रायपुर : इस बार स्वतंत्रता दिवस (azadi ka amrit mahotsav ) के अवसर पर पूरे देश में तिरंगा फहराने (Indian Independence Day) को लेकर खासा उत्साह का माहौल है, क्योंकि इसे लेकर नियम में कुछ बदलाव किए गए हैं. जिस वजह से अब हर व्यक्ति अपने घर पर तिरंगा फहरा सकता है. यह हर घर तिरंगा अभियान पूरे जोर-शोर के साथ चलाया जा रहा है. आलम ये है कि अब हर जगह तिरंगा ही नजर आ रहा है. लेकिन इस बीच जाने अनजाने कुछ लोग तिरंगे का अपमान कर रहे हैं. तिरंगे को लेकर जो कानून बनें हैं उसकी धज्जियां उड़ाई जा रही (Tricolor may have to be insulted know the rules) है. जिससे तिरंगे के सम्मान को ठेस पहुंच रही है.
कैसे हो रहा तिरंगे का अपमान : आज बाजारों में तिरंगा लगे टी-शर्ट दिख रहे हैं. खासकर ऑनलाइन बिकने वाले कपड़ों में तो तिरंगे का स्वरूप ही बदल दिया गया है. तिरंगे के साथ छेड़छाड़ की गई है. उसकी आकृति बदल दी गई है.लेकिन क्या भारत का संविधान तिरंगे के साथ इस तरह के बदलाव की अनुमति देता है या फिर इस तरह का बदलाव कानून अपराध है. क्योंकि तिरंगे को हर घर लहराने के लिए कानून में कुछ बदलाव किए गए हैं, लेकिन कुछ लोग जाने अनजाने इस व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे हैं. नियम के अनुसार तिरंगे को कहीं भी नहीं लगाया जा सकता, ना ही उसे फैशन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. फिर चाहे वह घर बिल्डिंग इमारत या फिर कपड़े ही क्यों ना हो. लेकिन हर घर तिरंगा लहराने की होड़ में अब कुछ लोगों के द्वारा इस तिरंगे का इस्तेमाल ड्रेस और यूनिफॉर्म पर किया जा रहा है. गाड़ियों पर तिरंगे लगाए जा रहे हैं. गाड़ी तिरंगे से पेंट की जा रही है, इतना ही नहीं इस बीच कुछ तस्वीरें तो ऐसे भी सामने आ रही है जहां लोगों ने अपने घरों को ही तिरंगा से पेंट करवा दिया है.
तिरंगे को लेकर क्या है कानून : तिरंगे के नए नियमों को लेकर हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दिवाकर सिन्हा ने बताया कि '' हर घर तिरंगा लहराने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. इन नियमों को पहले की अपेक्षा कुछ शिथिल किया गया है, जिसके तहत अब सूर्यास्त के बाद भी तिरंगा फहराया जा सकता है, साथ ही खादी की जगह पॉलिस्टर सहित अन्य कपड़ों का इस्तेमाल भी तिरंगा बनाने के लिए किया जा सकता है .अब लोग घर पर भी तिरंगा फहरा सकते हैं. इन कुछ नियमों को छोड़ दिया जाए तो बाकी के तिरंगा को लेकर बनाए गए नियम यथावत हैं.
फैशन के रूप में नहीं किया जा सकता तिरंगे का इस्तेमाल : वकील दिवाकर सिन्हा के मुताबिक तिरंगे का इस्तेमाल फैशन के लिए नहीं किया जा सकता. इसकी घरों इमारतों पर पुताई नहीं की जा सकती. कार सहित अन्य वाहन पर तिरंगा की डिजाइन नहीं बनाई जा सकती है. तिरंगे के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है. यदि इस तरह से तिरंगे का इस्तेमाल किया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है. जिसके तहत उसे जेल भी जाना पड़ सकता है.
फ्लैग कोड 2002 के कुछ नियमों में किया बदलाव : बता दें कि अब आप घर पर 24 घंटे तिरंगा फहरा सकते हैं. पहले ऐसा नहीं कर सकते थे. इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ने फ्लैग कोड 2002 के कुछ नियमों में बदलाव किया है. इसके बाद अब राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को दिन और रात, दोनों समय फहराया जा सकता है. पहले तिरंगा सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जा सकता था. हालांकि, घर पर तिरंगा फहराने से पहले कुछ बातें ध्यान रखना जरूरी हैं, वरना जाने-अनजाने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान भी हो सकता है.
क्या हैं तिरंगा फहराने का नियम :भारत को आजाद हुए 75 साल पूरे हो रहे हैं. इसलिए केंद्र सरकार 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम चला रही है. इसी के तहत 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाया जा रहा है .हर घर तिरंगा अभियान के तहत 13 से 15 अगस्त तक लगातार तीन दिन तक राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा. हर घर तिरंगा अभियान सफल हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने फ्लैग कोड के कुछ नियमों में भी बदलाव किया है.जिसमें दो बड़े बदलाव शामिल किए गए हैं.
नियम में पहला बदलाव : पहला तो ये कि अब तिरंगे को रात में भी फहराया जा सकता है. अब तक तिरंगा सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहरा सकते थे. लेकिन अब 24 घंटे घर पर तिरंगा फहरा सकेंगे. इस बदलाव के बाद अब आम लोग, निजी संगठन या संस्थान दिन और रात तिरंगा फहरा सकते हैं.
नियम में दूसरा बदलाव : दूसरा बदलाव ये है कि अभी तक हाथ से बुना और काता हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज ही फहराने की इजाजत थी. लेकिन अब मशीन से बना हुआ कपास, ऊन या रेशमी खादी से बना तिरंगा भी फहरा सकेंगे. साथ ही अब पॉलिएस्टर से बना तिरंगा भी फहराया जा सकता है..
क्या कागज से बना तिरंगा खरीद सकते हैं? वैसे तो कागज से बने तिरंगे नहीं बनाए जा सकते. लेकिन स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कागज से बने तिरंगे फहराए जा सकते हैं. फ्लैग कोड के इन खास दिनों में कागज से बने तिरंगों को फहराया जा सकता है, लेकिन इसे फेंका या फाड़ा नहीं जा सकता. कागज से बने तिरंगों का सम्मान के साथ डिस्पोजल जरूरी है.
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क्या गाड़ियों पर लगा सकते हैं तिरंगा? तिरंगा फहराना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसे आप अपनी गाड़ी पर लगाकर घूम सकें. फ्लैग कोड के मुताबिक, सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को ही तिरंगा लगाने की इजाजत है.राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, राज्यों के राज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, विदेशों में नियुक्त भारतीय दूतावासों और कार्यालयों के अध्यक्ष, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और उपमंत्री, राज्य की विधान परिषदों के सभापति और उप सभापति, भारत के चीफ जस्टिस, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज अपने वाहन में तिरंगा लगा सकते हैं.इसके अलावा अगर किसी विदेशी अतिथि को केंद्र सरकार की ओर से कार मुहैया कराई जाती है, तो उस कार की दाईं ओर तिरंगा, जबकि बाईं ओर उस देश का राष्ट्रीय ध्वज लगेगा. अगर राष्ट्रपति किसी विशेष ट्रेन से यात्रा करते हैं तो जब गाड़ी खड़ी रहेगी, तब ड्राइवर के केबिन पर प्लेटफॉर्म की ओर तिरंगा लगेगा. अगर राष्ट्रपति किसी विमान से यात्रा करते हैं तो उस पर भी राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा. इसी तरह प्रधानमंत्री या उपराष्ट्रपति किसी देश की यात्रा करते हैं तो विमान पर राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाता है.