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Ashadha Masik Shivratri 2023: आषाढ़ मासिक शिवरात्रि में इस विधि से करें भगवान शिव को प्रसन्न - आषाढ़ मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खास विधि से पूजा करनी चाहिए. इस दिन शुभ मुहूर्त में किया हुआ पूजन काफी लाभकारी होता है.

Ashada Monthly Shivratri
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि
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Published : Jun 14, 2023, 7:25 AM IST

रायपुर: भगवान शंकर को देवों के देव महादेव कहा जाता है. कहते हैं कि शिवलिंग पर सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से ही महादेव खुश हो जाते हैं.भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार के अलावा कई तिथियां उत्तम मानी गई है. इन्हीं तिथियों में से एक है मासिक शिवरात्रि. हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है.

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि तिथि: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की 16 जून दिन शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 39 मिनट से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 17 जून शनिवार को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर होगा.

शिवरात्रि पूजा मुहूर्त: आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक है. दोपहर में उत्तम मुहूर्त 12 बजकर 22 मिनट में 2 बजकर 7 मिनट तक है. रात में लाभ-उन्नति मुहूर्त 9 बजकर 51 मिनट से रात 11 बजकर 7 मिनट तक है.

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इस विधि से करें पूजा: इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करें. फिर भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करें. शिव जी के सामने दीप जलाएं. अगर घर में शिवलिंग है तो दूध और गंगाजल से अभिषेक करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा अर्पित करें. पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें. अंत में भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें.

मासिक शिवरात्रि का महत्व: मासिक शिवरात्रि के दिन विधिपूर्वक पूजा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. साथ ही भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं. मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए मासिक शिवरात्रि पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बेहद शुभकारी होता है.

रायपुर: भगवान शंकर को देवों के देव महादेव कहा जाता है. कहते हैं कि शिवलिंग पर सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से ही महादेव खुश हो जाते हैं.भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार के अलावा कई तिथियां उत्तम मानी गई है. इन्हीं तिथियों में से एक है मासिक शिवरात्रि. हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है.

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि तिथि: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की 16 जून दिन शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 39 मिनट से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 17 जून शनिवार को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर होगा.

शिवरात्रि पूजा मुहूर्त: आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक है. दोपहर में उत्तम मुहूर्त 12 बजकर 22 मिनट में 2 बजकर 7 मिनट तक है. रात में लाभ-उन्नति मुहूर्त 9 बजकर 51 मिनट से रात 11 बजकर 7 मिनट तक है.

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इस विधि से करें पूजा: इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करें. फिर भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करें. शिव जी के सामने दीप जलाएं. अगर घर में शिवलिंग है तो दूध और गंगाजल से अभिषेक करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा अर्पित करें. पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें. अंत में भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें.

मासिक शिवरात्रि का महत्व: मासिक शिवरात्रि के दिन विधिपूर्वक पूजा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. साथ ही भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं. मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए मासिक शिवरात्रि पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बेहद शुभकारी होता है.

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