राजनांदगांव: कोरोना संक्रमण के दौरान डीएमएफ फंड से राजनांदगांव में स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की गई थी. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर खत्म हो जाने के बाद अब पिछले 4 महीनों से इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. जिसके बाद कर्मचारियों ने कलेक्टर से वेतन का भुकतान किए जाने की गुहार लगाई है.
राजनांदगांव के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों मे इन कर्मचारियों को रखा गया था. डीएमएफ फंड योजना के अंतगर्त काम कर रहे जिलेभर के स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या मे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अपनी चार माह की लंबित वेतन भुगतान की गुहार लगाई. कलेक्टर से जल्द से जल्द वेतन भुगतान करने की अपील करते हुए कर्मचारियों ने कहा कि चार माह से वेतन न मिलने से उन्हें आर्थिक समस्या से गुजरना पड रहा है.
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कोरोना संक्रमण के दौर में कोरोना वॉरियर बनकर लोगों की जान बचाने वाले हजारों स्वास्थ्य कर्मचारी जिन्हें संविधा या किसी दूसरी निधि के तहत रखा गया था. सरकार ने उनमें से अधिकांश को अब कार्यमुक्त कर दिया है. कोरोना के मामले कम होने के बाद किसी को नौकरी से हाथ धोना पड़ा तो किसी को समय से वेतन का भुकतान नहीं हो पाया है. जिसे लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान उन्होंने मरीजों की सेवा की. जबकि इस दौरान मरीज के परिजन भी मरीज से दूर भाग रहे थे. स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि वेतन न मिलने से उनकी दैनिक जीवन मे कठनाई हो रही है. घर परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.