ETV Bharat / state

Young Blood Donors of Chhattisgarh: 10 साल से खुद बचा रहे मरीजों की जान, पहचान वालों से भी करा रहे रक्तदान

रक्तदान तो आजकल हर कोई करता है लेकिन बाकियों को भी रक्तदान के लिए जागरूक करना आसान नहीं है. इस मुश्किल काम को करने का जज्बा रखते हैं विकास सिंह ठाकुर. राजधानी के कुशालपुर निवासी 29 साल के विकास सिंह ठाकुर 10 सालों से रक्तदान करने के साथ-साथ बाकियों को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करते हैं साथ ही उनकी सारी उलझन को दूर कर उन्हें रक्तदान करने के लिए सुलझा हुआ रास्ता बताते हैं.

author img

By

Published : Jun 14, 2023, 11:44 PM IST

Young Blood Donors of Chhattisgarh
खुद बचा रहे मरीजों की जान
10 साल से खुद बचा रहे मरीजों की जान

रायपुर: कुशालपुर निवासी विकास सिंह ठाकुर होम अप्लायंस का बिजनेस करते हैं. आज से 9 साल पहले उन्होंने बस मजाक में ही रक्तदान किया, जिसके बाद उन्हें काफी अच्छा महसूस हुआ. शुरू से ही उनके मन में था कि वह लोगों की मदद करें. समाज के लिए कुछ अच्छा करें. इसलिए शुरुआती के 4 साल विकास ने अकेले ही रक्तदान किया. फिर धीरे-धीरे अपने दोस्तों, पास-पड़ोस और जान पहचान के लोगों को मिलाकर आज विकास के पास 200 लोगों की टीम है, जो नियमित तौर पर जरूतमंद लोगों के लिए रक्तदान करती है. विकास जिस भी व्यक्ति को रक्तदान करते हैं, उनसे बदले में रक्तदान करने को भी कहते हैं. विकास को पूरे राजधानी में रक्त वीर के नाम से जाना जाता है. क्योंकि शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसकी मदद विकास ने नहीं की होगी.

सवाल: लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरूक करने की शुरुआत क्यों की?
जवाब: सबसे पहले तो मैंने लोगों को भटकते हुए देखा तो मुझे उन्हें रक्तदान करने पड़ा. उसके बाद और भी लोग मुझे मिले जो जिन्हें खून की जरूरत थी तो फिर मैंने बाकियों को भी रक्तदान करने के लिए मोटिवेट किया.


सवाल: कितने सालों से आप यह रक्तदान का काम कर रहे हैं?
जवाब: अभी मेरी उम्र 29 वर्ष है. मैं जब 18 साल का हुआ था, तब से मैंने रक्तदान करने का काम शुरू किया था. पहले मैं अकेले रक्तदान किया करता था फिर और लोग मेरे पास आते गए और मैं उन्हें अपने साथ जोड़ता गया.

World Blood Donor Day: रामानुजगंज में आम लोगों और जवानों ने किया ब्लड डोनेट, रक्तदान को बताया महादान
World Blood Donor Day: विश्व रक्तदान दिवस पर रायपुर वासियों ने बढ़-चढ़कर किया रक्तदान
गणतंत्र दिवस के अवसर पर युवाओं ने रक्तदान शिविर का किया आयोजन, कई युवा हुए शामिल

सवाल: आपकी टीम में कितने लोग हैं?
जवाब: मेरी टीम में 200 से ढाई सौ लोग हैं. हमारी टीम में निगेटिव ब्लड ग्रुप डोनर भी हैं. निगेटिव बी और निगेटिव एबी डोनर भी हैं.


सवाल: आपने अकेले अभी तक कितने लोगों को रक्तदान किया है?
जवाब: मैंने अभी तक 43 लोगों को रक्तदान किया है.

सवाल: पूरी टीम ने कितने लोगों को रक्तदान किया है?
जवाब: मेरी टीम में 200 से ढाई सौ लोग हैं, जिनमें सभी ने अभी तक 7 से 8 बार रक्तदान किया है. हम जरूरतमंद लोगों को सबसे पहले रक्तदान करते हैं और जो लोग रायपुर से नहीं होते, बाहर से होते हैं उन्हें मदद करना हमारी पहली प्राथमिकता होती है.


सवाल: लोगों की मदद करने के बाद जो वह आपको फीडबैक देते हैं उसे जानकर आपको कैसा महसूस होता है?
सवाल: हमें अंदर से बहुत सुकून मिलता है. इस सुकून की अनुभूति को बयां करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं है.

सवाल: आपको लोग रक्तवीर के नाम से जानते हैं यह नाम कैसे पड़ा?
जवाब: हम लगातार हॉस्पिटल में जाकर रक्त दान का काम करते हैं. लोग हमें जानने लगे, जिस वजह से लोगों ने ही हमें रक्तवीर का नाम दिया.

10 साल से खुद बचा रहे मरीजों की जान

रायपुर: कुशालपुर निवासी विकास सिंह ठाकुर होम अप्लायंस का बिजनेस करते हैं. आज से 9 साल पहले उन्होंने बस मजाक में ही रक्तदान किया, जिसके बाद उन्हें काफी अच्छा महसूस हुआ. शुरू से ही उनके मन में था कि वह लोगों की मदद करें. समाज के लिए कुछ अच्छा करें. इसलिए शुरुआती के 4 साल विकास ने अकेले ही रक्तदान किया. फिर धीरे-धीरे अपने दोस्तों, पास-पड़ोस और जान पहचान के लोगों को मिलाकर आज विकास के पास 200 लोगों की टीम है, जो नियमित तौर पर जरूतमंद लोगों के लिए रक्तदान करती है. विकास जिस भी व्यक्ति को रक्तदान करते हैं, उनसे बदले में रक्तदान करने को भी कहते हैं. विकास को पूरे राजधानी में रक्त वीर के नाम से जाना जाता है. क्योंकि शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसकी मदद विकास ने नहीं की होगी.

सवाल: लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरूक करने की शुरुआत क्यों की?
जवाब: सबसे पहले तो मैंने लोगों को भटकते हुए देखा तो मुझे उन्हें रक्तदान करने पड़ा. उसके बाद और भी लोग मुझे मिले जो जिन्हें खून की जरूरत थी तो फिर मैंने बाकियों को भी रक्तदान करने के लिए मोटिवेट किया.


सवाल: कितने सालों से आप यह रक्तदान का काम कर रहे हैं?
जवाब: अभी मेरी उम्र 29 वर्ष है. मैं जब 18 साल का हुआ था, तब से मैंने रक्तदान करने का काम शुरू किया था. पहले मैं अकेले रक्तदान किया करता था फिर और लोग मेरे पास आते गए और मैं उन्हें अपने साथ जोड़ता गया.

World Blood Donor Day: रामानुजगंज में आम लोगों और जवानों ने किया ब्लड डोनेट, रक्तदान को बताया महादान
World Blood Donor Day: विश्व रक्तदान दिवस पर रायपुर वासियों ने बढ़-चढ़कर किया रक्तदान
गणतंत्र दिवस के अवसर पर युवाओं ने रक्तदान शिविर का किया आयोजन, कई युवा हुए शामिल

सवाल: आपकी टीम में कितने लोग हैं?
जवाब: मेरी टीम में 200 से ढाई सौ लोग हैं. हमारी टीम में निगेटिव ब्लड ग्रुप डोनर भी हैं. निगेटिव बी और निगेटिव एबी डोनर भी हैं.


सवाल: आपने अकेले अभी तक कितने लोगों को रक्तदान किया है?
जवाब: मैंने अभी तक 43 लोगों को रक्तदान किया है.

सवाल: पूरी टीम ने कितने लोगों को रक्तदान किया है?
जवाब: मेरी टीम में 200 से ढाई सौ लोग हैं, जिनमें सभी ने अभी तक 7 से 8 बार रक्तदान किया है. हम जरूरतमंद लोगों को सबसे पहले रक्तदान करते हैं और जो लोग रायपुर से नहीं होते, बाहर से होते हैं उन्हें मदद करना हमारी पहली प्राथमिकता होती है.


सवाल: लोगों की मदद करने के बाद जो वह आपको फीडबैक देते हैं उसे जानकर आपको कैसा महसूस होता है?
सवाल: हमें अंदर से बहुत सुकून मिलता है. इस सुकून की अनुभूति को बयां करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं है.

सवाल: आपको लोग रक्तवीर के नाम से जानते हैं यह नाम कैसे पड़ा?
जवाब: हम लगातार हॉस्पिटल में जाकर रक्त दान का काम करते हैं. लोग हमें जानने लगे, जिस वजह से लोगों ने ही हमें रक्तवीर का नाम दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.