रायपुर: सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों से बढ़ते प्रदूषण ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है. इसे लेकर रविवार को गांव की महिलाओं ने खुद ही प्रदूषण पर अंकुश की मांग को लेकर धनकुल फैक्ट्री का घेराव कर दिया. औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के फेस टू से लगे सोंडरा और मुरेठी की ग्रामीण महिलाओं के साथ पुरुष भी फेक्ट्री का घेराव कर प्रदर्शन करने पहुंचे.
मामले की सूचना मिलते ही सिलतरा चौकी प्रभारी प्रियेश जॉन पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. इस दौरान बढ़ते प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जाहिर की. मामले को बढ़ता देख फैक्ट्री प्रबंधन के प्रतिनिधि सामने आए. उन्होंने ग्रामीणो को बताया कि सुधार का काम जारी है, आगे से उन्हें किसी तरह की शिकायत का कोई मौका नहीं मिलेगा. प्रबंधन के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए. ग्रामीणों ने अपनी मांगो को लेकर चौकी प्रभारी को ज्ञापन भी सौंपा.
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किचन के अंदर तक प्रदूषण
औद्योगिक इकाइयों का प्रदूषण आसपास के गांवो में कितना कहर बरपा रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, जिन लोगों ने अपने मकानों में प्रदूषण से बचने के लिए खिड़की रोशनदान तक नहीं बनवाए, उनके घरों में भी किचन तक डस्ट पहुंच रही है. महिलाओं के मुताबिक फैक्ट्रियों की चिमनियों से दिन भर तो रुक रुककर और रात में पूरी रात काला धुंआ निकलता है. जो उनके घरों की छत, फर्श, कपड़े, बर्तन ही नहीं बल्कि खाद्य सामग्री को भी किरकिरा कर देता है.
तालाबो के पानी पर काली परत
अनियंत्रित हो चुके प्रदूषण से हालात ये हैं कि सोंडरा, सांकरा, सिलतरा, मुरेठी, निमोरा आदि गांव के तालाबो के पानी के ऊपर रातभर में प्रदूषण की काली परत जम जाती है. सुबह-सुबह जो ग्रामीण तालाबो में नहाने जाते हैं वो पहले पानी से परत हटाते हैं फिर नहाते हैं.