राजनांदगांव: डोंगरगांव क्षेत्र के वार्ड-8 करियाटोला के रहने वाला किसान आनंदराम देवांगन अपनी जमीन के सीमांकन के लिए रोज तहसील कार्यालय के चक्कर लगाकर परेशान हो चुका है. किसान आनंदराम के मुताबिक कोई भी अधिकारी उनका आवेदन लेने से इनकार कर रहे हैं.
किसान ने बताया कि करियाटोला वार्ड में उसके भू-स्वामी हक की भूमि खसरा नंबर 402 और 225/2 स्थित है, जिसके नापजोख के लिए वह महीनों से राजस्व और पटवारी कार्यालय के चक्कर लगा रहा है. बीते महीने पटवारी किसान के खसरे से लगी सरकारी जमीन के लिए नापजोख करने आए थे. पीड़ित किसान ने उनसे अपनी जमीन की भी नापजोख करने की मांग की थी, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने नापजोख करना मुनासिब नहीं समझा.
किसान का आवेदन लेने से तहसीलदार ने किया इंकार
किसान आनंदराम ने नियम के मुताबिक सीमांकन के लिए सभी औपचारिकचाएं पूरी कर आवेदन बनाया था. जिसे तहसीलदार के सामने प्रस्तुत किया, लेकिन तहसीलदार ने किसान का आवेदन लेने से ही इनकार कर दिया. किसान का आरोप है कि राजस्व विभाग अमीरों की जमीन का सीमांकन और नापजोख लगातार कर रहा है. लेकिन गरीब किसानों को नियमों का हवाला देकर भटकाया जा रहा है.
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आरोप है कि राजस्व विभाग क्षेत्र के कई हिस्से में नापजोख का काम कर रहा है. क्षेत्र के स्टेट हाईवे के पास बीते बुधवार को धनाड्य वर्गों की दलदली और कांटेदार जमीन का नापजोक अधिकारी कर रहे थे. मटिया, बोधीटोला और सेवताटोला से लगे दूसरे सरहदी गांवों में अवैध प्लाटिंग की नापजोख बदस्तूर जारी है.
'सिर्फ शहरी क्षेत्रों में किया जा रहा सीमांकन कार्य'
इस मामले में जानकारी लेने पर तहसीलदार शिव कंवर ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में सीमांकन का कार्य जारी है, लेकिन तु ग्रामीण क्षेत्रों में धान की बुआई होने के कारण सीमांकन नहीं हो रहा है. तहसीलदार ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहरी क्षेत्रों के सीमांकन करने के लिए ही निर्देशित किया है.