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छत्तीसगढ़ गठन के 21 साल बाद भी हाशिए पर युवा, अब भी सरकार से उम्मीद की दरकार

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) को अस्तित्व में आए पूरे 21 साल हो चुके हैं. इन 21 वर्षों में यूं तो छत्तीसगढ़ ने कई कीर्तिमान रचे हैं, लेकिन बेहतर शिक्षा (Better Education), खेल (Play) और रोजगार (Employment) को लेकर अब भी युवाओं में नाराजगी है.

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युवाओं की राय
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Published : Oct 31, 2021, 9:45 PM IST

Updated : Oct 31, 2021, 10:38 PM IST

रायपुर: 1 नवंबर साल 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना (Establishment of Chhattisgarh State) हुई. आज छत्तीसगढ़ को अस्तित्व में आए पूरे 21 साल हो चुके हैं. इन 21 वर्षों में यूं तो छत्तीसगढ़ ने कई कीर्तिमान रचे हैं, लेकिन बेहतर शिक्षा, खेल और रोजगार को लेकर अब भी युवाओं में नाराजगी है. ईटीवी भारत ( ETV BHARAT) ने छत्तीसगढ़ के 21 साल पूरे होने पर युवाओं से बातचीत की और जानने की कोशिश की. आखिर 21 साल में छत्तीसगढ़ में क्या कुछ बदलाव हुए और प्रदेश में किन चीजों की आवश्यकता है.

छत्तीसगढ़ गठन के 21 साल बाद भी हाशिए पर युवा

यह भी पढ़ें: राज्य गठन के 21 साल बाद बस्तर संभाग का कितना हुआ विकास, जानें बस्तरवासियों की राय

खेल और शिक्षा में सुधार की जरूरत

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की युवा अब भी सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं. राजधानी रायपुर की छात्रा खुशबू सिन्हा कहती है कि, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. मनचलों से लड़कियां परेशान हैं. इसके साथ ही शिक्षा व्यवस्था को भी बेहतर करने की जरूरत है. अभी ज्यादातर थ्योरी पर ध्यान दिया जा रहा है, जबकि प्रैक्टिकल पर भी फोकस करने की जरूरत है.

वहीं महिला क्रिकेट खिलाड़ी यामिनी सिन्हा बताती हैं कि पहले गांव में मैदान हुआ करता था, लेकिन अब बेजा कब्जा की वजह से मैदान ही नहीं बचा है. शहर की तरह गांव के भी मैदान पूरी तरह से कब्जे में तब्दील हो गए हैं. जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों की प्रतिभा दबती दिखाई दे रही है.

नशे पर लगनी चाहिए लगाम

15 सालों बाद सत्ता में आई कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दावा किया था कि, शराब बंदी की जाएगी, लेकिन शराब बंदी तो हुई नहीं. ऐसे में युवाओं में नशे के खिलाफ भी आक्रोश है. विजय सूर्यमणि बताते हैं कि प्रदेश में सबसे पहले नशे पर लगाम लगनी चाहिए. वो कहते हैं कि प्रदेश में शिक्षितों की कमी है. अभी भी बहुत से लोग पढ़े लिखे नहीं है. इसके साथ ही सरकार को रोजगार भी उपलब्ध कराना चाहिए. बहुत से लोग बेरोजगार घूम रहे हैं.

यह भी पढ़ें: राज्योत्सव 2021: 23 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है कांकेर

शिक्षा के क्षेत्र में जोर देने की जरूरत

एनएसएस की छात्रा मीनल नायडू बताती हैं कि प्रदेश में बहुत से बदलाव हुए हैं. आज हमारा प्रदेश विकसित प्रदेश है, लेकिन काम करने की जरूरत है. खेल के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में जोर देना चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को बेहतर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम होने चाहिए, ताकि एजुकेटे होने के साथ ही उनकी बोल चाल में भी सुधार हों.

वहीं सोशल वर्क की छात्रा श्रद्धा साहू बताती हैं कि, सोशल वर्क के क्षेत्र में बहुत कम कॉलेजों में पढ़ाई होती है. सभी कॉलेजों में इस कोर्स को कराने की जरूरत है. वहीं जिन कॉलेजों में पढ़ाई होती भी वहां जिस क्षेत्र में हमें काम करना है. उसका स्पेशलाइजेशन नहीं हो पाता. ऐसे में हमें फील्ड के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती.

रायपुर: 1 नवंबर साल 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना (Establishment of Chhattisgarh State) हुई. आज छत्तीसगढ़ को अस्तित्व में आए पूरे 21 साल हो चुके हैं. इन 21 वर्षों में यूं तो छत्तीसगढ़ ने कई कीर्तिमान रचे हैं, लेकिन बेहतर शिक्षा, खेल और रोजगार को लेकर अब भी युवाओं में नाराजगी है. ईटीवी भारत ( ETV BHARAT) ने छत्तीसगढ़ के 21 साल पूरे होने पर युवाओं से बातचीत की और जानने की कोशिश की. आखिर 21 साल में छत्तीसगढ़ में क्या कुछ बदलाव हुए और प्रदेश में किन चीजों की आवश्यकता है.

छत्तीसगढ़ गठन के 21 साल बाद भी हाशिए पर युवा

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खेल और शिक्षा में सुधार की जरूरत

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की युवा अब भी सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं. राजधानी रायपुर की छात्रा खुशबू सिन्हा कहती है कि, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. मनचलों से लड़कियां परेशान हैं. इसके साथ ही शिक्षा व्यवस्था को भी बेहतर करने की जरूरत है. अभी ज्यादातर थ्योरी पर ध्यान दिया जा रहा है, जबकि प्रैक्टिकल पर भी फोकस करने की जरूरत है.

वहीं महिला क्रिकेट खिलाड़ी यामिनी सिन्हा बताती हैं कि पहले गांव में मैदान हुआ करता था, लेकिन अब बेजा कब्जा की वजह से मैदान ही नहीं बचा है. शहर की तरह गांव के भी मैदान पूरी तरह से कब्जे में तब्दील हो गए हैं. जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों की प्रतिभा दबती दिखाई दे रही है.

नशे पर लगनी चाहिए लगाम

15 सालों बाद सत्ता में आई कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दावा किया था कि, शराब बंदी की जाएगी, लेकिन शराब बंदी तो हुई नहीं. ऐसे में युवाओं में नशे के खिलाफ भी आक्रोश है. विजय सूर्यमणि बताते हैं कि प्रदेश में सबसे पहले नशे पर लगाम लगनी चाहिए. वो कहते हैं कि प्रदेश में शिक्षितों की कमी है. अभी भी बहुत से लोग पढ़े लिखे नहीं है. इसके साथ ही सरकार को रोजगार भी उपलब्ध कराना चाहिए. बहुत से लोग बेरोजगार घूम रहे हैं.

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शिक्षा के क्षेत्र में जोर देने की जरूरत

एनएसएस की छात्रा मीनल नायडू बताती हैं कि प्रदेश में बहुत से बदलाव हुए हैं. आज हमारा प्रदेश विकसित प्रदेश है, लेकिन काम करने की जरूरत है. खेल के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में जोर देना चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को बेहतर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम होने चाहिए, ताकि एजुकेटे होने के साथ ही उनकी बोल चाल में भी सुधार हों.

वहीं सोशल वर्क की छात्रा श्रद्धा साहू बताती हैं कि, सोशल वर्क के क्षेत्र में बहुत कम कॉलेजों में पढ़ाई होती है. सभी कॉलेजों में इस कोर्स को कराने की जरूरत है. वहीं जिन कॉलेजों में पढ़ाई होती भी वहां जिस क्षेत्र में हमें काम करना है. उसका स्पेशलाइजेशन नहीं हो पाता. ऐसे में हमें फील्ड के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती.

Last Updated : Oct 31, 2021, 10:38 PM IST
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