रायपुर: इस साल 18 सितंबर को तीजा का पावन पर्व मनाया जाएगा. तीजा पर्व को लेकर बाजार में भी रौनक बढ़ गई है. राजधानी के कपड़ा दुकानों में महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है. महिलाओं में तीजा पर्व के लिए साड़ी खरीदने को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. महिलाओं को साल भर तीजा पर्व का इंतजार रहता है.
तीजा त्यौहार पर कपड़ा बाजार में बढ़ी रौनक: तीजा पर्व को लेकर पिछले कुछ दिनों से दुकानों में महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है. साड़ी खरीदने को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह दिखाई दे रहा है. दुकानदारों को तीजा पर्व में अच्छे कारोबार की उम्मीद है. महिलाएं तीजा पर्व में ऑरगेंजा, डोला, सिल्क और जिमि चू जैसी साड़ियों के साथ ही सिंपल सोबर साड़ियों की भी डिमांड कर रही है.
बजट के आधार पर साड़ियों की रेंज: राजधानी के कपड़ा दुकान में खरीदी करने आईं महिलाओं से ETV भारत से बात की. महिलाओं ने बताया कि तीजा पर्व का उन्हें बहुत समय से इंतजार रहता है. तीजा तिहार पर साड़ियों की चॉइस के बारे में महिलाओं की अलग-अलग पसंद होती है. साड़ियों की अलग-अलग रेंज होती है. लोग अपनी क्षमता के आधार पर साड़ियों की खरीदी करते हैं.
पसंद के आधार पर महिलाएं करती हैं शॉपिंग: कपड़ा दुकानदारों का कहना है कि "इस तीजा पर्व में महिलाएं अपने बजट के आधार पर साड़ियों के अलग-अलग पैटर्न और डिजाइन पसंद कर रहे हैं. कुछ महिलाओं की पसंद डोला, सिल्क है. तो कुछ महिलाओं की पसंद ऑरगेंजा और कुछ महिलाओं की पसंद जिमि चु जैसी साड़ियां है. इसके साथ ही कुछ महिलाओ की पसंद सिंपल शोवर साड़ियां भी हैं. जो हर ओकेशन में काम आ जाती है."
तीजा में करोड़ों का होता है कारोबार: एक अनुमान के मुताबिक, पूरे छत्तीसगढ़ में कपड़ों की छोटी-बड़ी मिलाकर लगभग 10 हजार दुकानें हैं. वहीं बात अगर राजधानी की करें, तो अकेले रायपुर में ही कपड़ों की छोटी बड़ी दुकान मिलकर हज़ार से अधिक दुकानें हैं. छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व में कपड़े के कारोबार की बात की जाए, तो लगभग 150 करोड़ रुपए का कारोबार होता है. अकेले राजधानी रायपुर में लगभग 50 करोड़ रुपए का कारोबार तीजा पर्व में होने का अनुमान है.
तीजा त्योहार का महत्व: छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व का अपना विशेष महत्व है. हर साल भादों माह की अमावस्या तिथि को पोला तिहार मनाया जाता है. जिसके बाद हरतालिका तीजा पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह पर्व पति की लंबी आयु के लिए महिलाओं द्वारा किया जाता है. कुंवारी कन्याएं भी अच्छे पति की कामना के लिए इस व्रत को करती है. तीजा के एक दिन पहले करेले की सब्जी खाकर इस पर्व की शुरुआत करते हैं और अगले दिन यानी तीजा के दिन महिलाएं 24 घंटे का निर्जला उपवास करतीं हैं. तीजा पर्व के व्रत में महिलाएं पूरी तरह से श्रृंगार कर सजती और संवरती है. व्रत के एक दिन बाद गणेश चतुर्थी के दिन महिलाएं उपवास का पारण करती हैं. इस त्यौहार तीजा पर्व में महिलाएं अपने पिहर या मायके जाकर इस पर्व को पूरे विधि विधान से मनाती हैं.