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अवैध खनन का खेल: एसडीएम को भी नहीं है कार्रवाई की जानकारी

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Published : Mar 21, 2021, 2:23 PM IST

डोंगरगांव में अवैध खनन के केस में जिम्मेदार अधिकारियों पर लीपापोती का आरोप लगा है. ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने नहीं पहुंचे थे. जिससे रेत माफिया और राजस्व अधिकारी पर मिलीभगत का आरोप लग रहा है.

Illegal mining in Dongargaon
डोंगरगांव में अवैध खनन

राजनांदगांव: डोंगरगांव में अवैध खनन में लीपापोती का मामला सामने आया है. अवैध खनन की शिकायत के बाद ग्रामीण राजस्व अधिकारी का इंतजार कर रहे थे और राजस्व अधिकरी नदी में पानी भरने का आरोप है, प्रशासन रेत ठेकेदार को बचाने के लिए नदी में पानी भरने का इंतजार करते रहे और इस दौरान नदी में पानी लबालब भर भी गया है. अब मामले में लीपापोती करने की बात सामने आ रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि रेत माफिया नदी से सैकड़ों ट्रिप रेत का भंडारण कर लिया है. इसपर जिला प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

रेत माफिया ने नदी से सैकड़ों ट्रिप रेत का भंडारण किया

ग्रामीणों का कहना है कि अवैध तरीके से कहीं से भी रेत खनन के कारण नदी दिशा ही बदल गई है. जगह-जगह नदी के किनारों की मिट्टी को काटकर रैम्प बना दिया गया है. इससे आने वाले दिनों में नदी आसपास के गांवों में रह रहे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. रेत खनन से नदी की दिशा और दशा दोनों बदल गई है.

जांजगीर चांपा: खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई, 30 वाहन किए गए जब्त

जानबूझकर नहीं की गई कार्रवाई!

जनपद सदस्य मनीष साहू ने बताते हैं, डोंगरगांव के घोरदा ग्राम पंचायत के रेत खदान में रेत माफिया के दबाव में शासन-प्रशासन की मिली भगत साफ दिखाई दे रही है. उन्होंने बताया कि खनिज विभाग द्वारा रेत के पट्टेधारी चेतन आनंद चौधरी को खसरा नंबर 679 के रकबा 3.5 हेक्टेयर से रेत के उत्खनन के लिए 25 अक्टूबर 2019 को तीन साल के लिए लीज स्वीकृत किया गया था. जिसमें ठेकेदार के नाम पर दबंगों ने स्वीकृति क्षेत्र से बाहर और मात्रा से अधिक रेत का उत्खनन कर लिया है. इसकी शिकायत जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग को लगातार की जा रही है, लेकिन अब तक प्रशासन ने जानबूझकर कार्रवाई नहीं की. कार्रवाई के नाम पर जानबूझकर देरी किया गया, जिसके कारण मोंगरा बैराज से छोड़े गए पानी नदी में भर गया.

किसने क्या कहा ?

सीमांकन के लिए घोरदा रेत खदान शुक्रवार को पहुंचे थे और जैसे ही वहां पहुंचे नदी में पानी आ गया था. जिसकी वजह से सीमांकन नहीं हो पाया और ठेकेदार द्वारा डंप किए गए रेत की जब्ती की कार्रवाई तहसीलदार द्वारा की गई है और इसकी जानकारी मुझे नहीं है. आप तहसीलदार से जानकारी ले सकते हैं: हितेश पिस्दा, एसडीएम डोंगरगांव

क्षेत्रवासियों को स्थानीय स्तर पर उपलब्धता के बावजूद महंगे दामों पर रेत का विक्रय किया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं द्वारा सीमा क्षेत्र से बाहर उत्खनन और नियम के खिलाफ रेत का भंडारण किया गया है. मैं स्वयं मौके पर पहुंची थी और प्रशासन के नुमाइंदे जानबूझकर सीमांकन में विलंब किए हैं. जिसकी शिकायत की जाएगी और क्षेत्रवासियों को इससे अवगत कराया जायेगा: इंदूमति साहू, जिला पंचायत सदस्य

इस संदर्भ में जिला खनिज अधिकारी राजेश मालवे से जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल बंद था. क्षेत्र के खनिज निरीक्षक सुभाष साहू ने भी इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

राजनांदगांव: डोंगरगांव में अवैध खनन में लीपापोती का मामला सामने आया है. अवैध खनन की शिकायत के बाद ग्रामीण राजस्व अधिकारी का इंतजार कर रहे थे और राजस्व अधिकरी नदी में पानी भरने का आरोप है, प्रशासन रेत ठेकेदार को बचाने के लिए नदी में पानी भरने का इंतजार करते रहे और इस दौरान नदी में पानी लबालब भर भी गया है. अब मामले में लीपापोती करने की बात सामने आ रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि रेत माफिया नदी से सैकड़ों ट्रिप रेत का भंडारण कर लिया है. इसपर जिला प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

रेत माफिया ने नदी से सैकड़ों ट्रिप रेत का भंडारण किया

ग्रामीणों का कहना है कि अवैध तरीके से कहीं से भी रेत खनन के कारण नदी दिशा ही बदल गई है. जगह-जगह नदी के किनारों की मिट्टी को काटकर रैम्प बना दिया गया है. इससे आने वाले दिनों में नदी आसपास के गांवों में रह रहे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. रेत खनन से नदी की दिशा और दशा दोनों बदल गई है.

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जानबूझकर नहीं की गई कार्रवाई!

जनपद सदस्य मनीष साहू ने बताते हैं, डोंगरगांव के घोरदा ग्राम पंचायत के रेत खदान में रेत माफिया के दबाव में शासन-प्रशासन की मिली भगत साफ दिखाई दे रही है. उन्होंने बताया कि खनिज विभाग द्वारा रेत के पट्टेधारी चेतन आनंद चौधरी को खसरा नंबर 679 के रकबा 3.5 हेक्टेयर से रेत के उत्खनन के लिए 25 अक्टूबर 2019 को तीन साल के लिए लीज स्वीकृत किया गया था. जिसमें ठेकेदार के नाम पर दबंगों ने स्वीकृति क्षेत्र से बाहर और मात्रा से अधिक रेत का उत्खनन कर लिया है. इसकी शिकायत जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग को लगातार की जा रही है, लेकिन अब तक प्रशासन ने जानबूझकर कार्रवाई नहीं की. कार्रवाई के नाम पर जानबूझकर देरी किया गया, जिसके कारण मोंगरा बैराज से छोड़े गए पानी नदी में भर गया.

किसने क्या कहा ?

सीमांकन के लिए घोरदा रेत खदान शुक्रवार को पहुंचे थे और जैसे ही वहां पहुंचे नदी में पानी आ गया था. जिसकी वजह से सीमांकन नहीं हो पाया और ठेकेदार द्वारा डंप किए गए रेत की जब्ती की कार्रवाई तहसीलदार द्वारा की गई है और इसकी जानकारी मुझे नहीं है. आप तहसीलदार से जानकारी ले सकते हैं: हितेश पिस्दा, एसडीएम डोंगरगांव

क्षेत्रवासियों को स्थानीय स्तर पर उपलब्धता के बावजूद महंगे दामों पर रेत का विक्रय किया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं द्वारा सीमा क्षेत्र से बाहर उत्खनन और नियम के खिलाफ रेत का भंडारण किया गया है. मैं स्वयं मौके पर पहुंची थी और प्रशासन के नुमाइंदे जानबूझकर सीमांकन में विलंब किए हैं. जिसकी शिकायत की जाएगी और क्षेत्रवासियों को इससे अवगत कराया जायेगा: इंदूमति साहू, जिला पंचायत सदस्य

इस संदर्भ में जिला खनिज अधिकारी राजेश मालवे से जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल बंद था. क्षेत्र के खनिज निरीक्षक सुभाष साहू ने भी इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

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