राजनांदगांव: राजनीति का नशा ही कुछ ऐसा है कि अच्छे-अच्छे लोग अपना घर द्वार तक गिरवी रखकर चुनाव लड़ते हैं. कुछ ऐसा ही खुमार चढ़ा है समोसा बेचने वाले अजय पाली के सिर पर. चुनाव के मैदान में उतरने के लिए अजय इतने उत्सुक हैं कि अपने पांच साल से जमा किए हुए 2 और 5 रुपए के सिक्कोंको नामांकन के लिए जमानत राशि रूप में जमा करवा चुके हैं.
मजे की बात तो ये है कि इस नामांकन के तौर पर दी गई रकम को गिनने के लिए निर्वाचन में लगे कर्मचारियों को तकरीबन डेढ़ घंटे का समय लग गया.
होटल संचालक हैं अजय
राजनांदगांव से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर कवर्धा निवासी अजय पाली पेशे से होटल संचालक हैं. सिविल लाइन में पाली की एक छोटी सी चाय नाश्ते की दुकान है. यहां वे पिछले 5 साल से सिक्कों को जमाकर लोकसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी उतरने की तैयारी में लगे थे. उन्होंने नामांकन दाखिले के पहले ही दिन कवर्धा से राजनांदगांव पहुंचकर जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन पत्र लिया.
पाली ने नामांकन दाखिले के लिए बतौर जमानत राशि 25 हजार रुपए जमा किया. ये राशि एक, दो और 5 रुपए के सिक्के के रूप में जमा की गई, क्योंकि पाली ने इस रकम को पिछले 5 साल से ऐसे ही टुकड़ों में इकट्ठा किया था. अब इस रकम से वे चुनाव लड़ना चाहते हैं.
नगर पालिका अध्यक्ष का लड़ चुके हैं चुनाव
अजय ने इसके पूर्व भी नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा है. नगर पालिका निगम कवर्धा में हुए चुनाव में उन्होंने बतौर प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी थी. इसके अलावा पूर्व में विधानसभा चुनाव में भी वे अपना भाग्य आजमा चुके हैं.
सिस्टम से परेशान होकर चुनाव मैदान में
अजय ने बताया कि वे सरकारी सिस्टम से काफी परेशान हैं. लोगों को जब देखते हैं कि अपने आवेदन लेकर इस विभाग से उस विभाग भटकते रहते हैं और एक समय में उन्होंने इस दर्द को सहा भी है. इसके चलते वे चुनाव मैदान में बतौर प्रत्याशी उतरे हैं. उनका कहना है कि अगर वो लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं, तो जनता के लिए बेहतर तरीके से काम करेंगे और सिस्टम को सुधारेंगे.
एक जुआ है ये चुनाव
अजय ने बताया कि 25 हजार की रकम उनके लिए बहुत बड़ी है, लेकिन इसके बावजूद भी वे लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाने से पीछे नहीं हटेंगे. ये चुनाव उनके लिए जुए की तरह है. अगर वे जीत जाते हैं, तो जनता की भलाई के लिए ही काम करेंगे. उनका कहना है कि जनता की भलाई के लिए काम करने वाले नेता कम ही हैं. इसके चलते वे बार-बार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं.