रायपुर : अपने प्यार को पाने में अनुशासन के साथ और मर्यादित रूप से आगे बढ़ने में कोई बुराई नहीं है. यदि आपका पवित्र प्रेम सच्चा है, और निश्छल है, तो ईश्वर का साथ भी आपको मिलता है. अपने प्यार को पाने हेतु ऐसे जातक जिनकी कुंडली में गुरु आदि ग्रह कमजोर हो तो कई बार इन्हें जीवन में तकलीफ आती है. इसलिए ऐसे जातकों को गुरुवार का उपवास पाठ और गुरु की शांति करनी चाहिए. गुरु की शांति करने से आपको लाभ मिलता है. इसके साथ ही ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो उन्हें शुक्रवार का उपवास करना चाहिए. महाशिवरात्रि की सुबह बेला में शिव की पूजन आराधना और स्तुति करनी चाहिए.
प्रेम में बाधा आने पर क्या करें :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "ऐसे युवक जिन्हें अपना प्रेम पाने में बाधा आ रही है, उन्हें गुरुवार का व्रत शिव दर्शन और नियमित रूप से शिव की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती के अर्गला का 24 वां मंत्र भी श्रद्धा और लगन से पढ़ना चाहिए. यह जीवनसाथी को प्राप्त करने में सहायक होता है. इसके साथ ही इस महामंत्र का वैदिक विद्वान आचार्य से पाठ जाप और अनुष्ठान कराना चाहिए. इसके साथ ही जीवन में माता पिता की सेवा बुजुर्गों को सम्मान देना. इष्ट मित्रों के साथ व्यवहार गरीब जरूरतमंदों को दान आदि कार्य भी करना चाहिए. जिन युवाओं की विवाह में बाधा आ रही हो. उन्हें नियमित रूप से सूर्य को जल प्रदान करना चाहिए. अर्क विवाह भी कराया जा सकता है. अर्क विवाह पूजन शुभ मुहूर्त और सुयोग्य व्यक्ति के द्वारा कराया जाना चाहिए."
ये भी पढ़ें- प्यार में पागल प्रेमी भूलकर भी ना दें वैलेंटाइन डे पर ये गिफ्ट
कैसे करें पूजन :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा का कहना है कि "जिन कन्याओं के प्रेम विवाह में बाधा आ रही हो.उन्हें विष्णु विवाह पूजन सुयोग्य व्यक्ति से कराना चाहिए. विष्णु विवाह पूजन बहुत पुरानी परंपरा है. इसके द्वारा निश्चित तौर पर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद की जा सकती है. कुंवारी कन्याओं को अपने माता पिता की सेवा कुष्ठ कैंसर रोगियों की सेवा जरूरतमंदों को धन का वितरण पीले वस्त्र पीले अन्य अथवा पीले तत्वों का उपहार सुयोग्य व्यक्ति को प्रदान करना चाहिए. कुंवारी कन्याओं को मनचाहा प्रेम विवाह करने हेतु प्रत्येक गुरुवार को मां दुर्गा भवानी को अपने हाथों से तोड़े हुए पीले फूल पीले चावल पीली हल्दी श्रद्धा और भक्ति भाव से अर्पित करना चाहिए. इसी तरह कुंवारी कन्याओं को बाल उम्र की शिशु कन्याओं को भोजन प्रसाद दक्षिणा वस्त्र आदि अर्पित कर गुप्त नवरात्रि अथवा नवरात्रि का पूजन विधि पूर्वक संपन्न कराना चाहिए."