खैरागढ़/राजनांदगांव: एक ओर समूचा देश कोरोना संकटकाल से गुजर रहा है. लोग रोजगार की तालाश में भटक रहे है. तो वहीं दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. कच्चे तेल के दाम स्थिर होने के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमन छू रही है. कोरोना संकट के बीच पेट्रोल-डीजल की डेली प्राइसिंग में 10 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है. शहर में पेट्रोल 79.19 रुपये लीटर हो गया है, वहीं डीजल 78.26 रुपये लीटर में बिक रहा है.
बिक्री में 30 से 40 फीसदी की कमी
ETV भारत ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों काे लेकर पड़ताल की. शहर में 30 वर्षो से संचालित चोपड़ा फ्यूल्स के संचालक अमित चोपड़ा से ETV भारत की टीम ने चर्चा की. उन्होंने बताया कि मार्च से लेकर जून माह तक पेट्रोल-डीजल की बिक्री में करीब 30 से 40 फीसदी की कमी आई है. इस वजह से पंप संचालकों के अलावा सरकार पर भी आर्थिक भार पड़ रहा है. वहीं सरकार की खजाने में कमी आई है. यहीं वजह है कि सरकार कीमतों में बढ़ोत्तरी कर उसी आर्थिक भार को कम करने की कोशिश कर रही है. क्योंकि ईंधन की कीमतों का बड़ा हिस्सा उत्पाद शुल्क के रूप सरकार को सीधा मिल जाता है.
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पंपों में ग्राहकों की कमी
लॉकडाउन और पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि की वजह से अब पंपों में सन्नाटा पसर रहा है. अब पेट्रोल-डीजल के लिए लाइन नहीं लग रही है. पंप ऑपरेटर ने बताया कि पहले से ग्राहकों में कमी आई है. जो लोग पहले 100-200 रुपये का पेट्रोल या डीजल भरवाते थे, वो अब महज 30 से 70 रुपये तक का ही पेट्रोल भरवा रहे है.
लॉकडाउन से हुआ आर्थिक नुकसान
ग्राहकों का कहना है कि लॉकडाउन में काम बंद हो जाने से अब उनकी आमदनी का जरिया खत्म हो चुका है. जिससे किसी तरह उनका घर चल रहा है. लोगों का कहना है कि पहले वे एक साथ 200 रुपए का पेट्रोल डलवाते थे लेकिन अब पैसे नहीं होने के कारण सिर्फ 20- 30 रुपए का ही पेट्रोल डाल पाते है.
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