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151 किलो वजनी पारे के शिवलिंग की स्थापना,जान लीजिए खासियत

छत्तीसगढ़ का पहला 151 किलो वजनी पारे का शिवलिंग राजनांदगांव में स्थापित होने जा रहा है. इस शिवलिंग की खासियत काफी है. सिर्फ पूजा और जलाभिषेक मात्र से आप अपने कष्टों का निवारण पा सकते (Installation of mercury Shivling weighing 151 kg in Rajnandgaon) हैं.

Installation of mercury Shivling weighing 151 kg in Rajnandgaon
151 किलो वजनी पारे के शिवलिंग की स्थापना
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Published : Jun 3, 2022, 2:04 PM IST

राजनांदगांव : शहर के बर्फानी धाम स्थित मां पाताल भैरवी मंदिर (Rajnandgaon Maa Patal Bhairavi Temple ) में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के साथ श्रद्धालुओं को पारा धातु के शिवलिंग के भी दर्शन होंगे. यहां 151 किलो के पारे का शिवलिंग स्थापित किया जा रहा है,जिसकी प्राण प्रतिष्ठा नौ से बारह जुलाई को की जाएगी.

राजनांदगांव में 151 किलो वजनी पारे के शिवलिंग की स्थापना

कहां से लाया गया शिवलिंग : इस शिवलिंग को उत्तराखंड के हरिद्वार से लाया गया (Mercury Shivling brought from Haridwar in Uttarakhand) है. मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि पारे से निर्मित 151 किलो वजनी शिवलिंग की स्थापना किसी मंदिर में संभवत प्रदेश में पहली बार हो रही है.

मंदिर में किनके होते हैं दर्शन : राजनांदगांव के सिद्ध शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध मां पाताल भैरवी मंदिर के आकाश लोक में स्थित भगवान शंकर की प्रतिमा के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन यहां भक्तों को होते हैं. वहीं अब पारे के शिवलिंग की पूजा का भी अवसर श्रद्धालुओं को मिलेगा. राजनांदगांव शहर स्थित शिव लिंगाकार मां पाताल भैरवी मंदिर के पाताल लोक में मां पाताल भैरवी विराजित हैं. तो वहीं भूलोक में राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दसमहाविद्या विराजमान हैं . मंदिर के आकाश लोक में भगवान भोलेनाथ और द्वादश ज्योतिर्लिंग हैं.

क्यों हो रही है शिवलिंग स्थापना : मां पाताल भैरवी मंदिर में पारे के शिवलिंग की स्थापना जनकल्याण के उद्देश्य से की जा रही है. माना जाता है कि पारे के शिवलिंग की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति,समृद्धि के साथ समस्याओं से छुटकारा मिलता है. बीमारियां भी दूर होती है. 151 किलो वजनी इस पारे के शिवलिंग के दर्शन और पूजन का लाभ जुलाई माह से श्रद्धालुओं को (Devotees will get darshan in Rajnandgaon from July) मिलेगा. मंदिर समिति ने हरिद्वार उत्तराखंड से 151 किलो के पारे का शिवलिंग मां पाताल भैरवी मंदिर में लाया है.

ये भी पढ़ें - पहाड़ों पर बसे हैं जटाशंकर शिव, हर साल सावन में पहुंचते हैं सैकड़ों श्रद्धालु


कब होगी प्राण प्रतिष्ठा :शिवलिंग कि 9 से 12 जुलाई तक कई कार्यक्रम आयोजित कर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. मंदिर के पुजारी गोविंद महाराज ने बताया कि '' बर्फानी दादाजी ने यहां पारे के शिवलिंग की स्थापना करने की बात कही थी. उनके देवलोक गमन के बाद समिति ने पारे का शिवलिंग लाया है.यह प्रदेश का पहला इतने वजन के पारे का शिवलिंग होगा जो किसी मंदिर में स्थापित रहेगा.''

राजनांदगांव : शहर के बर्फानी धाम स्थित मां पाताल भैरवी मंदिर (Rajnandgaon Maa Patal Bhairavi Temple ) में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के साथ श्रद्धालुओं को पारा धातु के शिवलिंग के भी दर्शन होंगे. यहां 151 किलो के पारे का शिवलिंग स्थापित किया जा रहा है,जिसकी प्राण प्रतिष्ठा नौ से बारह जुलाई को की जाएगी.

राजनांदगांव में 151 किलो वजनी पारे के शिवलिंग की स्थापना

कहां से लाया गया शिवलिंग : इस शिवलिंग को उत्तराखंड के हरिद्वार से लाया गया (Mercury Shivling brought from Haridwar in Uttarakhand) है. मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि पारे से निर्मित 151 किलो वजनी शिवलिंग की स्थापना किसी मंदिर में संभवत प्रदेश में पहली बार हो रही है.

मंदिर में किनके होते हैं दर्शन : राजनांदगांव के सिद्ध शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध मां पाताल भैरवी मंदिर के आकाश लोक में स्थित भगवान शंकर की प्रतिमा के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन यहां भक्तों को होते हैं. वहीं अब पारे के शिवलिंग की पूजा का भी अवसर श्रद्धालुओं को मिलेगा. राजनांदगांव शहर स्थित शिव लिंगाकार मां पाताल भैरवी मंदिर के पाताल लोक में मां पाताल भैरवी विराजित हैं. तो वहीं भूलोक में राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दसमहाविद्या विराजमान हैं . मंदिर के आकाश लोक में भगवान भोलेनाथ और द्वादश ज्योतिर्लिंग हैं.

क्यों हो रही है शिवलिंग स्थापना : मां पाताल भैरवी मंदिर में पारे के शिवलिंग की स्थापना जनकल्याण के उद्देश्य से की जा रही है. माना जाता है कि पारे के शिवलिंग की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति,समृद्धि के साथ समस्याओं से छुटकारा मिलता है. बीमारियां भी दूर होती है. 151 किलो वजनी इस पारे के शिवलिंग के दर्शन और पूजन का लाभ जुलाई माह से श्रद्धालुओं को (Devotees will get darshan in Rajnandgaon from July) मिलेगा. मंदिर समिति ने हरिद्वार उत्तराखंड से 151 किलो के पारे का शिवलिंग मां पाताल भैरवी मंदिर में लाया है.

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कब होगी प्राण प्रतिष्ठा :शिवलिंग कि 9 से 12 जुलाई तक कई कार्यक्रम आयोजित कर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. मंदिर के पुजारी गोविंद महाराज ने बताया कि '' बर्फानी दादाजी ने यहां पारे के शिवलिंग की स्थापना करने की बात कही थी. उनके देवलोक गमन के बाद समिति ने पारे का शिवलिंग लाया है.यह प्रदेश का पहला इतने वजन के पारे का शिवलिंग होगा जो किसी मंदिर में स्थापित रहेगा.''

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