राजनांदगांव: ये आंसू सिस्टम की ओर से दिए जख्म के दर्द की दास्तां बया रहे हैं. ये सिसक यह बताने के लिए काफी है कि जिंदगी की आस में अस्पताल जाने वाला जब मौत के मुंह में पहुंच जाता है, तो इसकी गाज सिर्फ उस पर नहीं बल्कि पूरे परिवार पर गिरती है. मामला राजनांदगांव के अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज का है.
हर हफ्ते खर्च होते हैं 10 हजार रुपये
इस कॉलेज के डॉक्टरों ने साठ साल के ईश्वर देवांगन को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया, इसकी वजह से ईश्वर की दोनों किडनी फेल हो गई. किडनी खराब होने की वजह से उनके परिवार को हर हफ्ते डायलिसिस कराना पड़ता है, जिसमें 10 हजार रुपये का खर्च आता है.
डॉक्टरों ने चढ़ाया गलत खून
कमजोरी की शिकायत के बाद आठ अप्रैल को ईश्वर देवांगन को अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने गलत खून चढ़ा दिया. दरअसल ईश्वर का ब्लडग्रुप बी पॉजिटिव था लेकिन प्रबंधन ने उन्हें एबी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया. इलाज करने के दो दिन बात ईश्वर की तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद परिजन ने उन्हें रायपुर में मौजूद एम्स में भर्ती कराया.
दोनों किडनियां हुई डैमेज
एम्स के डॉक्टरों के इलाज से जब उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ, तो परिजन ईश्वर को लेकर भिलाई के निजी अस्पताल पहुंचे. यहां के डॉक्टरों ने जांच के बाद बीमारी की जो वजह बताई उससे परिजन के पैर तले से जमीन खिसक गई. डॉक्टरों ने बताया कि गलत ग्रुप का खून चढ़ाने की वजह से ईश्वर की दोनों किडनियां डैमेज हो चुकी हैं.
रिपोर्ट में बी प्वॉजिटिव बताया गया ब्लड ग्रुप
ईश्वर को 8 अप्रैल को पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया किया था और इसी दिन उन्हें ब्लड चढ़ाया गया था. वहीं दूसरी बार उन्हें 21 जून को दोबारा भर्ती किया गया और इस दिन ईश्वर के परिजन ने एहतियातन ब्लड ग्रुप टेस्ट कराया, जिसकी रिपोर्ट में भी उनका ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव बताया गया.
आटो चलाते हैं ईश्वर के बेटे
ईश्वर देवांगन के बेटे योगेश आटो चलाकर अपने परिवर का पेट पालते हैं, ऐसे में वो अपने पिता का महंगा इलाज कैसे कराएंगे यह सवाल उन्हें खाए जा रहा है. वहीं इस मामले में अस्पताल के सीएमएचओ ने मदद का भरोसा दिया है, जिन डॉक्टरों को आप भगवान का दर्जा देते हैं, लेकिन उनकी एक छोटी की गलती किसी की जिंदगी पर कितनी भारी पड़ सकती है. यह ईश्वर के केस को देखकर बखूबी समझ सकते हैं.