शराबबंदी किए जाने को लेकर के भूपेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले हाथ में गंगा जल लेकर के कसम खाई थी, लेकिन आज वह इसके विपरीत कार्य कर रहे हैं. सीएम बघेल फैली महामारी के दौर में भी शराब बेचने के फैसले को सहमति दे रहे हैं'.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई CWC की बैठक, सीएम भूपेश ने केंद्र से मांगा राहत पैकेज

'शराब 17 मई तक नहीं बेची जानी चाहिए थी'

रमन ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शराब 17 मई तक नहीं बेची जानी चाहिए थी. छत्तीसगढ़ के लोगों में इस बात को लेकर के काफी आक्रोश है. छत्तीसगढ़ की महिलाएं भी सरकार के इस फैसले से नाखुश हैं. छत्तीसगढ़ की महिला कमांडो जी-जान जान लगाकर शराब का विरोध कर रही हैं, लेकिन शराब बेचकर सरकार ने साफ तौर पर बता दिया है कि राजस्व से बढ़कर उनके लिए कुछ नहीं.

छूट गई थी आदत, लेकिन दुकान खुलने के बाद नहीं रोक पा रहे खुद को

दूसरे राज्यों से वापस आने वाले मजदूरों का हो रैपिड टेस्ट
रमन सिंह ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से लगातार मजदूर बिना मेडिकल चेकअप के राज्य में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे मजदूरों को दूसरे राज्यों से लाने की सुविधा सरकार दे और राज्य की सीमा में पहुंचने के बाद उनका मेडिकल टेस्ट करें. रैपिड टेस्ट किट के जरिए मजदूरों का कोरोना टेस्ट किया जाना चाहिए, ताकि राज्य को संक्रमण से दूर रखा जा सके.

शराब दुकान के सामने पोस्टर चस्पा कर लोगों को जागरूक करते नजर आए पुलिस

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य खेल गई सरकार
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लागू करके जिस तरीके से लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की चिंता की थी, उसके विपरीत छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब दुकान खोल कर छत्तीसगढ़ के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेल गई. सैकड़ों की भीड़ शराब दुकानों में लगी जहां सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग नहीं हो पाया. इसके कारण संक्रमण फैलने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को केवल राजस्व की चिंता है. छत्तीसगढ़ का बजट 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए है. लेकिन शराब अगर 17 मई तक न बेची जाए तो महज 300 करोड़ रुपए का नुकसान होगा, लेकिन इसके बदले में छत्तीसगढ़ के लाखों लोग संक्रमण से बचे रहेंगे.

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में 4 मई से शराब की दुकानें खुल गई हैं, जिससे लोगों की शहरों में भीड़ उमड़ रही है. लॉकडाउन के बीच शहरों में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर निशाना साधा है. रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार की शराब बिक्री की नीति को लेकर के सवाल उठाए हैं. राज्य में शराब बेचने के फैसले को लेकर के रमन सिंह ने कहा कि 40 दिन की तपस्या भंग हो गई है. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के एक फैसले के कारण छत्तीसगढ़ में सोशल डिस्टेंसिंग और धारा 144 की धज्जियां उड़ गई हैं.

भूपेश सरकार पर रमन का हमला

छत्तीसगढ़ सरकार के पास पैसे हैं लेकिन खर्च नहीं कर रही: बृजमोहन अग्रवाल

रमन सिंह ने जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भूपेश सरकार से तीखे सवाल किए. उन्होंने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ में शराबबंदी किए जाने को लेकर के भूपेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले हाथ में गंगा जल लेकर के कसम खाई थी, लेकिन आज वह इसके विपरीत कार्य कर रहे हैं. सीएम बघेल फैली महामारी के दौर में भी शराब बेचने के फैसले को सहमति दे रहे हैं'.

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'शराब 17 मई तक नहीं बेची जानी चाहिए थी'

रमन ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शराब 17 मई तक नहीं बेची जानी चाहिए थी. छत्तीसगढ़ के लोगों में इस बात को लेकर के काफी आक्रोश है. छत्तीसगढ़ की महिलाएं भी सरकार के इस फैसले से नाखुश हैं. छत्तीसगढ़ की महिला कमांडो जी-जान जान लगाकर शराब का विरोध कर रही हैं, लेकिन शराब बेचकर सरकार ने साफ तौर पर बता दिया है कि राजस्व से बढ़कर उनके लिए कुछ नहीं.

छूट गई थी आदत, लेकिन दुकान खुलने के बाद नहीं रोक पा रहे खुद को

दूसरे राज्यों से वापस आने वाले मजदूरों का हो रैपिड टेस्ट
रमन सिंह ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से लगातार मजदूर बिना मेडिकल चेकअप के राज्य में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे मजदूरों को दूसरे राज्यों से लाने की सुविधा सरकार दे और राज्य की सीमा में पहुंचने के बाद उनका मेडिकल टेस्ट करें. रैपिड टेस्ट किट के जरिए मजदूरों का कोरोना टेस्ट किया जाना चाहिए, ताकि राज्य को संक्रमण से दूर रखा जा सके.

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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य खेल गई सरकार
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लागू करके जिस तरीके से लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की चिंता की थी, उसके विपरीत छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब दुकान खोल कर छत्तीसगढ़ के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेल गई. सैकड़ों की भीड़ शराब दुकानों में लगी जहां सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग नहीं हो पाया. इसके कारण संक्रमण फैलने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को केवल राजस्व की चिंता है. छत्तीसगढ़ का बजट 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए है. लेकिन शराब अगर 17 मई तक न बेची जाए तो महज 300 करोड़ रुपए का नुकसान होगा, लेकिन इसके बदले में छत्तीसगढ़ के लाखों लोग संक्रमण से बचे रहेंगे.

Last Updated : May 6, 2020, 9:16 PM IST
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