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मलेरियामुक्त बस्तर से मिल रहे सुखद परिणाम : सिंहदेव

सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सभी विकासखंडों और अन्य जिलों के 10 क्षेत्रों में मलेरियामुक्त अभियान चलाए जा रहा है. बुधवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने इसकी अपडेट जानकारी साझा की है.

टीएस सिंहदेव ने ली पीसी
टीएस सिंहदेव ने ली पीसी
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Published : Jan 22, 2020, 8:00 PM IST

रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बुधवार को मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को लेकर बस्तर के लोगों को सराहा और कहा कि मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है.

टीएस सिंहदेव ने ली पीसी

पहली बार आंकड़े में कमी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ के तहत हमने बस्तर की ओर कदम बढ़ाया है. सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सभी विकासखंडों और अन्य जिलों के 10 क्षेत्रों में यह अभियान चलाया जा रहा है. इससे आश्चर्यजनक नतीजे देखने को मिल रहे हैं. दरअसल, मलेरिया की जांच के बाद 12108 मरीज पॉजिटिव आए हैं. अब तक कुल 2.57 लाख लोगों की जांच की गई है. राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है जब आंकड़े कम हुए हैं. शरीर में हीमोग्लोबिन का कम होना, कुपोषण होना जैसे कई कारण हैं, जिससे क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा था.

मितानिनों की अहम भूमिका
सिंहदेव ने बताया कि सरकार यह भी ध्यान दे रही है कि जिन्हें दवा दी जा रही है वे दवा का सेवन कर रहे हैं या नहीं. साथ ही मितानिनों के माध्यम से हम उन्हें अपनी आंखों के सामने दवाइयां खिला रहे हैं ताकि बस्तर में मलेरिया और न फैल सके.

ऐसे हो रहा उपचार
मलेरियामुक्त बस्तर में कुल 1720 दल बनाए गए हैं, जो कि घर-घर जाकर ग्रामीणों को मलेरिया के उपचार से अवगत करवा रहे हैं. मलेरियामुक्त बस्तर के लिए 1400000 लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान तीन चरणों में चलाया जा रहा है. पहला चरण जनवरी, दूसरा जुलाई और तीसरा चरण नवंबर में चलेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस समय मलेरिया के मरीज बढ़ जाते हैं.

रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बुधवार को मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को लेकर बस्तर के लोगों को सराहा और कहा कि मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है.

टीएस सिंहदेव ने ली पीसी

पहली बार आंकड़े में कमी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ के तहत हमने बस्तर की ओर कदम बढ़ाया है. सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सभी विकासखंडों और अन्य जिलों के 10 क्षेत्रों में यह अभियान चलाया जा रहा है. इससे आश्चर्यजनक नतीजे देखने को मिल रहे हैं. दरअसल, मलेरिया की जांच के बाद 12108 मरीज पॉजिटिव आए हैं. अब तक कुल 2.57 लाख लोगों की जांच की गई है. राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है जब आंकड़े कम हुए हैं. शरीर में हीमोग्लोबिन का कम होना, कुपोषण होना जैसे कई कारण हैं, जिससे क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा था.

मितानिनों की अहम भूमिका
सिंहदेव ने बताया कि सरकार यह भी ध्यान दे रही है कि जिन्हें दवा दी जा रही है वे दवा का सेवन कर रहे हैं या नहीं. साथ ही मितानिनों के माध्यम से हम उन्हें अपनी आंखों के सामने दवाइयां खिला रहे हैं ताकि बस्तर में मलेरिया और न फैल सके.

ऐसे हो रहा उपचार
मलेरियामुक्त बस्तर में कुल 1720 दल बनाए गए हैं, जो कि घर-घर जाकर ग्रामीणों को मलेरिया के उपचार से अवगत करवा रहे हैं. मलेरियामुक्त बस्तर के लिए 1400000 लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान तीन चरणों में चलाया जा रहा है. पहला चरण जनवरी, दूसरा जुलाई और तीसरा चरण नवंबर में चलेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस समय मलेरिया के मरीज बढ़ जाते हैं.

Intro:रायपुर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने आज पत्रकार वार्ता लिखकर या बताया है कि मलेरिया मुक्त अभियान को बस्तर में खूब सराहा जा रहा है और इससे लगातार आंकड़ों में कमी आ रही है


Body:पास मंत्री टी एस सिंह देव ने बताया कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ बस्तर की ओर हमने कदम बढ़ाया है सुकमा बीजापुर नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सभी विकासखंड और अन्य जिलों के 10 क्षेत्रों में हम यह अभियान चला रहे हैं इसमें सुखद और आश्चर्यजनक नतीजे देखने को मिल रहे हैं मलेरिया की जांच के बाद 12108 पॉजिटिव आए हैं अब तक कुल 2.57 लाख लोगों की जांच की गई है राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है जब आंकड़े कम हुए हैं हिमोग्लोबिन कम होना कुपोषण कम होना जैसे अनेक कारण हैं जिसके कारण क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा था हम बस्तर के नागरिकों चिपका ले रहे हैं और उनके सैंपल की जांच कर रहे हैं

संदीप ने बताया कि हम यह भी ध्यान दे रहे हैं कि जिन्हें हम दवाई दे रहे हैं दवाई खा रहे हैं या नहीं साथ ही हमारी मितानिन बहनों के माध्यम से हम उन्हें अपनी आंखों के सामने दवाइयां खिला रहे हैं ताकि मलेरिया बस्तर में और न फैल सके इसके लिए कुल 1720 दल बनाए गए हैं जो कि घर घर जाकर ग्रामीणों को मलेरिया के उपचार से अवगत करवा रहे हैं स्वास्थ्य साथी के साथ में ताने लो और ग्रामीणों का भी बहुत सहयोग रहा है मलेरिया मुक्त बस्तर के लिए 1400000 लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है या अभियान तीन चरणों में चलाया जा रहा है पहला चरण जनवरी दूसरा चरण जुलाई और तीसरा चरण नवंबर माह में होगा चूंकि इस समय मलेरिया के मरीज बढ़ जाते हैं


Conclusion:
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