World Computer Literacy Day 2022 : भारत में तेजी से बढ़ती हुई डिजिटल तकनीक ( Digital Technology ) और डिजिटल भविष्य ( Digital Future ) को ध्यान में रखते हुए कंप्यूटर का ज्ञान होना अति आवश्यक हो गया है. आज लोगों के हाथ में मोबाइल फोन और बढ़िया फीचर्स वाले स्मार्टफोन हैं, जिनमें कंप्यूटर जैसी खास सुविधा है."विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस" भारतीय प्रोफेशनल कॉरपोरेशन एनआईआईटी (NIIT) ने शुरु किया था. जिसे वर्ष 2001 में मान्यता मिली. NIIT के 20वें स्मरणोत्सव को दर्शाता "विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस" डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल विभाजन को कम करना है.
कंप्यूटर का अविष्कार: कंप्यूटर को बनाने की शुरुआत 1830 के समय में चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) के द्वारा शुरू की गई थी. उन्होंने एक एनालिटिकल इंजन बनाने की योजना बनाई थी जो कि कंप्यूटर के क्षेत्र में एक शुरुआत थी. फिर उन्होंने डिवाइस के लिए काम करना शुरू कर दिया. 1822 में उन्होंने डिफरेंस इंजन का आविष्कार किया. जिसे सबसे पहला प्रोग्रामेबल कंप्यूटर माना जाता है.1945 में जॉन प्रीपर एकर्ट और जॉन मौचली के द्वारा द्वारा दुनिया का सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर डिज़ाइन किया. जिसका नाम ENIAC (Electronic Numerical Integrator And Computer) था.
क्यों है कंप्यूटर जरुरी : कंप्यूटर का ज्ञान आज की जरूरत ही नहीं बल्कि काफी फायदेमंद भी है. कंप्यूटर का ज्ञान शिक्षा के लिए ही नहीं रोजगार के लिए भी काफी आवश्यक है. आज के आधुनिक युग में तेजी से बढ़ती हुई तकनीक और डिजिटल क्रान्ति ( Digital Revolution ) के कारण कंप्यूटर मानव जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन गया है. कंप्यूटर से जुड़ी हुई जानकारी को प्राप्त करना आज के विद्यार्थियों के लिए उतना ही जरूरी है जितनी उनकी पढ़ाई. इसीलिए कंप्यूटर के विषय में अपनी जानकारी और क्षमता को बढ़ाने के लिए दुनिया भर में 2 दिसंबर को कंप्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है.