राजनांदगांव : बरबसपुर स्थित कांजी हाउस में दम घुटने से 10 मवेशियों की मौत हो गई. दरअसल गांव की ही एक महिला ने मवेशियों को एक छोटे से कमरे में रखा था, जहां पर ऑक्सीजन की कमी के कारण मवेशियों की मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि, गांव की एक महिला ने मवेशियों को कांजी हाउस के एक छोटे से कमरे में बंद करके रखा था. कमरे में वेंटीलेशन की कमी के कारण मवेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिली, जिसके चलते उनकी मौत हो गई. घटना के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. वहीं ग्रामीणों ने सरपंच भूरी बाई पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस मामले में जांच की मांग की है.
'पहले भी हो चुका है ऐसा हादसा'
बता दें कि बरबसपुर के कांजी हाउस में तकरीबन 1 साल पहले भी इसी तरह का मामला सामने आया था. इसके बावजूद सरपंच ने कोई हल निकालने के बजाय मवेशियों को वहीं रखवाया, जिससे एक बार फिर हादसा दोहराया और 10 मवेशियों की मौत हो गई.
'11 मवेशियों को रखा गया था'
कांजी हाउस के एक कमरे में कुल 11 मवेशियों को रखा गया था, जिनमें से 10 की मौत हो गई, वहीं एक की स्थिति खराब बताई जा रही है. मामले को लेकर पंचनामा तैयार किया गया है. वहीं मृत मवेशियों का पोस्टमार्टम भी किया जाएगा.
'पुलिस को सौंपा जांच का जिम्मा'
एसडीएम ने पुलिस को जांच करने के निर्देश दिए हैं. जांच में दोषी पाए जाने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होना तय माना जा रहा है.
'दम घुटने से हुई मौत'
इस मामले में पशु एवं चिकित्सा विभाग के उपसंचालक आरके सोनवाने का कहना है कि, 'प्राथमिक जांच में जो नतीजे आए हैं उनसे साफ पता चलता है कि मवेशियों की मौत दम घुटने से हुई है. जिस स्थान पर मवेशियों को रखा गया था वह काफी छोटा था, इसके चलते सफोकेशन के कारण मवेशियों की दम घुटने से मौत हो गई'.
बता दें कि मवेशियों की मौत के मामले में कोई भी कुछ भी कहने से बच रहा है. सरपंच भूरी बाई मीडिया से बात करने से कतरा रही है. वहीं दूसरी ओर उनके पति रामाधार लहरे का कहना है कि, 'किसी अज्ञात महिला ने मवेशियों को कांजी हाउस के एक कमरे में बंद कर दिया था, जिसके चलते ये हादसा हुआ'.