राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए ईवीएम और वीवीपैट मशीन का फर्स्ट स्टेज का जांच शनिवार को शुरु हुआ है. राजनांदगांव कलेक्ट्रेट परिसर में निर्वाचन शाखा के गोदाम में मशीनों की तकनीकी जांच शुरू हो गई है. हैदराबाद के 9 इंजीनियरों की टीम ने आज से इसकी जांच शुरु कर दी है, जो 27 जून तक चलेगी. इंजीनियरों की टीम ने स्थानीय अधिकारियों की निगरानी में यह जांच प्रारंभ की है. विधानसभा चुनाव में जिन ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग होना है उसकी जांच की जा रही है.
क्या कहते हैं आला अधिकारी: खेमलाल वर्मा एडीएम राजनांदगांव ने बताया कि "भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जो विधानसभा निर्वाचन 2023 छत्तीसगढ़ में होना है. उसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के प्रथम स्तर की जांच आज से शुरू कर दी गई है. 10 जून से 27 जून तक यह जांच चलेगी. हैदराबाद के 9 इंजीनियरों के द्वारा यह जांच की जा रही है, जिसमें स्थानीय अधिकारी कर्मचारी भी सहयोग कर रहे हैं. यह काम हर दिन 9 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा. इस बात की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रायपुर को भेजना होगा, जो कार्य हम कर रहे हैं. जांच में जो मशीनें सफल नहीं हो पाएंगे उसे वापस हैदराबाद भेज दिया जाएगा."
इंजीनियरों की टीम कर रही जांच: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मशीनों की जांच की जा रही है. प्रथम स्तर की जांच आज से प्रारंभ हुआ है. हैदराबाद के इंजीनियरों और स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों की मौजूदगी में यह जांच की जा रही है. विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
छत्ततीसगढ़ विधानसभा की वर्तामान स्थिति: छत्ततीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं. कांग्रेस के पास इनमें से 71 सीटें हैं. जबकि भाजपा के पास 14 सीटें हैं. वहीं जेसीसीजे के पास 3 सीटें हैं, तो बसपा के पास 2 विधानसभा सीटें हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों पर कब्जा किया था. फिर बाद में 2019 में कांग्रेस ने दंतेवाड़ा और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव जीते. इसके बाद 2020 में कांग्रेस ने मरवाही सीट जीती और इस साल अप्रैल में खैरागढ़ विधानसभा सीट पर कब्जा जमा लिया. ऐसे में कांग्रसे की विधानसभा सीटें बढ़कर 71 हो गई.