रायपुर : अनुपम गार्डन में संभाग स्तरीय योग शिविर का आयोजन किया गया. इस योग शिविर में हरिद्वार पतंजलि योगपीठ के मुख्य केंद्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थ देव ने लगभग 300 योग साधकों को योग के माध्यम से स्वस्थ रहने के तरीकों से अवगत कराया. साधकों को प्राणायाम आसन कपाल भारती अनुलोम विलोम जैसी अलग-अलग योग की विधाओं की जानकारी दी गयी.
लॉर्ड मैकाले ने भारतीय शिक्षा पर पोती थी कालिख : हरिद्वार पतंजलि योगपीठ के मुख्य केंद्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थ देव जी ने कहा कि "लॉर्ड मैकाले ने हमारी शिक्षा पर जो कालिख पोती थी गुरु शिष्य परंपरा और गुरुकुलों में उसको अब धोने होने का काम शुरू हो गया है. योग और आयुर्वेद की क्रांति हुई है. अब शिक्षा की क्रांति के लिए भी बड़ा कदम उठाया जा रहा है.''
''योग को घर-घर में पहुंचा कर हम अनेक रोगों से बच सकते हैं. इसका कोई दूसरा उपाय भी नहीं है. योग के माध्यम से हम पूरे तरह से निरोगी बन सकते हैं. मेडिकल साइंस में रोगों का जड़ से उपचार संभव नहीं है और इसका उपचार मात्र एक योग ही है जिसके माध्यम से आदमी हमेशा स्वस्थ और निरोग रह सकता है." स्वामी परमार्थ देव , मुख्य केंद्रीय प्रभारी , हरिद्वार पतंजलि योगपीठ
प्राचीन समय में योग से ऋषि रहते थे स्वस्थ्य : प्राचीन समय में ऋषि मुनि योग और आयुर्वेद के माध्यम से ही स्वस्थ रहते थे. योग ही एक ऐसा जरिया है जिसके माध्यम से हम निरोग रह सकते हैं.यदि हम अपनी लाइफ स्टाइल में योग नहीं करते हैं तो संसार के भोग से हमें रोग ही रोग मिलेंगे. कई बार छोटे-छोटे बच्चों को गर्भ में ही सौगात में कई बीमारियां मिल जाती है. सभी माता-पिता को अपने बच्चों को चरित्रवान बलवान और बुद्धिमान बनाने के लिए योग की शिक्षा देने के लिए योगी बनना पड़ेगा.