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ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत का मामला, परिजनों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ एसपी से की शिकायत

राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत के मामले में अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है. वहीं मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एसपी से शिकायत की है. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन और पुलिस आमने-सामने हैं.

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Published : Dec 4, 2020, 7:39 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 8:38 PM IST

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ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत के मामले में एसपी से शिकायत

राजनांदगांव. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत के मामले में अब परिजनों ने प्रबंधन के खिलाफ एसपी से शिकायत की है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन जहां मरीज की मौत के बाद पूरी ज़िम्मेदारी अस्पताल स्थित पुलिस चौकी में तैनात सिपाहियों पर डाल रहा है. वहीं परिजनों ने ड्यूटी के दौरान कार्यरत डॉक्टर और नर्स को इसका जिम्मेदार ठहराया है. मामले में यह नया मोड़ है जब परिजन खुलकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं.

ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत के मामले में एसपी से शिकायत

ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से हुई थी मौत

बता दें कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती बालोद निवासी मोहन सिंह चंद्रवंशी की सोमवार देर रात ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर के काफी हंगामा हुआ और राज्य स्तर से जांच टीम जांच के लिए पहुंची थी. हालांकि अब तक जांच टीम ने क्या जांच की है इस बात का कोई भी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है.

एक तरफ मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधक जहां ड्यूटी में तैनात पुलिस जवानों को घटना के बाद हंगामा और मेडिकल स्टाफ से बदतमीजी करने का आरोप लगाकर पूरे घटनाक्रम से बच रहा है. वहीं इस मामले में अब मृतक के परिजनों ने एसपी से शिकायत कर मामले में नया मोड़ ला दिया है.

पढ़ें- राजनांदगांव: ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लास्ट मामले में स्वास्थ्य मंत्री गंभीर, डीन को दी जांच की जिम्मेदारी

क्या है पूरा मामला

मृतक के पुत्र नरेश कुमार चंद्रवंशी का कहना है कि सोमवार देर रात मृतक मोहन चंद्रवंशी आईसीयू में एडमिट थे. इस दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने के वक्त सिलेंडर फटने से अचानक प्रेशर बढ़ा और उनकी मौत हो गई. इस बीच आईसीयू में जगह जगह चिंगारियां निकलने लग गई थी. आग लगने के खतरे को देखते हुए मौके पर पहुंचे पुलिस स्टाफ ने हालात पर काबू पाया. वहीं मरीजों को आईसीयू से निकालने के दौरान मेडिकल स्टाफ ने काफी लापरवाही बरती.

ऑक्सीजन लगे मरीजों को बाहर तो निकाला गया लेकिन वापस ऑक्सीजन सिलेंडर उन्हें नहीं लगाया गया. ऐसी स्थिति में 2 मरीजों की मौत हुई है. मृतक के पुत्र नरेश ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर और नर्सों का व्यवहार काफी लापरवाही पूर्वक रहा. बावजूद इसके उनपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने पूरे मामले की शिकायत एसपी डी श्रवण से की है.

पढ़ें- राजनांदगांव: ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लास्ट मामला, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश

एसडीएम की जांच में जवान दोषी

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सिलेंडर फटने के मामले में एसडीएम ने जांच की है. इस जांच में प्रारंभिक तौर पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल चौकी में तैनात जवान अमित समुद्रे को दोषी बताया जा रहा है. जबकि मृतक के परिजनों की ओर से एसपी को मिली शिकायत में ड्यूटी के दौरान कार्य डॉक्टर और नर्स पूरे मामले में दोषी है, बल्कि जवानों ने मौके पर पहुंचकर 9 जिंदगियां बचाई है. माना जा रहा है कि इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और अस्पताल स्थित पुलिस चौकी का स्टाफ आमने-सामने की स्थिति में हैं.

जांच सही नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे

इस मामले में मृतक के वकील जितेंद्र यादव का कहना है कि अगर पूरे मामले में पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच नहीं करता तो वह कोर्ट जाएंगे और वहां पूरे मामले को लेकर तथ्य प्रस्तुत करेंगे.

राजनांदगांव. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत के मामले में अब परिजनों ने प्रबंधन के खिलाफ एसपी से शिकायत की है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन जहां मरीज की मौत के बाद पूरी ज़िम्मेदारी अस्पताल स्थित पुलिस चौकी में तैनात सिपाहियों पर डाल रहा है. वहीं परिजनों ने ड्यूटी के दौरान कार्यरत डॉक्टर और नर्स को इसका जिम्मेदार ठहराया है. मामले में यह नया मोड़ है जब परिजन खुलकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं.

ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत के मामले में एसपी से शिकायत

ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से हुई थी मौत

बता दें कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती बालोद निवासी मोहन सिंह चंद्रवंशी की सोमवार देर रात ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर के काफी हंगामा हुआ और राज्य स्तर से जांच टीम जांच के लिए पहुंची थी. हालांकि अब तक जांच टीम ने क्या जांच की है इस बात का कोई भी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है.

एक तरफ मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधक जहां ड्यूटी में तैनात पुलिस जवानों को घटना के बाद हंगामा और मेडिकल स्टाफ से बदतमीजी करने का आरोप लगाकर पूरे घटनाक्रम से बच रहा है. वहीं इस मामले में अब मृतक के परिजनों ने एसपी से शिकायत कर मामले में नया मोड़ ला दिया है.

पढ़ें- राजनांदगांव: ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लास्ट मामले में स्वास्थ्य मंत्री गंभीर, डीन को दी जांच की जिम्मेदारी

क्या है पूरा मामला

मृतक के पुत्र नरेश कुमार चंद्रवंशी का कहना है कि सोमवार देर रात मृतक मोहन चंद्रवंशी आईसीयू में एडमिट थे. इस दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने के वक्त सिलेंडर फटने से अचानक प्रेशर बढ़ा और उनकी मौत हो गई. इस बीच आईसीयू में जगह जगह चिंगारियां निकलने लग गई थी. आग लगने के खतरे को देखते हुए मौके पर पहुंचे पुलिस स्टाफ ने हालात पर काबू पाया. वहीं मरीजों को आईसीयू से निकालने के दौरान मेडिकल स्टाफ ने काफी लापरवाही बरती.

ऑक्सीजन लगे मरीजों को बाहर तो निकाला गया लेकिन वापस ऑक्सीजन सिलेंडर उन्हें नहीं लगाया गया. ऐसी स्थिति में 2 मरीजों की मौत हुई है. मृतक के पुत्र नरेश ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर और नर्सों का व्यवहार काफी लापरवाही पूर्वक रहा. बावजूद इसके उनपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने पूरे मामले की शिकायत एसपी डी श्रवण से की है.

पढ़ें- राजनांदगांव: ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लास्ट मामला, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश

एसडीएम की जांच में जवान दोषी

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सिलेंडर फटने के मामले में एसडीएम ने जांच की है. इस जांच में प्रारंभिक तौर पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल चौकी में तैनात जवान अमित समुद्रे को दोषी बताया जा रहा है. जबकि मृतक के परिजनों की ओर से एसपी को मिली शिकायत में ड्यूटी के दौरान कार्य डॉक्टर और नर्स पूरे मामले में दोषी है, बल्कि जवानों ने मौके पर पहुंचकर 9 जिंदगियां बचाई है. माना जा रहा है कि इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और अस्पताल स्थित पुलिस चौकी का स्टाफ आमने-सामने की स्थिति में हैं.

जांच सही नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे

इस मामले में मृतक के वकील जितेंद्र यादव का कहना है कि अगर पूरे मामले में पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच नहीं करता तो वह कोर्ट जाएंगे और वहां पूरे मामले को लेकर तथ्य प्रस्तुत करेंगे.

Last Updated : Dec 4, 2020, 8:38 PM IST
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