राजनांदगांव: सरकार की नजूल भूमि का पट्टा वितरण दिए जाने की योजना खटाई में पड़ सकती है. योजना के क्रियान्वयन को लेकर ऑफिसर जरा भी गंभीर नहीं है. इस बात का खुलासा शहर के वार्ड क्रमांक 42 के निवासियों ने किया है. वार्ड 42 के रहवासियों ने नजूल भूमि पर पट्टा दिए जाने को लेकर सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है, जबकि पिछले 40 साल से वार्ड में निवासरत है. इसके बाद भी पट्टा वितरण में अफसर गड़बड़ी करने से बाज नहीं आ रहे हैं'.
शहर के वार्ड क्रमांक 42 के नाले के किनारे बसे तकरीबन 60 परिवारों को राज्य शासन की पट्टा वितरण योजना के तहत नजूल भूमि का पट्टा दिया जाना है, लेकिन जिला प्रशासन के अफसर इस मामले को लेकर काफी गड़बड़ी कर रहे हैं. रहवासियों का आरोप है कि 60 परिवारों में आधे लोगों को 30 साल का पट्टा दिया जा रहा है. वहीं आधे रहवासियों को केवल 1 साल का पट्टा दिया जा रहा है, जबकि वह तकरीबन 40 साल से नजूल भूमि पर काबिज है इस मामले को लेकर पार्षद ऋषि शास्त्री के नेतृत्व में वार्ड के लोगों ने कलेक्टर से मिलकर मामले में शिकायत की है सभी को पट्टा देने की मांग रहवासियों ने वार्ड के नजूल भूमि पर काबिज सभी लोगों को पट्टा दिए जाने की मांग की है.
अफसरों की लापरवाही से बने हालात
वार्ड के पार्षद ऋषि शास्त्री का कहना है कि तकरीबन 40 साल से वार्ड के लोग नजूल भूमि पर काबिज हैं. इस लिहाज से सभी को बिना किसी भेदभाव के पट्टा दिया जाना चाहिए, लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण ऐसी स्थितियां निर्मित हो रही है. इस मामले को लेकर उन्होंने लिखित शिकायत कलेक्टर को दी है.
लोगों को बांटा जा रहा पट्टा
बता दें कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में नजूल भूमि पर काबिज लोगों को पटा दिया जाने की बात कही थी. अब नजर भूमि पर काबिज लोगों को पट्टा दिया जा रहा है, लेकिन अफसर इस योजना में पलीता लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं.