राजनांदगांव: मुस्लिम समाज में गरीब तबके के लोगों को अपनी बेटियों की शादी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, घर के हालात ऐसे नहीं थे कि धूमधाम से बेटियां की शादी कराई जा सके, लेकिन फिर समाज के लोगों ने नेक पहल करते हुए 8 जोड़ों का निकाह कराया. ये सभी आठ जोड़ें मुस्लिम समाज के गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
दरअसल मुस्लिम समाज के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था, कई गरीब परिवारों की परिस्थितियां ऐसी नहीं थी कि वे अपने बेटियों की शादी करवा सकें. ऐसे में समाज के वरिष्ठ लोगों ने एक कमेटी बनाकर शहर के ऐसे लोगों से संपर्क किया जो आर्थिक रूप से इस काम के लिए मदद कर सकते थे.
समाज के वरिष्ठ लोगों ने एक कमेटी बनाकर समाज के गरीब तबके के लोगों की बेटियों की शादी का बीड़ा उठाया, इसके लिए हर उस व्यक्ति के पास गए जो उनकी मदद कर सकते थे, देखते ही देखते कमेटी के लोगों को अच्छी खासी मदद मिलने लग गई.
8 जोड़ों का कराया निकाह
कमेटी के सदस्यों ने शहर के वरिष्ठ लोगों से मदद लेकर साथ ही समाज के लोगों से थोड़ा-थोड़ा चंदा इकट्ठा कर शहर के 8 गरीब परिवारों की बेटियों का निकाह कराया है शहर के 8 गरीब परिवार की बेटियां अब अलग-अलग राज्य में दुल्हन बन कर जा रही हैं.
नवजीवन के लिए दिए उपहार
शादी के बंधन में बनने वाले नव दंपत्ति को पूरे धूमधाम से विदा किया गया है नव दंपत्ति को नए जीवन की शुरुआत के लिए कमेटी और समाज के लोगों के और से उपहार भी दिए गए हैं जिससे वे अपने नए जीवन को सुखमय तरीके से शुरुआत कर सकें.
सोसाइटी बनाकर किया काम
इस मामले में समाज के वरिष्ठ अब्दुल करीम मनिहार का कहना है कि 'आला हजरत वेलफेयर सोसाइटी बनाकर समाज के लोगों ने ऐसे परिवारों के मदद के लिए रास्ता निकाला समाज के साथ शहर के वरिष्ठ लोगों से इस काम के लिए मदद ली और यह पहला साल है जब मुस्लिम समाज में सामूहिक निकाह का आयोजन किया गया है, इसमें 8 जोड़ों का निकाह कराया गया है जो आसपास के इलाके के गरीब परिवारों के घरों की बेटियां है.