राजनांदगांवः किसी भी इंसान का हक होता है कि मौत के बाद उसके शव का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार हो, लेकिन कोरोना काल ने हर किसी को मजबूर कर रख दिया है और इंसानी हक भी लापरवाही की भेंट चढ़ रहे हैं. ऐसा ही मामला सामने आया है राजनांदगांव के डोंगरगांव से, जहां नगर पंचायत के कर्मचारियों की लापरवाही ने शर्मनाक नजारा पेश किया. दरअसल बुधवार को यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की कोविड सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई. इन लाशों को ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिला, तो नगर पंचायत कर्मचारियों ने कचरा उठाने वाली गाड़ियों से ही लाशों को मुक्तिधाम भेज दिया.
परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप
मरीज के परिजनों ने बताया कि नगर पंचायत डोंगरगांव में बनाए गए कोविड-19 सेंटर में बुधवार को कोरोना संक्रमित 3 मरीजों की मौत हो गई. इनमें जरवाही निवासी बुधियारिन बाई, आसरा निवासी प्रेमलता और निर्मला बाई शामिल हैं. मौत के बाद शव को प्रोटोकॉल के तहत मुक्तिधाम (crematorium) भेजा जाना था, लेकिन नगर पंचायत के कर्मचारियों ने लापरवाही बरतते हुए शव को कचरा उठाने वाली गाड़ी से ही मुक्तिधाम भेज दिया.
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डॉ किरण गायकवाड़ ने बताया कि तीनों महिलाओं का ऑक्सीजन लेवल बेहद कम था. उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. उन्होंने बताया कि तीनों महिलाओं को एक दिन पहले ही कोविड 19 सेंटर में भर्ती कराया गया था.
कचरा वाहन में शव ले जाने को लेकर CMHO की सफाई
वहीं सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी ने कहा कि शव वाहन के इंतजाम की जिम्मेदारी सीएमओ नगर पंचायत की है. उन्हें ये इंतजाम करना है कि शवों को परिजनों या फिर मुक्तिधाम जहां भी व्यवस्था है, वहां पहुंचाएं.
इधर सीएमओ बीआर तिवारी जांच की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले उस वाहन से कचरा उठाने का काम किया जाता था, लेकिन अब केवल उससे मुनादी कराई जाती है.
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नगर पंचायत को दी गई है जिम्मेदारी
नगर पंचायत की इस लापरवाही के सामने आने के बाद ये डोंगरगांव में दिनभर चर्चा का विषय बना रहा. नगर पंचायत डोंगरगांव के पास अपना शव वाहन नहीं है. इसके चलते कचरा उठाने वाली गाड़ी से ही यह काम लिया जा रहा है, जो बेहद शर्मनाक है. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ बीएमओ रागिनी चंद्रे का कहना है कि शव उठाने की जिम्मेदारी नगर पंचायत को सौंपी गई है. उन्होंने किस गाड़ी का उपयोग किया है, इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.