रायपुर : राजधानी की रीना त्रिपाठी ने अपनी नौकरी छोड़कर स्टार्टअप की शुरुआत की जो लोगों को ग्रीनरी और इको फ्रेंडली अवेयरनेस के साथ प्रकृति से जोड़ने का काम कर रहा (raipur bageecha wala reena tripathi) है. रीना ने रायपुर में बगीचा वाला के नाम से पहला स्टोर खोला है. जहां ग्रीन गिफ्ट से लेकर शादियों के पौधे वाले कार्ड और बच्चों के लिए इको फ्रेंडली स्टेशनरी का सामान भी मिलता है. ईटीवी भारत ने रीना त्रिपाठी से खास बातचीत की. (Unique startup of women in Raipur)
सवाल -आप किस कांसेप्ट को लेकर स्टार्टअप कर रही हैं?जवाब - हमारा मेन कांसेप्ट रूट्स टू रूम है.हम ग्रीनरी को पौधों को घर तक लेकर जा रहे हैं,हम इनडोर प्लांट्स को लेकर काम करते हैं. आज के समय में लोग फ्लैटस में रहते हैं. लेकिन उस घर में आप ग्रीनरी कैसे एड कर सकते हैं. इसके लिए हमारे पास बहुत सारे इको फ्रेंडली ऑप्शन से सिरामिक ,टेराकोटा , बैम्बू,ग्लास से बने ऐसे गमले हैं. जिन्हें घर के अंदर आसानी से रखा जा सकता है. इसके साथ ही आज के समय में बच्चों को प्रकृति से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं.
सवाल- कितने रुपए से आपने स्टार्टअप की शुरुआत की थी?जवाब- 300 रुपए से स्टार्ट की शुरुआत हुई थी. इससे पहले मैं पब्लिक रिलेशन के क्षेत्र में काम कर रही थी. अपनी नौकरी छोड़ कर बिजनेस शुरू करना एक बड़ा चैलेंज था. शुरुआत में मैंने एक प्लांटर खरीदा और मार्केटिंग रिसर्च किया. उस समय कोविड-19 बात हो गई थी और कोविड काल में हमने ऑनलाइन अपने बिजनेस की शुरुआत की. आज 5 लाख रुपए सालाना इनकम हो रही है.
सवाल- प्लांट्स को लेकर बहुत से लोग काम कर रहे हैं बहुत से नर्सरी है आपका काम किस तरह से अलग है ?जवाब- हम इनडोर प्लांट के लिए काम कर रहे हैं और लोगों को इस बारे में अभी अभी कर रहे हैं.कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों को प्रकृति और पेड़ पौधों की अहमियत समझ आई. आज दिल्ली में एयर पोलूशन की समस्या बेहद ज्यादा है लोग अपने घरों में इलेक्ट्रिक एयर प्यूरीफायर लगाते हैं. लेकिन लोग यह नहीं जानते कि बहुत से ऐसे पौधे है जो एयर प्यूरीफायर का काम करते हैं. कुछ पौधे ऐसे भी हैं जो ऑक्सीजन देने के अलावा बेस्ट एयर प्यूरीफायर का काम करते हैं.
सवाल- आपके स्टार्टअप के साथ और कौन-कौन जुड़े हैं.?जवाब- मेरे साथ में मेरे पति मेरी मदद करते हैं. उसके साथ ही हमने छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों के कलाकारों को भी हमारे स्टार्टअप से जोड़ा है, हमने आदिवासी कला रॉट आयरन से प्लांटर स्टैंड बनवाया. हमने प्लांटेशन डिजाइन कर कलाकारों को बताया और वे इस पर काम करते हैं.
सवाल- इस स्टार्टअप के जरिए बच्चों को आप प्रकृति से कैसे जोड़ रहे हैं ?जवाब- बच्चों को प्रकृति से जुड़ने के लिए हमने टेराकोटा से एलीफेंट, लॉयन और तरह-तरह के डिजाइन के प्लांटर बनवाते हैं. बच्चों को अगर साधारण गमले के बारे में बताया जाए तो वह उतना इंटरेस्ट नहीं लेते लेकिन अगर मिट्टी का गमला उन्हें हाथी के रूप में एक बंदर के रूप में मिलेगा. तो बच्चे उसे अट्रैक्ट होते हैं. और बच्चे भी इसे अवेयर होते हैं. हम एक माध्यम है जो लोगों के घरों को पौधों से कनेक्ट कर रहता है.
सवाल -आज के समय में लोगों के पास जगह कम है आप फ्लैट्स में कैसे डिजाइन करते हैं?जवाब- फ्लेक्स में हम हैंगिंग के जरिए और घरों के अंदर फ्रिज में मैग्नेट के जरिए लोगों के घरों में ग्रीनरी ऐड करते हैं. इसके अलावा हम चलती हुई कार के डैशबोर्ड में भी छोटे प्लांट लगाते हैं. इसके साथ ही घरों में शू रैक के माध्यम से प्लांटिंग करते हैं. जिसे हम जूते चप्पल रखने वाले स्थान पर भी आसानी से रख सकते हैं. हमारा कांसेप्ट है कि घरों के एक एक कोनो में ग्रीनरी हो और उसी के तरह हमने पौधे को रखने वाले गमले तैयार किए हैं.
सवाल-इस काम को करने में आपको कितना मजा आ रहा है, अपनी जॉब को मिस तो नहीं करते?जवाब- इस काम को करने में बहुत मजा आ रहा है, इस काम को करने में बहुत सुकून है. किसी के अंडर में काम करना और नीचे के साथ काम करना सुकून देता है. अपने स्टार्टअप के माध्यम से हम अन्य लोगों की भी मदद कर पा रहे हैं. हमारे साथ बहुत से आर्टिस्ट जोड़े है. और लोगो के घरों में नेचर को पहुंचाने का काम कर रहे है.उनकी भी हम मदद कर पा रहे है ..
सवाल- आपने बताया कार के डैशबोर्ड में भी प्लांटिंग की जा सकती है यह कैसे होता है?जवाब- कार के डैशबोर्ड में पेंटिंग करना बेहद आसान है. बहुत से छोटे पौधे होते हैं जिन्हें हम वहां लगा सकते हैं. लोगों को लगता है कि प्लांटिंग करने के दौरान गंदगी की मिट्टी गिरेगी. लेकिन उसके लिए हमारे पास मिट्टी के बने छोटे-छोटे बॉल्स हैं. उसमें अलग से मिट्टी ऐड करने की जरूरत नहीं है. जब वह सूख जाती है उसमें पानी डाला जाता है और वह जगह गंदी भी नहीं होती.
सवाल- आपके पास इको फ्रेंडली स्टेशनरी है वह किस तरह की है?जवाब- आज के समय में बच्चों को ज्यादा स्टेशनरी लगती है और बच्चों को बहुत अट्रैक्ट भी करती है. हमारे पास प्लांटेबल स्टेशनरी है. हमारे पास पेंसिल है और उसमें सीड्स भी लगे हुए हैं. इस पेंसिल में भी यह मेंशन किया गया है कि पेंसिल में कौन से बीज लगे हुए हैं, जब पेंसिल छोटी हो जाए और इस्तेमाल करने लायक ना हो तब पेंसिल से बीज को निकाल कर उसे गमले में लगा दें बच्चों के लिए यह एक्टिविटी भी है. उन्हें यह काम करने में बहुत मजा भी आता है.
सवाल-आगे अपने बिजनेस को आप किस तरह लेकर जाएंगे?जवाब-ऑनलाइन बिजनेस के साथ आज हमारा स्टोर है. आगे हम कॉलोनियों में और स्कूल में जाकर गार्डनिंग की वर्कशॉप करेंगे उसके साथ ही बच्चों को और लोगों को गार्डनिंग और पेड़ पौधों के महत्व के बारे में जागरूक करेंगे.