रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बुधवार को मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को लेकर बस्तर के लोगों को सराहा और कहा कि मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है.
पहली बार आंकड़े में कमी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ के तहत हमने बस्तर की ओर कदम बढ़ाया है. सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सभी विकासखंडों और अन्य जिलों के 10 क्षेत्रों में यह अभियान चलाया जा रहा है. इससे आश्चर्यजनक नतीजे देखने को मिल रहे हैं. दरअसल, मलेरिया की जांच के बाद 12108 मरीज पॉजिटिव आए हैं. अब तक कुल 2.57 लाख लोगों की जांच की गई है. राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है जब आंकड़े कम हुए हैं. शरीर में हीमोग्लोबिन का कम होना, कुपोषण होना जैसे कई कारण हैं, जिससे क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा था.
मितानिनों की अहम भूमिका
सिंहदेव ने बताया कि सरकार यह भी ध्यान दे रही है कि जिन्हें दवा दी जा रही है वे दवा का सेवन कर रहे हैं या नहीं. साथ ही मितानिनों के माध्यम से हम उन्हें अपनी आंखों के सामने दवाइयां खिला रहे हैं ताकि बस्तर में मलेरिया और न फैल सके.
ऐसे हो रहा उपचार
मलेरियामुक्त बस्तर में कुल 1720 दल बनाए गए हैं, जो कि घर-घर जाकर ग्रामीणों को मलेरिया के उपचार से अवगत करवा रहे हैं. मलेरियामुक्त बस्तर के लिए 1400000 लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान तीन चरणों में चलाया जा रहा है. पहला चरण जनवरी, दूसरा जुलाई और तीसरा चरण नवंबर में चलेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस समय मलेरिया के मरीज बढ़ जाते हैं.