राजनांदगांव: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ शिशु हॉस्पिटल में बुधवार को फिर एक बच्चे की जान चली गई है. निमोनिया की शिकायत के कारण डेढ़ साल के बच्चे को मातृ शिशु अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. जहां नर्सों की लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई. वहीं मामले में परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया है.
जानकारी के मुताबिक मातृ शिशु अस्पताल में मंगलवार को निमोनिया की शिकायत के चलते मानपुर ब्लॉक के पानाबरस के रहने वाले रोहित यादव ने अपने बेटे को इलाज के लिए भर्ती कराया था. इसके पहले मानपुर स्थित अस्पताल से बच्चे की स्थिति नाजुक होने के बाद उसे रेफर किया गया था. वहीं राजनांदगांव के मातृ शिशु अस्पताल में बच्चे का इलाज जारी था, लेकिन नर्सों की लापरवाही और डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण बुधवार को बच्चे की मौत हो गई. इसी पूरी घटना के बाद परिजनों ने नर्सों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
परिजन का आरोप
परिजन का आरोप है कि ड्यूटी में तैनात नर्स को सूचना देने के बाद भी उन्होंने बच्चे को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं लगाया. जिसकी वजह से बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई.
भगवान भरोसे चल रहा अस्पताल
बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया है. वहीं परिजन ने जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग भी की है. बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन अधीक्षक और प्रभारी अधीक्षक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. जिसकी वजह से अस्पताल भगवान भरोसे संचालित हो रहा है.
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स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के केस लगातार सामने आ रहे हैं. लोग लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुसीबते झेल रहे हैं. वहीं 14 अगस्त को जशपुर के दोकड़ा चौकी क्षेत्र के पोखराटोली गांव में इलाज के अभाव में डेढ़ महीने की दुधमुंही बच्ची की मौत हो गई थी. बच्ची की मौत के बाद उसके परिजन ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी.