कवर्धा : कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत रघ्घुपारा के आश्रित ग्राम तिलाईभाट के दर्जनों ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट में विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने सड़क की मांग पूरी नहीं होने पर चुनाव बहिष्कार की धमकी दी है. जिस पर ग्रामीणों को प्रशासन ने उनकी समस्या का जल्द निराकरण का आश्वासन दिया है.
ठेकेदार ने नहीं किया निर्माण कार्य पूरा : ग्रामीणों का आरोप है कि शासन ने बोड़ला ब्लॉक मुख्यालय से तिलाईभाट तक 03 करोड़ 96 लाख 86 हजार रुपए की लागत से 2.425 किमी पक्का सड़क निर्माण की स्वीकृति दी है. इसके लिए कार्य एजेंसी पीडब्ल्यूडी विभाग को बनाया है. सड़क निर्माण में 15 किसान के जमीन अधिग्रहण के लिए शासन ने 45 लाख 14 हजार 304 रुपए मुआवजा की स्वीकृति दे चुकी है. लेकिन ठेकेदार ने सड़क का अधूरा निर्माण कर कार्य बंद कर दिया. ग्रामीण पिछले दो वर्षों से बंद कार्य को शुरू कराने शासन प्रशासन को कई आवेदन दे चुके हैं.लेकिन अब तक निर्माण शुरू नहीं किया गया है.
गांव से मुख्य मार्ग तक सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को आवागमन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. गांव में कोई बीमार भी होता है. तो गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाता. इलाज के लिए बीमार व्यक्ति को खटिया में लेकर मुख्य मार्ग तक जाना पड़ता है. इसलिए ग्राम तिलाईभाट के 280 मतदाताओं ने फैसला लिया है.जब तक गांव की सड़क नहीं बन जाती तब तक गांव का कोई भी व्यक्ति वोट नहीं डालने जाएगा- विजय वैष्णव,ग्रामीण
वही प्रशासन की ओर से ज्ञापन लेने पहुंचे नायाब तहसीलदार ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांग को उच अधिकारी तक लेकर जाएंगे. मामले में जो भी निर्णय आता है उसे अवगत कराया जाएगा.वहीं पीडब्ल्यूडी के बोड़ला विकासखंड अधिकारी सचिन शर्मा ने निर्माण कार्य जल्द शुरु करने का आश्वासन दिया है.
बोड़ला से तिलाईभाट तक 2.425 किमी सड़क निर्माण होना है. जिसके लिए 15 किसानों की जमीन अधिग्रहण किया जाना है. 02 किसानों ने जमीन प्रशासन को दे दिया है. लेकिन 13 किसानों ने अपनी जमीन अब तक प्रशासन को नहीं सौंपा है. जिसके निर्माण कार्य रुका हुआ है. जिसे राजस्व विभाग जमीन अधिग्रहण कर सौंपती है सड़क निर्माण शुरू कर दिया जाएगा- सचिन शर्मा, PWD विकासखंड अधिकारी,बोड़ला
आपको बता दें कि ग्रामीणों ने आरोप लगाए हैं कि जिन लोगों के नाम से मुआवजा राशि स्वीकृत हुई है.उनके खातों में पैसा डालने का काम प्रशासन का है.जब तक उन्हें मुआवजा राशि नहीं मिलेगी,तब तक वो अपनी जमीन नहीं देंगे. फिलहाल आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत कराया गया है.लेकिन ये शांति कब तक रहेगी ये देखने वाली बात होगी.
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