रायपुर: झीरम नक्सली हमले में दिवंगत कांग्रेस नेता योगेंद्र शर्मा की 58 वीं जयंती पर उन्हें याद किया गया. सांकरा स्थित विधायक कार्यालय परिसर में उनकी पत्नी विधायक अनीता शर्मा और उनके बेटे हर्षित शर्मा ने श्रद्धासुमन अर्पित कर याद किया. साथ ही उनकी याद में सत्यनारायण कथा का आयोजन किया गया. इस दौरान ईश्वर से कोरोना रूपी महामारी से लोगों की रक्षा की कामना की गई.
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बता दें कि झीरम नक्सली हमले में दिवंगत कांग्रेस नेता योगेंद्र शर्मा का जन्म 12 अगस्त 1962 को हुआ था. रायपुर के पास धरसींवा के छोटे से गांव टेकारी में रहते थे. जानकारी के मुताबिक योगेंद्र बचपन से ही तेज तर्रार राजनीति में रुचि रखने वाले एक नेता थे, जो धरसीवां क्षेत्र में एक ऐसे नेता के रूप में उभरे की, वह जो भी ठान लेते उसे सफल करके ही दम लेते थे. कांग्रेस नेता योगेंद्र शर्मा ने धरसीवां में कांग्रेस की जड़ें मजबूत की और एक अलग पहचान बनाई थी.
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जिला पंचायत सदस्य रहते गरीबों को बसाया
दिवंगत नेता योगेंद्र शर्मा ने अपने जीवनकाल में कई ऐसे कार्य भी किए, जो सदा उनकी याद ताजा करते हैं. जनपद सदस्य रहने के बाद वह जब जिला पंचायत सदस्य बने तब उन्होंने मांढर के पास योगेंद्र नगर नामक एक गांव बनाया. जहां गरीबों को बसाया गया था. आज भी उस गांव को देखकर लोगों को अपने दिवंगत नेता की याद आने लगती है. गांव और ग्रामीणों की समस्याओं को हल कराने के प्रति योगेंद्र शर्मा हमेशा सक्रिय रहते थे. दिवंगत नेता योगेंद्र शर्मा क्षेत्र के युवाओं के चहेते थे और खेल प्रेमी भी थे. वह अक्सर युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दिया करते थे.
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कार्यक्रम में कांग्रेस के कई कार्यकर्ता रहे मौजूद
इस दौरान ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष दुर्गेश वर्मा, कांग्रेस नेता देवेंद्र वर्मा तरपोंगी तिल्दा, रोहित अग्निहोत्री, उप सरपंच धरसीवां साहिल खान, शाला विकास समिति सांकरा के अध्यक्ष प्रमोद शर्मा, उपसरपंच मनोज सायतोड़े, हमीद खान, रोशन गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
25 मई को नक्सलियों ने खेला था खूनी खेल
बता दें कि साल 2013 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 25 मई को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर झीरम घाटी में हमला हुआ था, जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल, योगेंद्र शर्मा समेत कांग्रेस के अन्य कई नेताओं और वीर जवानों की शहादत हुई थी.