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मोहला में सरस्वती विसर्जन के दौरान पुलिस और विसर्जन कर्ताओं में हुई मारपीट

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Published : Oct 9, 2022, 9:38 PM IST

fight between police and immersionists मोहला में सरस्वती विसर्जन करने जा रहे हैं ग्रामवासियों और पुलिस वाहन के ड्राइवर के साथ कहासुनी हो गई. इसके बाद महिला पुलिस और विसर्जन करने जा रहे लोगों के बीच मारपीट हो गई. इसके बाद ग्रामीणों ने रात को मोहला थाने के सामने स्टेट हाईवे पर चक्का जाम कर दिया.

fight between police and immersionists
मोहला में पुलिस और विसर्जन कर्ताओं में हुई मारपीट

राजनांदगांव: मोहला मानपुर व अंबागढ़ चौकी में मूर्ति विसर्जन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई है. मोहला में सरस्वती विसर्जन करने जा रहे हैं ग्रामवासियों और पुलिस वाहन के ड्राइवर के साथ कहासुनी हो गई. इसके बाद महिला पुलिस और विसर्जन करने जा रहे लोगों के बीच मारपीट हो गई. इस दौरान मूर्ति भी देवी माता की मूर्ति खंडित का भी पुलिस पर आरोप लगाया गया है. लाठी डंडे से बच्चे, महिला समेत युवाओं की पिटाई का भी आरोप लगाया गया है. इसके बाद ग्रामीणों ने रात को मोहला थाने के सामने स्टेट हाईवे पर चक्का जाम कर दिया. fight between police and immersionists

क्या है पूरा मामला: मोहला में सरस्वती विसर्जन के दौरान रात में पुलिस द्वारा ग्रामवासियों पर डंडे बरसाया गया. विसर्जन के दौरान महिला. पुरुष व बच्चे जख्मी हुए हैं. नाराज ग्रामीण रात से स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर मोहला थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे. उन्होंने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मौके पर मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार पहुंचे. प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश में जुट गए. आला अधिकारियों द्वारा समझाइश देने के बाद ग्रामीण शांत हुए.

रैली निकालने वालों पर लाठीचार्ज का आरोप: इस मामले में भाजपा नेत्री ने बताया कि "यहां शारदा समिति के सदस्य रात को 1:30 बजे से विरोध प्रदर्शन करने बैठे थे. रात में पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक रैली में लाठीचार्ज किया गया. जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत समिति के सदस्यों के साथ मारपीट की गई है. साथ ही माता की मूर्ति भी खंडित की गई है.धार्मिक महोत्सव मनाना क्या गलत है? रैली निकालने वालों के साथ पुलिस ने मारपीट की है.

यह भी पढ़ें: राजनांदगांव में आरक्षण पर आदिवासी समाज और बीजेपी ने NH53 को किया चक्का जाम

मामले पर क्या कहते हैं अधिकारी: मामले में पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार का कहना है कि "यह लोग कल रात को दुर्गा विसर्जन के लिए झांकी और डीजे लेकर जा रहे थे. जबकि हमने पहले ही शांति समिति की बैठक में समझाइश दी थी कि रात को 10 बजे तक विसर्जन किया जाना है. लेकिन फिर भी रात को 12 बजे के बाद इनके द्वारा डीजे बजा कर विसर्जन किया जा रहा था. इस पर आम जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुए डीजे बंद कराने की समझाइश दी जा रही थी.

जांच के बाद दोषियों पर होगी कार्रवाई: पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार ने बताया कि "इस दौरान भीड़ में कुछ लोगों ने शराब का सेवन किया था. जिस पर पुलिसकर्मियों और उनके बीच विवाद हो गया. जिससे मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो गई. उसके बाद यह लोग मूर्ति को मोहला थाने के सामने लाकर रात से प्रदर्शन पर बैठे हुए थे. सुबह जब मुझे जानकारी हुई, तो यहां पहुंच कर मैंने बात की. पूरे मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसकी रिपोर्ट आईजी सर को भी भेजी गई है.

राजनांदगांव: मोहला मानपुर व अंबागढ़ चौकी में मूर्ति विसर्जन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई है. मोहला में सरस्वती विसर्जन करने जा रहे हैं ग्रामवासियों और पुलिस वाहन के ड्राइवर के साथ कहासुनी हो गई. इसके बाद महिला पुलिस और विसर्जन करने जा रहे लोगों के बीच मारपीट हो गई. इस दौरान मूर्ति भी देवी माता की मूर्ति खंडित का भी पुलिस पर आरोप लगाया गया है. लाठी डंडे से बच्चे, महिला समेत युवाओं की पिटाई का भी आरोप लगाया गया है. इसके बाद ग्रामीणों ने रात को मोहला थाने के सामने स्टेट हाईवे पर चक्का जाम कर दिया. fight between police and immersionists

क्या है पूरा मामला: मोहला में सरस्वती विसर्जन के दौरान रात में पुलिस द्वारा ग्रामवासियों पर डंडे बरसाया गया. विसर्जन के दौरान महिला. पुरुष व बच्चे जख्मी हुए हैं. नाराज ग्रामीण रात से स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर मोहला थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे. उन्होंने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मौके पर मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार पहुंचे. प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश में जुट गए. आला अधिकारियों द्वारा समझाइश देने के बाद ग्रामीण शांत हुए.

रैली निकालने वालों पर लाठीचार्ज का आरोप: इस मामले में भाजपा नेत्री ने बताया कि "यहां शारदा समिति के सदस्य रात को 1:30 बजे से विरोध प्रदर्शन करने बैठे थे. रात में पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक रैली में लाठीचार्ज किया गया. जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत समिति के सदस्यों के साथ मारपीट की गई है. साथ ही माता की मूर्ति भी खंडित की गई है.धार्मिक महोत्सव मनाना क्या गलत है? रैली निकालने वालों के साथ पुलिस ने मारपीट की है.

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मामले पर क्या कहते हैं अधिकारी: मामले में पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार का कहना है कि "यह लोग कल रात को दुर्गा विसर्जन के लिए झांकी और डीजे लेकर जा रहे थे. जबकि हमने पहले ही शांति समिति की बैठक में समझाइश दी थी कि रात को 10 बजे तक विसर्जन किया जाना है. लेकिन फिर भी रात को 12 बजे के बाद इनके द्वारा डीजे बजा कर विसर्जन किया जा रहा था. इस पर आम जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुए डीजे बंद कराने की समझाइश दी जा रही थी.

जांच के बाद दोषियों पर होगी कार्रवाई: पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार ने बताया कि "इस दौरान भीड़ में कुछ लोगों ने शराब का सेवन किया था. जिस पर पुलिसकर्मियों और उनके बीच विवाद हो गया. जिससे मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो गई. उसके बाद यह लोग मूर्ति को मोहला थाने के सामने लाकर रात से प्रदर्शन पर बैठे हुए थे. सुबह जब मुझे जानकारी हुई, तो यहां पहुंच कर मैंने बात की. पूरे मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसकी रिपोर्ट आईजी सर को भी भेजी गई है.

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