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RSS के हिंदुत्व की शिक्षा पर टीएस सिंहदेव को ऐतराज, कहा मैं इसके पक्ष में नहीं - Health Minister TS Singhdeo

RSS ने भारत के स्कूलों में हिंदुत्व की शिक्षा दिलाने की बात कही थी. जिस पर प्रदेश के स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने ऐतराज जताया है. सिंहदेव की माने तो भारत में सभी धर्म के लोग निवास करते हैं.ऐसे में केवल एक ही धर्म की शिक्षा का प्रसार प्रचार करना गलत है. बच्चों को हर धर्म की शिक्षा की जानकारी देनी चाहिए.

RSS के हिंदुत्व की शिक्षा पर टीएस सिंहदेव को ऐतराज
RSS के हिंदुत्व की शिक्षा पर टीएस सिंहदेव को ऐतराज
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Published : Sep 13, 2022, 7:23 PM IST

रायपुर : संघ के सह सरकार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य ने कहा था कि जब विदेश में हिंदू धर्म की पढ़ाई हो रही है. तो देश में भी यह होना चाहिए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने कहा " शासकीय संस्थानों में किसी एक धर्म की शिक्षा देना गलत है .किसी एक धर्म की शिक्षा स्कूलों में दी जाए खासकर शासकीय स्कूलों में मैं इसके पक्ष में नहीं हूं. देश में कई धर्म के अनुयायी हैं. बौद्ध धर्म , जैन धर्म , ईसाई धर्म , इस्लाम धर्म और हिंदू धर्म सभी धर्मों का ज्ञान बच्चों को देना चाहिए. किसी एक ही धर्म का ज्ञान देना वह भी शासकीय संस्थाओं के माध्यम से मैं नहीं मानता हमारा संविधान उस आधार पर बना (TS Singhdev objected to RSS Hindutva education) है."

RSS के हिंदुत्व की शिक्षा पर टीएस सिंहदेव को ऐतराज

ज्ञानवापी के मामले में रखी राय : यूपी के ज्ञानवापी मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा " मामला धर्म और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है. हमारे देश और पूरे विश्व में कई तरह के धर्म है. सभी धर्म अपने प्रथाओं से जीवन का पथ अपने अनुयायियों को प्रदर्शित करते हैं. हमारे देश के कुछ संगठन और नागरिक इतिहास में हुई घटनाओं को लेकर वर्तमान में ऐसी पहल कर रहे हैं मानो वह इतिहास की सुई को पलटना चाहते हैं. इसमें बात ये आएगी कि क्या हम 5 साल पहले तक जाकर रुकेंगे या 5 हजार साल पहले तक जाकर रुकेंगे. क्या हमको सारे धर्मों को खत्म करना है और सिर्फ वैदिक धर्म को स्थापित करना है."

पूरी दुनिया एक परिवार है : स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा " हमारे पार्लियामेंट के गेट पर लिखा है वसुदेव कुटुंबकम , पूरी दुनिया एक परिवार है. हमारी भावना सबको साथ लेकर चलने की है. एक भौगोलिक क्षेत्र में हम एक ही धर्म का पालन करेंगे. बाकी धर्मों का पालन हम नहीं होने देंगे.अभी जो कानून है उस हिसाब से 1947 के बाद से देश में जाति व्यवस्था थी वैसी ही रहेगी. वहां से हमको आगे चलना है. लेकिन बनारस के कोर्ट में अब जो मामला उठाया गया है.देखने वाली बात यह होगी कि क्या 1947 के बाद देश में जैसे जाति व्यवस्था थी वो कानून इस पर लागू होगा या नहीं"

रायपुर : संघ के सह सरकार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य ने कहा था कि जब विदेश में हिंदू धर्म की पढ़ाई हो रही है. तो देश में भी यह होना चाहिए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने कहा " शासकीय संस्थानों में किसी एक धर्म की शिक्षा देना गलत है .किसी एक धर्म की शिक्षा स्कूलों में दी जाए खासकर शासकीय स्कूलों में मैं इसके पक्ष में नहीं हूं. देश में कई धर्म के अनुयायी हैं. बौद्ध धर्म , जैन धर्म , ईसाई धर्म , इस्लाम धर्म और हिंदू धर्म सभी धर्मों का ज्ञान बच्चों को देना चाहिए. किसी एक ही धर्म का ज्ञान देना वह भी शासकीय संस्थाओं के माध्यम से मैं नहीं मानता हमारा संविधान उस आधार पर बना (TS Singhdev objected to RSS Hindutva education) है."

RSS के हिंदुत्व की शिक्षा पर टीएस सिंहदेव को ऐतराज

ज्ञानवापी के मामले में रखी राय : यूपी के ज्ञानवापी मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा " मामला धर्म और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है. हमारे देश और पूरे विश्व में कई तरह के धर्म है. सभी धर्म अपने प्रथाओं से जीवन का पथ अपने अनुयायियों को प्रदर्शित करते हैं. हमारे देश के कुछ संगठन और नागरिक इतिहास में हुई घटनाओं को लेकर वर्तमान में ऐसी पहल कर रहे हैं मानो वह इतिहास की सुई को पलटना चाहते हैं. इसमें बात ये आएगी कि क्या हम 5 साल पहले तक जाकर रुकेंगे या 5 हजार साल पहले तक जाकर रुकेंगे. क्या हमको सारे धर्मों को खत्म करना है और सिर्फ वैदिक धर्म को स्थापित करना है."

पूरी दुनिया एक परिवार है : स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा " हमारे पार्लियामेंट के गेट पर लिखा है वसुदेव कुटुंबकम , पूरी दुनिया एक परिवार है. हमारी भावना सबको साथ लेकर चलने की है. एक भौगोलिक क्षेत्र में हम एक ही धर्म का पालन करेंगे. बाकी धर्मों का पालन हम नहीं होने देंगे.अभी जो कानून है उस हिसाब से 1947 के बाद से देश में जाति व्यवस्था थी वैसी ही रहेगी. वहां से हमको आगे चलना है. लेकिन बनारस के कोर्ट में अब जो मामला उठाया गया है.देखने वाली बात यह होगी कि क्या 1947 के बाद देश में जैसे जाति व्यवस्था थी वो कानून इस पर लागू होगा या नहीं"

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