राजनांदगांव: राज्य सरकार की खनिज रॉयल्टी की नीतियों के खिलाफ ठेकेदारों ने मोर्चा खोल दिया है. कांट्रेक्टर एसोसिएशन के बैनर तले अलग-अलग विभागों में सरकारी कामों का ठेका लेने वाले लोगों ने बैठक कर राज्य सरकार की खनिज नीति पर चर्चा की है. इस दौरान आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. ठेकेदारों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि यदि राज्य सरकार सरकारी ठेकों में खनिज रॉयल्टी की नीतियों को स्पष्ट नहीं करती है तो ठेकेदार उग्र आंदोलन करेंगे.
ठेकेदारों का कहना है कि राज्य सरकार बाजार दर के हिसाब से ठेकेदारों के निर्माण कार्यों में कटौती कर रही है. ऐसा करने से ठेकेदारों को सीधे तौर पर नुकसान उठाना पड़ रहा है. ठेकेदारों के हालात बिगड़ रहे हैं. जिला कांट्रेक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने एकमत होकर फैसला लिया है कि सरकार की गौण खनिज रॉयल्टी नीति को चुनौती दी जाएगी.
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ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा
जिले के ठेकेदारों ने कहा कि सरकारी कामों में 20 प्रतिशत बिलो में ठेका लेने के बाद भी उन्हें रॉयल्टी के रूप में बड़ी रकम चुकानी पड़ रही है. इसके अलावा जीएसटी काटने के बाद ठेकेदारों के पास मुनाफे की राशि कुछ भी नहीं बच पा रही है. घर से राशि जमा कर उन्हें सरकारी निर्माण कार्य में निर्धारित सालों तक होने वाले मरम्मत कार्यों को करवाना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में ठेकेदार घर से पैसा लगाकर काम कर रहे हैं.
आंदोलन की तैयारी में ठेकेदार
ठेकेदारों का कहना है कि राज्य सरकार अगर उनकी बातों को नहीं मानती है, तो वे सरकारी निर्माण कार्य पूरी तरीके से बंद कर देंगे. 22 तारीख के बाद आंदोलन की तैयारी भी करेंगे. स्टेट कांट्रेक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र शुक्ला का कहना है कि उनकी 4 मांगों से सरकार को अलगत कराया गया है. इन मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया गया तो वे अलग-अलग जिलों में बैठक करेंगे. ठेकेदारों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे.
जिले में करीब 2 हजार करोड़ रुपए के निर्माण कार्य चल रहे हैं. जिला कांट्रेक्टर एसोसिएशन के ठेकेदार एक साथ हड़ताल करते हैं तो सरकार के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है.