रायपुर: राष्ट्रीय किताब मेला में पहुची हिन्दी साहित्य जगत की जानी मानी लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान मनीषा ने आपनी अगली आने वाली किताब के विषय और उनके लेखक बनने की कहानी के साथ ही किसी किताब के लिए चुने जाने वाले विषय को लेकर बातचीत की.
मनीषा कुलश्रेष्ठ ने बताया कि लेखन के प्रति रुचि अपनी मां से विरासत में मिली. मनीषा का जन्म 26 अगस्त, 1967 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ. इनकी लिखी कहानी संग्रह 'कठपुतलियां', 'कुछ भी तो रूमानी नहीं', 'बौनी होती परछाई', 'केयर ऑफ स्वात घाटी' लोकप्रिय हैं.
कश्मीर के हालात पर लिखी गई मनीषा कुलश्रेष्ठ की उपन्यास 'शिग़ाफ' को काफी पसंद किया जाता है. उन्होंने संस्मरण 'बहुरुपिया' और 'कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में' को भी अपने शब्दों से पिरोया है. कई मुद्दों पर उन्होंने ईटीवी से बेबाकी से राय रखी.
उत्तरपूर्व भारत पर होगी किताब
मनीषा कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कश्मीर पर लिखी किताब को लोगों ने काफी पसंद किया. लेकिन उसके बाद से वह कश्मीर नहीं जा सकीं हैं. साथ ही आने वाली अगली किताब उत्तरपुर्व भारत पर होगी.