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इस साल भी नहीं मिले मंडीप खोल गुफा के भोलेनाथ के दर्शन

राजनांदगांव के रहस्यमयी मंडीप खोल गुफा का द्वार साल में केवल एक दिन के लिए खुलता है. अक्षय तृतीया के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार को इस गुफा का द्वार खोला जाता है. इस साल मंडीप खोल गुफा को कोरोना के कारण नहीं खोला गया है. हर साल यहां भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालु आधी रात से ही पहाड़ी पर डेरा डालकर बैठे रहते थे, लेकिन इस साल उन्हें निराश होना पड़ा है.

Mandip Khol cave of rajnandgaon is closed this year due to corona
मंडीप खोल गुफा
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Published : May 17, 2021, 1:10 PM IST

Updated : May 17, 2021, 3:51 PM IST

राजनांदगांव : जिले के खैरागढ़ विधानसभा के छुईखदान विकासखण्ड में मंडीप खोल गुफा स्थित है. इस साल भी कोरोना संक्रमण की वजह से पर्यटकों को गुफा में जाने की अनुमति नहीं मिली. इस गुफा को साल में सिर्फ एक बार अक्षय तृतीया के बाद आने वाली पहले सोमवार को खोला जाता है. 17 मई यानी आज इस गुफा को खोला जाना था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल भी गुफा नहीं खुली.

Mandip Khol cave of rajnandgaon is closed this year due to corona
मंडीप खोल गुफा

छुईखदान ब्लॉक मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर यह गुफा मौजूद है. मंडीप खोल गुफा में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालु आधी रात से ही पहाड़ी पर डेरा डाल लिया करते थे. सुबह तड़के लोग श्वेत गंगा (गुफानुमा कुंड) में नहाने के बाद गुफा में प्रवेश कर शिवलिंग का दर्शन किया करते थे. सुबह से शाम तक करीब 20 हजार श्रद्धालु शिवलिंग का दर्शन कर पूजा-अर्चना किया करते थे.

कभी प्रहरियों से घिरे हुए बीजापुर राजमहल की बदहाली

आसपास के गांव सहित पूरे जिले और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. परम्परा के अनुसार अक्षय तृतीया के पहले सोमवार को सुबह 8 बजे ठाकुरटोला राजपरिवार के लाल रोहित सिंह पुलस्तय राजपुरोहित के साथ शिवलिंग की पूजा-अर्चना के लिए गुफा में प्रवेश करते हैं. इसके बाद ही इसे लोगों के दर्शन के लिए खोला जाता है. गुफा खुलने के पहले ही सुरक्षा के लिहाज से 3 दिन पूर्व ही गुफा में जंगली जानवर और अन्य सुरक्षा की जांच की जाती है.

ऐसी मान्यता है

राजनांदगांव जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी की दूरी तय कर इस रहस्यमयी गुफा में लोगों का जत्था दुर्गम रास्ते से होकर पहुंचता है. इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस पर रोक लगा दी गई है. इसके चलते लोगों को इस रोमांचक अनुभव से वंचित होना पड़ रहा है. गुफा के अंदर जाने पर बताया जाता है कि इस कुंड में पूरे सालभर पानी रहता है. कुंड के बारे में मान्यता है कि जो भी इस कुंड में डुबकी लगाते हैं, उन लोगों के कुष्ठ रोग दूर हो जाते हैं.

Mandip Khol cave of rajnandgaon is closed this year due to corona
लोगों की लगती थी भीड़
मंडी खोल गुफा पहुंचने का रास्ताराजनांदगांव से खैरागढ़, छुईखदान होते हुए नर्मदा तक पहुंचा जाता है. नर्मदा पहुंचकर मलाजखण्ड, कान्हा किसली राष्ट्रीय राजमार्ग पर साल्हेवारा और नर्मदा के बीच पड़ने वाले पैलीमेंटा गांव से ठाकुरटोला होते हुए लगभग 16 किलोमीटर की दूरी और इस बीच 16 बार नदियों को पार कर इस गुफा के पास पहुंचा जाता है.

चौड़ेश्वर महादेव भी है प्रसिद्ध

इस मार्ग पर पैलीमेंटा घाट की चढ़ाई पूरी होने के साथ ही कुछ दूरी पर चौड़ेश्वर महादेव विराजित हैं. लगभग आधा किलोमीटर की दूरी तय कर इस मंदिर में पहुंचा जा सकता है.

राजनांदगांव : जिले के खैरागढ़ विधानसभा के छुईखदान विकासखण्ड में मंडीप खोल गुफा स्थित है. इस साल भी कोरोना संक्रमण की वजह से पर्यटकों को गुफा में जाने की अनुमति नहीं मिली. इस गुफा को साल में सिर्फ एक बार अक्षय तृतीया के बाद आने वाली पहले सोमवार को खोला जाता है. 17 मई यानी आज इस गुफा को खोला जाना था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल भी गुफा नहीं खुली.

Mandip Khol cave of rajnandgaon is closed this year due to corona
मंडीप खोल गुफा

छुईखदान ब्लॉक मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर यह गुफा मौजूद है. मंडीप खोल गुफा में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालु आधी रात से ही पहाड़ी पर डेरा डाल लिया करते थे. सुबह तड़के लोग श्वेत गंगा (गुफानुमा कुंड) में नहाने के बाद गुफा में प्रवेश कर शिवलिंग का दर्शन किया करते थे. सुबह से शाम तक करीब 20 हजार श्रद्धालु शिवलिंग का दर्शन कर पूजा-अर्चना किया करते थे.

कभी प्रहरियों से घिरे हुए बीजापुर राजमहल की बदहाली

आसपास के गांव सहित पूरे जिले और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. परम्परा के अनुसार अक्षय तृतीया के पहले सोमवार को सुबह 8 बजे ठाकुरटोला राजपरिवार के लाल रोहित सिंह पुलस्तय राजपुरोहित के साथ शिवलिंग की पूजा-अर्चना के लिए गुफा में प्रवेश करते हैं. इसके बाद ही इसे लोगों के दर्शन के लिए खोला जाता है. गुफा खुलने के पहले ही सुरक्षा के लिहाज से 3 दिन पूर्व ही गुफा में जंगली जानवर और अन्य सुरक्षा की जांच की जाती है.

ऐसी मान्यता है

राजनांदगांव जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी की दूरी तय कर इस रहस्यमयी गुफा में लोगों का जत्था दुर्गम रास्ते से होकर पहुंचता है. इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस पर रोक लगा दी गई है. इसके चलते लोगों को इस रोमांचक अनुभव से वंचित होना पड़ रहा है. गुफा के अंदर जाने पर बताया जाता है कि इस कुंड में पूरे सालभर पानी रहता है. कुंड के बारे में मान्यता है कि जो भी इस कुंड में डुबकी लगाते हैं, उन लोगों के कुष्ठ रोग दूर हो जाते हैं.

Mandip Khol cave of rajnandgaon is closed this year due to corona
लोगों की लगती थी भीड़
मंडी खोल गुफा पहुंचने का रास्ताराजनांदगांव से खैरागढ़, छुईखदान होते हुए नर्मदा तक पहुंचा जाता है. नर्मदा पहुंचकर मलाजखण्ड, कान्हा किसली राष्ट्रीय राजमार्ग पर साल्हेवारा और नर्मदा के बीच पड़ने वाले पैलीमेंटा गांव से ठाकुरटोला होते हुए लगभग 16 किलोमीटर की दूरी और इस बीच 16 बार नदियों को पार कर इस गुफा के पास पहुंचा जाता है.

चौड़ेश्वर महादेव भी है प्रसिद्ध

इस मार्ग पर पैलीमेंटा घाट की चढ़ाई पूरी होने के साथ ही कुछ दूरी पर चौड़ेश्वर महादेव विराजित हैं. लगभग आधा किलोमीटर की दूरी तय कर इस मंदिर में पहुंचा जा सकता है.

Last Updated : May 17, 2021, 3:51 PM IST
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