रायपुर: प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ (Third wave of corona in raipur) रही है. जिसे देखते हुए सरकार ने कई जिलों में सख्त गाइडलाइन जारी कर दिया है. स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र के साथ-साथ कई संस्थानों को भी बंद कर दिया गया है. सरकारी दफ्तरों में भी सीमित संख्या में कर्मचारियों को आने की अनुमति दी गई है. कुछ विभागों में तो पहले से ही कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. इस बीच प्रदेश स्वास्थ्य विभाग पहले से ही अलर्ट मोड में है. चूंकि कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रोन अधिक खतरनाक तो नहीं है, लेकिन ये काफी तेजी से फैलता है. स्वास्थ्य विभाग कि मानें तो इस बार कोरोना फेफड़ों को प्रभावित नहीं कर रहा है. इसलिए संक्रमितों को ऑक्सीजन की कोई खास जरूरत (raipur Corona infected not need oxygen ) नहीं पड़ेगी.
ऑक्सीजन प्लांट की खास जरूरत नहीं
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. क्योंकि इस बार कोरोना सिर्फ गले तक ही सीमित है. जबकि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ये संक्रमण व्यक्ति के फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा था. जिस वजह से उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही थी. स्मित का कहना है कि इस बार कोरोना संक्रमित जल्दी ठीक हो रहे हैं. जो पहले 14 दिन का समय लेते थे...अब वे हफ्ते भर में ठीक हो जा रहे हैं. इस बार का कोरोना पहले की अपेक्षा काफी कमजोर है. फिर भी लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है. जिससे यह दूसरों में ना फैले. सर्दी-जुखाम होने पर कोरोना का टेस्ट जरूर कराएं. संक्रमित होने पर उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. बल्कि गाइडलाइन का पालन करने की जरूरत है. जिससे वे जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे.
समय दर समय ऑक्सीजन प्लांट की होती है निगरानी
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल का कहना है कि वर्तमान में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या काफी कम है. अभी भी अस्पतालों में 95 फीसद बेड खाली पड़े हैं. अभी ऑक्सीजन की इतनी आवश्यकता नहीं है. फिर भी ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. सभी प्लांट सुचारू रूप से काम कर रहे हैं. मेंटेनेंस ना होने की बात को मीरा बघेल ने सिरे से नकार दिया है. उन्होंने कहा है कि 2 महीने पहले से ही सभी ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे और इससे संबंधित कर्मचारी वहां तैनात हैं, जो समय दर समय पर इन ऑक्सीजन प्लांट की निगरानी कर रहे हैं.
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119 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जा रहे
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 119 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं. जिनमें 49 पीएम केयर, 46 राज्य सरकार द्वारा, 18 सीएसआर से, 2 रेलवे से और 4 सीआरपीएफ को मिली विदेशी सहायता से शामिल है. पीएम केयर से 49 संयंत्र को स्थापित किया गया है. जिसमें से 48 चालू हालत में हैं. केंद्र सरकार के पीआईबी ने स्पष्ट किया है कि इन प्लांट्स में 1000 घंटे तक चलने के बाद मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाने वाले जिओलाइट को बदला जाना आवश्यक है. लेकिन गुणवत्तापूर्ण इस इक्यूमेंट जिओलाइट को औसत 3 से 5 वर्षों तक आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है. इस अवधि के बाद ही यह बदला जाता है, जिसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार आवश्यक धनराशि भी स्वीकृत कर दी है.
गाइडलाइन का पालन जरूरी
ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों में दहशत का माहौल है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर कहना है कि उन्हें इस बार घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन इसमें ढिलाई भी नहीं दिया जाना चाहिए. कोरोना गाइडलाइन का लोगों को पालन करना चाहिए. यदि कोई इससे संक्रमित है तो उससे एहतियात बरतना चाहिए. जिससे वह खुद को सुरक्षित रख सके. साथ ही दूसरों में संक्रमण न फैले.