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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में क्यों लगा लॉकडाउन ?

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है. कोरोना की दूसरी लहर में रायपुर देश के किसी राज्य की पहली राजधानी है, जहां टोटल लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है. रायपुर में एक दिन में ही 2 हजार 821 एक्टिव केस और पिछले 24 घंटे में 26 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद यह फैसला लिया गया है.

lockdown in capital of Chhattisgarh
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Published : Apr 7, 2021, 7:25 PM IST

Updated : Apr 7, 2021, 9:40 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अब कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. राजधानी रायपुर में 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल तक कंप्लीट लॉकडाउन लगा दिया गया है. ये 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा. रायपुर कलेक्टर ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. लॉकडाउन के दौरान जिले की सीमाओं को भी सील कर दिया जाएगा.

आखिर क्यों लगाना पड़ा लॉकडाउन?

छत्तीसगढ़ में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है. मंगलवार को राज्य में रिकॉर्ड 9,921 केस मिले और 53 मौतें हुईं. इनमें अकेले राजधानी रायपुर में मंगलवार को 26 लोगों ने दम तोड़ दिया. रायपुर में अबतक 1,001 लोगों की मौत हो चुकी है. मंगलवार को रायपुर में एक दिन में ही 2 हजार 821 एक्टिव केस मिले. लगातार एक्टिव केस की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ही रायपुर में लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है.

रोड सेफ्टी मैच बना बड़ी वजह!

राजधानी रायपुर की आबादी करीब 4 लाख 63 हजार से ज्यादा है. पहले यहां ज्यादा एक्टिव केस नहीं थे. लेकिन रोड सेफ्टी मैच के दौरान कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. ज्यादातर दर्शक बिना मास्क के नजर आए. सोशल डिस्टेंसिंग नाम की भी कोई चीज नहीं नजर आई. ऐसे में कोरोना ब्लास्ट का खतरा मंडराया. हालात धीरे-धीरे बिगड़ते चले गए और लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

रायपुर में 5 मार्च से 21 मार्च तक रोड सेफ्टी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था. 6 देशों के खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था. इनमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, ब्रायन लारा, जोंटी रोड्स, केविन पीटरसन जैसे कई इंटरनेशनल खिलाड़ियों ने मैच खेले. इस प्रतियोगिता के बाद खुद सचिन तेंदुलकर भी कोरोना संक्रमित हुए.

संक्रमण कम हुआ तो बढ़ने लगी लापरवाही

सितम्बर 2020 में कोरोना का प्रभाव सबसे ज्यादा था. 26 मार्च 2020 को 3896 केस आए थे. फरवरी 2021 तक भी हालत ठीक थी. धीरे-धीरे लोग कोविड गाइडलाइन को लेकर लापरवाह हो गए. नतीजतन मार्च के पहले सप्ताह से कोरोना की रफ्तार फिर बढ़ने लगी.

वैक्सीन आने के बाद बड़ी बेफिक्री!

टीकाकरण के बाद से लोगों की बेफिक्री ज्यादा बढ़ती नजर आ रही है. सार्वजनिक आयोजनों में भी लोगों की भीड़ जुटने लगी है. सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेशन में लापरवाही हुई. कई लोगों ने मास्क से भी दूरी बना ली. यही वजह है कि मार्च से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी.

छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर

छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में 4416 कोरोना मरीज जिंदगी की जंग हार चुके हैं. पिछले एक साल में कुल 3 लाख 86 हजार 269 लोगों को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है. अबतक 3 लाख 29 हजार 408 कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं.

रायपुर में एक हफ्ते में ज्यादा हालात बिगड़े

तारीखनए एक्टिव केसकुल एक्टिव केसमौत
1 अप्रैल132774039
2 अप्रैल1405843715
3 अप्रैल2287102919
4 अप्रैल1213966214
5 अप्रैल17021077520
6 अप्रैल28211310726

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अब कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. राजधानी रायपुर में 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल तक कंप्लीट लॉकडाउन लगा दिया गया है. ये 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा. रायपुर कलेक्टर ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. लॉकडाउन के दौरान जिले की सीमाओं को भी सील कर दिया जाएगा.

आखिर क्यों लगाना पड़ा लॉकडाउन?

छत्तीसगढ़ में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है. मंगलवार को राज्य में रिकॉर्ड 9,921 केस मिले और 53 मौतें हुईं. इनमें अकेले राजधानी रायपुर में मंगलवार को 26 लोगों ने दम तोड़ दिया. रायपुर में अबतक 1,001 लोगों की मौत हो चुकी है. मंगलवार को रायपुर में एक दिन में ही 2 हजार 821 एक्टिव केस मिले. लगातार एक्टिव केस की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ही रायपुर में लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है.

रोड सेफ्टी मैच बना बड़ी वजह!

राजधानी रायपुर की आबादी करीब 4 लाख 63 हजार से ज्यादा है. पहले यहां ज्यादा एक्टिव केस नहीं थे. लेकिन रोड सेफ्टी मैच के दौरान कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. ज्यादातर दर्शक बिना मास्क के नजर आए. सोशल डिस्टेंसिंग नाम की भी कोई चीज नहीं नजर आई. ऐसे में कोरोना ब्लास्ट का खतरा मंडराया. हालात धीरे-धीरे बिगड़ते चले गए और लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

रायपुर में 5 मार्च से 21 मार्च तक रोड सेफ्टी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था. 6 देशों के खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था. इनमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, ब्रायन लारा, जोंटी रोड्स, केविन पीटरसन जैसे कई इंटरनेशनल खिलाड़ियों ने मैच खेले. इस प्रतियोगिता के बाद खुद सचिन तेंदुलकर भी कोरोना संक्रमित हुए.

संक्रमण कम हुआ तो बढ़ने लगी लापरवाही

सितम्बर 2020 में कोरोना का प्रभाव सबसे ज्यादा था. 26 मार्च 2020 को 3896 केस आए थे. फरवरी 2021 तक भी हालत ठीक थी. धीरे-धीरे लोग कोविड गाइडलाइन को लेकर लापरवाह हो गए. नतीजतन मार्च के पहले सप्ताह से कोरोना की रफ्तार फिर बढ़ने लगी.

वैक्सीन आने के बाद बड़ी बेफिक्री!

टीकाकरण के बाद से लोगों की बेफिक्री ज्यादा बढ़ती नजर आ रही है. सार्वजनिक आयोजनों में भी लोगों की भीड़ जुटने लगी है. सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेशन में लापरवाही हुई. कई लोगों ने मास्क से भी दूरी बना ली. यही वजह है कि मार्च से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी.

छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर

छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में 4416 कोरोना मरीज जिंदगी की जंग हार चुके हैं. पिछले एक साल में कुल 3 लाख 86 हजार 269 लोगों को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है. अबतक 3 लाख 29 हजार 408 कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं.

रायपुर में एक हफ्ते में ज्यादा हालात बिगड़े

तारीखनए एक्टिव केसकुल एक्टिव केसमौत
1 अप्रैल132774039
2 अप्रैल1405843715
3 अप्रैल2287102919
4 अप्रैल1213966214
5 अप्रैल17021077520
6 अप्रैल28211310726
Last Updated : Apr 7, 2021, 9:40 PM IST
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