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छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र: पहले दिन किसानों की आत्महत्या का मुद्दा गूंजा, विपक्ष का हंगामा - छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. सदन में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा गूंजा. पक्ष-विपक्ष के बीच नोकझोंक हुई. विपक्षी सदस्यों के निलंबन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.

Chhattisgarh assembly winter session
शीतकालीन सत्र का पहला दिन
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Published : Dec 21, 2020, 9:33 PM IST

Updated : Dec 21, 2020, 9:53 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ. प्रश्नकाल के बाद भाजपा सदस्य ने राज्य में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया और काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की. विपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किसान सबसे ज्यादा पीड़ित हुए हैं. राज्य सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने की घोषणा की थी. लेकिन 2019-20 में सहकारी समितियों में धान बेचने के बाद किसानों को पूरा भुगतान नहीं मिला है.

किसानों की आत्महत्या का मुद्दा गूंजा

विपक्ष ने कुछ दिन पहले रायपुर, सरगुजा, दुर्ग, राजनांदगांव और कोंडागांव जिलों में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं का जिक्र किया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य भर से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं.

'नकली खाद-बीज की वजह से आत्महत्या'

भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि किसानों की फसल नकली खाद और बीज के कारण खराब हुई थी. इसी वजह से किसानों ने आत्महत्या की है.

किसानों की स्थिति मजबूत करने का दावा

सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब दिया कि किसानों की स्थिति मजबूत करने के लिए कई काम किए जा रहे हैं. कांग्रेस सरकार बनने के बाद 13 लाख 46 हजार किसानों के 5260.69 करोड़ के कर्ज माफ किए गए.

पढ़ें-शीतकालीन सत्र: धान खरीदी पर जमकर हंगामा, किसान आत्महत्या पर सरकार-विपक्ष के बीच तीखी बहस

कर्जमाफी के आंकड़े गिनाए

वित्तीय वर्ष 2020-21 में 12 लाख 65 हजार किसानों को 0% ब्याज दर पर 4,630 करोड़ का कर्ज दिया गया. खरीफ फसल वर्ष 2018-19 में किसानों का धान 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया. 2019-20 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सहायता के रूप में प्रति एकड़ 10,000 रूपये दिए गए.

21 लाख 48 हजार किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन

न्याय योजना के तहत 18 लाख 38 हजार किसानों को अबतक 3 किश्तों में 4,488 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है. चालू खरीफ मौसम में 21 लाख 48 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.

पढ़ें-सीएम बघेल का केंद्र पर बड़ा आरोप, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना को रोकना चाहती है मोदी सरकार

विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप

कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि सरकार स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है. भाजपा सदस्यों ने कहा कि पहले राज्य सरकार मृत किसानों के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा करे. कांग्रेस के सदस्यों ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि सरकार चर्चा करना चाह रही है लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है.

मृत किसानों के मुआवजे की मांग पर अड़ा रहा विपक्ष

पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी. सभापति ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई लेकिन पक्ष-विपक्ष के बीच नोकझोंक शुरू हो गई.

गर्भगृह में नारेबाजी के बाद कार्यवाही स्थगित

विपक्ष ने मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की और सदन के गर्भगृह में नारेबाजी की. सभापति ने गर्भगृह पहुंचे भाजपा और जेसीसीजे सदस्यों के निलंबित होने की जानकारी दी और सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ. प्रश्नकाल के बाद भाजपा सदस्य ने राज्य में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया और काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की. विपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किसान सबसे ज्यादा पीड़ित हुए हैं. राज्य सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने की घोषणा की थी. लेकिन 2019-20 में सहकारी समितियों में धान बेचने के बाद किसानों को पूरा भुगतान नहीं मिला है.

किसानों की आत्महत्या का मुद्दा गूंजा

विपक्ष ने कुछ दिन पहले रायपुर, सरगुजा, दुर्ग, राजनांदगांव और कोंडागांव जिलों में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं का जिक्र किया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य भर से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं.

'नकली खाद-बीज की वजह से आत्महत्या'

भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि किसानों की फसल नकली खाद और बीज के कारण खराब हुई थी. इसी वजह से किसानों ने आत्महत्या की है.

किसानों की स्थिति मजबूत करने का दावा

सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब दिया कि किसानों की स्थिति मजबूत करने के लिए कई काम किए जा रहे हैं. कांग्रेस सरकार बनने के बाद 13 लाख 46 हजार किसानों के 5260.69 करोड़ के कर्ज माफ किए गए.

पढ़ें-शीतकालीन सत्र: धान खरीदी पर जमकर हंगामा, किसान आत्महत्या पर सरकार-विपक्ष के बीच तीखी बहस

कर्जमाफी के आंकड़े गिनाए

वित्तीय वर्ष 2020-21 में 12 लाख 65 हजार किसानों को 0% ब्याज दर पर 4,630 करोड़ का कर्ज दिया गया. खरीफ फसल वर्ष 2018-19 में किसानों का धान 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया. 2019-20 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सहायता के रूप में प्रति एकड़ 10,000 रूपये दिए गए.

21 लाख 48 हजार किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन

न्याय योजना के तहत 18 लाख 38 हजार किसानों को अबतक 3 किश्तों में 4,488 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है. चालू खरीफ मौसम में 21 लाख 48 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.

पढ़ें-सीएम बघेल का केंद्र पर बड़ा आरोप, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना को रोकना चाहती है मोदी सरकार

विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप

कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि सरकार स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है. भाजपा सदस्यों ने कहा कि पहले राज्य सरकार मृत किसानों के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा करे. कांग्रेस के सदस्यों ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि सरकार चर्चा करना चाह रही है लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है.

मृत किसानों के मुआवजे की मांग पर अड़ा रहा विपक्ष

पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी. सभापति ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई लेकिन पक्ष-विपक्ष के बीच नोकझोंक शुरू हो गई.

गर्भगृह में नारेबाजी के बाद कार्यवाही स्थगित

विपक्ष ने मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की और सदन के गर्भगृह में नारेबाजी की. सभापति ने गर्भगृह पहुंचे भाजपा और जेसीसीजे सदस्यों के निलंबित होने की जानकारी दी और सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.

Last Updated : Dec 21, 2020, 9:53 PM IST
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