राजनांदगांव : जिला मुख्यालय में कृषि उपसंचालक के पद पर पदस्थ अधिकारी एके बंजारा के खिलाफ उनके ही अधीनस्थ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. कृषि उपसंचालक के खिलाफ कृषि विस्तार अधिकारियों ने एक दिवसीय हड़ताल कर साफ कहा कि, 'बंजारा के साथ काम करना संभव नहीं है'.
कृषि विस्तार अधिकारियों ने उपसंचालक पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की. कृषि विस्तार अधिकारियों का कहना है कि, 'उपसंचालक विभाग में मनमानी कर रहे हैं योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं. वहीं काम करने के बावजूद वेतन रोकने जैसी कार्रवाई की जा रही है'. लिहाजा आक्रोशित कृषि विस्तार अधिकारी संघ और कृषि स्नातक संघ के सदस्यों ने एकजुट होकर उपसंचालक बंजारा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
'संसाधनों की कमी से पूरे नहीं हो पा रहे काम'
मामले में कृषि विस्तार अधिकारी संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार निर्मल ने बताया कि, 'योजनाओं के संचालन में काफी दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि योजनाओं को संचालित करने के लिए संसाधनों की कमी है, इससे लक्ष्य की पूर्ति करने में कृषि विस्तार अधिकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसके बावजूद उपसंचालक बंजारा काम करने के बाद भी वेतन रोकने जैसी कार्रवाई करते हैं इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर गया है'.
अधिकारी का रवैया तानाशाही
इस मामले में गीता यूरेशिया का कहना है कि, 'सिस्टम की कमी के चलते कर्मचारियों को काम करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं, इसके बावजूद कर्मचारी पूरी लगन से काम कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए कर्मचारियों का वेतन रोक रहे हैं, जिलेभर में 57 कृषि विस्तार अधिकारियों के वेतन रोका गया है'.
संसाधन नहीं, लेकिन रोजाना मांगते हैं रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि, 'नरवा, गुरवा, घरुवा और बारी जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को संचालित कर रहे कृषि विस्तार अधिकारियों को उपसंचालक लगातार आहत कर रहे हैं, उनसे डेली रिपोर्ट मांगी जाती है, लेकिन संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते.
'उपसंचालक के साथ काम करना संभव नहीं'
उन्होंने कहा कि, 'संसाधन नहीं होने के कारण रोजाना रिपोर्ट देना संभव नहीं है. उपसंचालक केवल तानाशाही रवैया अपनाकर कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं और कृषि उपसंचालक बंजारा के साथ काम करना संभव ही नहीं है'.