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रायपुर : तेलीबांधा तालाब को अब साफ करेंगे ये स्पेशल 'सफाईकर्मी' - राजहंस आकर्षण का केंद्र

46 राज हंस तेलीबांधा तालाब में छोड़े गए हैं. इससे तालाब तो साफ हो ही रहा है, साथ ही तालाब में ये राजहंस आकर्षण का केंद्र भी बने हुए हैं

46 राज हंस तेलीबांधा तालाब में छोड़े गए
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Published : May 28, 2019, 8:21 PM IST

रायपुर : तेलीबांधा तालाब की बढ़ती गंदगी को कंट्रोल करने के लिए निगम ने खास कदम उठाया है. निगम ने राज हंस के जरिए तालाब स्वच्छ करने का प्लान बनाया है, जिसके तहत 46 राज हंस तेलीबांधा तालाब में छोड़े गए हैं. इससे तालाब तो साफ हो ही रहा है, साथ ही तालाब में ये राजहंस आकर्षण का केंद्र भी बने हुए हैं.

46 राज हंस तेलीबांधा तालाब में छोड़े गए

दरअसल, काई और शैवाल तेलीबांधा तालाब पटता जा रहा है, ऐसे में गंदगी को साफ करने के लिए तालाब में राजहंस को लाया गया है, ये राजहंस काई और शैवाल को खाते हैं, जिससे तालाब साफ होगा.

सुरक्षा की दृष्टि से भी इन पर नजर रखी गई है. स्मार्ट सिटी ने इनकी देख रेख के लिए केयर टेकर भी तैनात किए हैं, ताकि इन्हें किसी तरह की परेशानी न हो. इनके रहने के लिए बांस के चबूतरे भी बनाए गए हैं, जहां शाम होने से पहले इन्हें पहुंचा दिया जाता है.

रायपुर : तेलीबांधा तालाब की बढ़ती गंदगी को कंट्रोल करने के लिए निगम ने खास कदम उठाया है. निगम ने राज हंस के जरिए तालाब स्वच्छ करने का प्लान बनाया है, जिसके तहत 46 राज हंस तेलीबांधा तालाब में छोड़े गए हैं. इससे तालाब तो साफ हो ही रहा है, साथ ही तालाब में ये राजहंस आकर्षण का केंद्र भी बने हुए हैं.

46 राज हंस तेलीबांधा तालाब में छोड़े गए

दरअसल, काई और शैवाल तेलीबांधा तालाब पटता जा रहा है, ऐसे में गंदगी को साफ करने के लिए तालाब में राजहंस को लाया गया है, ये राजहंस काई और शैवाल को खाते हैं, जिससे तालाब साफ होगा.

सुरक्षा की दृष्टि से भी इन पर नजर रखी गई है. स्मार्ट सिटी ने इनकी देख रेख के लिए केयर टेकर भी तैनात किए हैं, ताकि इन्हें किसी तरह की परेशानी न हो. इनके रहने के लिए बांस के चबूतरे भी बनाए गए हैं, जहां शाम होने से पहले इन्हें पहुंचा दिया जाता है.

Intro:राजहंसों ने बढ़ाई तेलीबांधा तालाब रौनक


Body:रायपुर । तेलीबांधा तालाब की बढ़ती गंदगी को कंट्रोल करने के लिए यहां पर राज हंस लाए गए हैं । कुल 46 राज हंस इस वक्त तेलीबांधा तालाब के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं । इन्हें सुबह तालाब में छोड़ दिया जाता है और शाम होने से पहले इनके रहने के लिए बनाए बांस की चबूतरे तक पहुंचा दिया जाता है ।

जब पहली बार इंट्रा जैसों को जलविहार के लिए तालाब में छोड़ा गया तो मानो देख कर ऐसा लग रहा था कि नहीं इसी का इंतजार था उन्होंने इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी जगह नहीं देखी थी एक फार्महाउस से आए थे इसलिए उन्होंने अपनी इस पहली आजादी का खूब फायदा उठाया यह आजाद है मगर इनकी सुरक्षा की दृष्टि से इन पर नजर रखी जा रही है स्मार्ट सिटी ने इनकी देखरेख के लिए केयरटेकर भी रखे हैं ।

वाक थ्रू


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