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साइकिल की दुकान चलाने वाले ने दी कोचिंग, नवोदय में अबतक सेलेक्ट हुए 48 बच्चे - दीनदयाल साहू डोंगरगढ़

राजनांदगांव के डोंगरगांव में साइकिल की दुकान चलाने वाले शख्स ने बच्चों को मुफ्त में कोचिंग देना शुरू किया. पिछले 6-7 सालों से नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा की कोचिंग देते हुए दीनदयाल 48 बच्चों का सलेक्शन करा चुके हैं. इस साल भी कुल 13 बच्चों का सलेक्शन हुआ है.

Bicycle shopkeeper gives coaching
साइकिल की दुकान चलाने वाला देता है कोचिंग
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Published : Jun 27, 2020, 3:32 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 4:24 PM IST

राजनांदगांव: सुपर-30 की तर्ज पर डोंगरगढ़ का एक शख्स बच्चों को मुफ्त में कोचिंग दे रहा है. साइकिल की छोटी सी दुकान चलाने वाले दीनदयाल साहू ने खुद 12वीं क्लास तक ही पढ़ाई की है. पढाई के शौक और गांव के बच्चों को आगे बढ़ते देखने के सपने ने उन्हें कोचिंग देने के लिए प्रेरित किया. इनके पढ़ाए गए बच्चों में से अब तक 48 बच्चे नवोदय स्कूल के लिए चयनित हो चुके हैं. इस साल भी इनके पढ़ाए 13 बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय के लिए हुआ है.

मुफ्त में देते है बच्चों को कोचिंग

SPECIAL: 4 बार के MLA और मंत्री अमरजीत 17 सालों में भी नहीं बनवा सके अपने विधानसभा क्षेत्र की सड़क

आज के समय में हर माता-पिता अपने बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए बड़े से बड़े कोचिंग सेंटरों में उनका एडमिशन कराते हैं और महंगी फीस देने के बाद भी कई बच्चों का सेलेक्शन बेहतर शैक्षणिक संस्थान में नहीं हो पाता है. ऐसे में साइकिल की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने मिसाल कायम की है. 47 साल के दीनदयाल साहू पिछले 5-6 वर्षों से बच्चों को नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग दे रहे हैं. हैरत की बात तो ये है कि, दीनदयाल ने खुद ही 12वीं तक की पढ़ाई की है लेकिन इनके पढ़ाए 48 बच्चे नवोदय के लिए चयनित हो चुके हैं.

मुसराकला के नवोदय गुरु

डोंगरगढ़ से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है मुसराकला गांव और इस गांव में दीनदयाल की साइकिल की एक दुकान है. दीनदयाल बताते हैं कि 2013 में उनके बेटे ने नवोदय स्कूल में एडमिशन लेने की तैयारी शुरू की थी. बेटे के चयनित होने के बाद उन्होंने अपनी बेटी और भांजी को इसकी तैयारी करानी शुरू की. दोनों ही बच्चियों के सेलेक्ट होने के बाद दीनदयाल ने और भी बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इसके बाद से इनके पढ़ाए बच्चों का नवोदय में सेलेक्शन होना शुरू हो गया. दीनदयाल बताते हैं कि, परीक्षा फार्म भरने के बाद से ही क्लॉस शुरू हो जाती है. रोज शाम 3 घंटे वे बच्चों को पढ़ाते हैं. दीनदयाल बच्चों को स्टडी मटेरियल भी मुफ्त में देते हैं.

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परिवार के साथ दीनदयाल

आस-पास के गांव के बच्चे भी आते हैं पढ़ने

दीनदयाल की ओर से दी जा रही कोचिंग की बात सुनकर आसपास के गांव के बच्चे भी उनके पास पढ़ने आते हैं. इस साल नवोदय के एंट्रेस एग्जाम में दीनदयाल के पढ़ाए 13 बच्चे चयनित हुए हैं. इसमें डोंगरगढ़ से पार्थ साहू, दिव्य कांत निषाद, पायल साहू ग्रामीण क्षेत्र से दीपिका साहू कन्हारगांव से सोहम वर्मा, सेमहरा से साकेत साहू, आमा टोला और अंबागढ़ चौकी से तनिष्का बिलावर,लाल, बहादुर नगर से मनीष साहू, ठेकुआ से यामिनी साहू सलटिकरी से आकृति वैष्णव पारागांव खुर्द से मोहनीश नंदेश्वर, आरबीरा से दीप्ति सिन्हा, जामड़ी दिव्या, आर्य मुसरा शामिल हैं.

नहीं लेते हैं फीस

दीनदयाल साहू नवोदय प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों से कोई फीस नहीं लेते हैं, हालांकि पालक उन्हें सम्मान से जो राशि देते हैं, वे ले लेते हैं. एक बच्चे के परिजन ने बताया कि दीनदयाल के घर में बच्चों को पढ़ाई का बेहतर महौल मिलता है. इसकी वजह से बच्चे मन लगाकर पढ़ाई कर पाते हैं.

राजनांदगांव: सुपर-30 की तर्ज पर डोंगरगढ़ का एक शख्स बच्चों को मुफ्त में कोचिंग दे रहा है. साइकिल की छोटी सी दुकान चलाने वाले दीनदयाल साहू ने खुद 12वीं क्लास तक ही पढ़ाई की है. पढाई के शौक और गांव के बच्चों को आगे बढ़ते देखने के सपने ने उन्हें कोचिंग देने के लिए प्रेरित किया. इनके पढ़ाए गए बच्चों में से अब तक 48 बच्चे नवोदय स्कूल के लिए चयनित हो चुके हैं. इस साल भी इनके पढ़ाए 13 बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय के लिए हुआ है.

मुफ्त में देते है बच्चों को कोचिंग

SPECIAL: 4 बार के MLA और मंत्री अमरजीत 17 सालों में भी नहीं बनवा सके अपने विधानसभा क्षेत्र की सड़क

आज के समय में हर माता-पिता अपने बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए बड़े से बड़े कोचिंग सेंटरों में उनका एडमिशन कराते हैं और महंगी फीस देने के बाद भी कई बच्चों का सेलेक्शन बेहतर शैक्षणिक संस्थान में नहीं हो पाता है. ऐसे में साइकिल की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने मिसाल कायम की है. 47 साल के दीनदयाल साहू पिछले 5-6 वर्षों से बच्चों को नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग दे रहे हैं. हैरत की बात तो ये है कि, दीनदयाल ने खुद ही 12वीं तक की पढ़ाई की है लेकिन इनके पढ़ाए 48 बच्चे नवोदय के लिए चयनित हो चुके हैं.

मुसराकला के नवोदय गुरु

डोंगरगढ़ से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है मुसराकला गांव और इस गांव में दीनदयाल की साइकिल की एक दुकान है. दीनदयाल बताते हैं कि 2013 में उनके बेटे ने नवोदय स्कूल में एडमिशन लेने की तैयारी शुरू की थी. बेटे के चयनित होने के बाद उन्होंने अपनी बेटी और भांजी को इसकी तैयारी करानी शुरू की. दोनों ही बच्चियों के सेलेक्ट होने के बाद दीनदयाल ने और भी बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इसके बाद से इनके पढ़ाए बच्चों का नवोदय में सेलेक्शन होना शुरू हो गया. दीनदयाल बताते हैं कि, परीक्षा फार्म भरने के बाद से ही क्लॉस शुरू हो जाती है. रोज शाम 3 घंटे वे बच्चों को पढ़ाते हैं. दीनदयाल बच्चों को स्टडी मटेरियल भी मुफ्त में देते हैं.

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परिवार के साथ दीनदयाल

आस-पास के गांव के बच्चे भी आते हैं पढ़ने

दीनदयाल की ओर से दी जा रही कोचिंग की बात सुनकर आसपास के गांव के बच्चे भी उनके पास पढ़ने आते हैं. इस साल नवोदय के एंट्रेस एग्जाम में दीनदयाल के पढ़ाए 13 बच्चे चयनित हुए हैं. इसमें डोंगरगढ़ से पार्थ साहू, दिव्य कांत निषाद, पायल साहू ग्रामीण क्षेत्र से दीपिका साहू कन्हारगांव से सोहम वर्मा, सेमहरा से साकेत साहू, आमा टोला और अंबागढ़ चौकी से तनिष्का बिलावर,लाल, बहादुर नगर से मनीष साहू, ठेकुआ से यामिनी साहू सलटिकरी से आकृति वैष्णव पारागांव खुर्द से मोहनीश नंदेश्वर, आरबीरा से दीप्ति सिन्हा, जामड़ी दिव्या, आर्य मुसरा शामिल हैं.

नहीं लेते हैं फीस

दीनदयाल साहू नवोदय प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों से कोई फीस नहीं लेते हैं, हालांकि पालक उन्हें सम्मान से जो राशि देते हैं, वे ले लेते हैं. एक बच्चे के परिजन ने बताया कि दीनदयाल के घर में बच्चों को पढ़ाई का बेहतर महौल मिलता है. इसकी वजह से बच्चे मन लगाकर पढ़ाई कर पाते हैं.

Last Updated : Jun 27, 2020, 4:24 PM IST
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