राजनांदगांव: जिले के डोंगरगांव ब्लॉक के ग्राम अर्जुनी स्थित वैक्सीनेशन सेंटर में स्वास्थ्य कर्मचारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. टीकाकरण के बाद लोगों को बुखार की दवाई देने के बजाय स्वास्थ्य कर्मचारियों ने डायबिटीज की दवा दे दी. जिसके चलते एक ही परिवार के 5 लोगों की तबीयत बिगड़ गई है. मामले का खुलासा होते ही हड़कंप मचा हुआ है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले में अब जांच की बात कह रहे हैं.
बुखार की जगह दी शुगर की दवाई
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां टीकाकरण को लेकर आमजनों में भ्रांति और डर व्याप्त है. लोग टीका लगवाने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में टीकाकरण कार्य में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है.मामला डोंगरगांव ब्लॉक के ग्राम अर्जुनी का है. जहां शासकीय अस्पताल में मंगलवार को टीकाकरण के बाद मरीजों को बुखार के लिए दिया जाने वाली गोली के बदले शुगर के रोगियों को दी जाने वाली टेबलेट दे दी गई. दवाई खाने वाले अनेक हितग्राहियों को उल्टी, चक्कर और दूसरी शारीरिक परेशानियां सामने आने लगी. मामले का खुलासा तब हुआ, जब ग्राम रातापायली के एक परिवार के सात सदस्यों के वेक्सीनेशन के बाद पांच की तबीयत बिगड़ने लगी. तब परिजनों ने दवाई की जांच कराई, तो पता चला कि उन्होंने जो दवाई टीकाकरण के बाद दी है वह शुगर की दवाई निकली.
कई लोगों की जान से खेल गए स्वास्थ्य कर्मचारी
मंगलवार को अर्जुनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शासन की योजना से टीकाकरण का कार्य किया जा रहा था. इस दौरान कुल 68 हितग्राहियों को टीका लगाया गया. वहीं टीकाकरण के साइड इफेक्ट से राहत के लिए अस्पताल के कर्मचारियों ने बुखार की टेबलेट की जगह शुगर की दवाई दे दी. इस बारे में अस्पताल के कर्मचारियों का तर्क है कि दोनों के रेपर समान होने के कारण यह चूक हुई है. बता दें कि कुल 41 हितग्राही ऐसे हैं जिन्हें यह दवाई मिली है. इनमें से अनेक हितग्राहियों ने इसका सेवन भी किया है. जिसके बाद दवाई के साइड इफेक्ट साफ दिखाई दे रहा है. वहीं बुधवार को इसकी भनक लगते ही अस्पताल के कर्मचारियों ने संबंधित हितग्राहियों से दवाइयां वापस देनी शुरू कर दी.
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घातक को सकता है सेवन
मधुमेह रोगियों को दी जाने दवाइयों का सामान्य व्यक्तियों की ओर से सेवन किया जाना. विशेष रूप से खाली पेट की अवस्था मे प्राणघातक हो सकता है. मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार इसके सेवन से शरीर का शुगर लेबल तेजी से कम हो जाता है. मरीज को चक्कर सिरदर्द और उल्टी होने लगती है. समय रहते इलाज नहीं होने से मौत हो सकती है.
देर शाम तक होती रही जांच
घटना की जानकारी सामने आते ही सीएमएचओ डॉ मिथिलेश चौधरी बीएमओ डॉक्टर रागनी चन्द्रे को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया. जिसके बाद बुधवार शाम 5 बजे बीएमओ डॉ. रागिनी चंद्र और उनकी टीम अर्जुनी अस्पताल पहुंची. जहां जांच टीम ने मामले की जांच जारी होने की जानकारी दी है. इसके साथ यह भी बताया है कि जांच प्रतिवेदन सीएमएचओ को भेजा जाएगा इसके बाद मामले में कार्रवाई तय होगी.