रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सीएम भूपेश और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. साथ ही मांगे न माने जाने पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आंदोलन की चेतावनी दी.
राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर बुधवार को 11 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन ने राज्य स्तर पर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया.इस दौरान उन्होंने राज्य पुनर्गठन की अधिनियम की धारा 49 को हटाकर पेंशनरों के आर्थिक स्वत्वों का बंटवारा किये जाने की मांग की.
महंगाई राहत भुगतान करने की मांग
छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा मार्च 2019 और अप्रैल 2019 को जारी महंगाई राहत 4% का भुगतान राज्य के पेंशनरों को तत्काल दिए जाने की मांग की गई है. साथ ही स्थाई समाधान के लिए भारतीय स्टेट बैंक के भोपाल स्थित सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल की स्थापना छत्तीसगढ़ राज्य में करने की अपील की गई है.
ये है पेंशनर्स संघ की मांग:-
- राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को हटाकर पेंशनरों के आर्थिक स्वत्वों का बंटवारा.
- मार्च 2019 और अप्रैल 2019 के लिए जारी महंगाई राहत का भुगतान.
- सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल की स्थापना छत्तीसगढ़ में किया जाए.
- 1 जनवरी 2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों को सातवें वेतनमान का 27 माह का और छठवें वेतनमान का लंबित 32 माह का एरिया.
- केंद्र के समान 1 हजार रुपये का मेडिकल भत्ता.
- पेंशनरों के लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु शिविर लगाया जाए.
- राज्य स्तरीय पेंशनर कल्याण मंडल का पुनर्गठन करने की मांग.
- पेंशनर कल्याण निधि नियम 1997 में संशोधन कर देय राशि में वृद्धि की मांग.
- पीपीओ जारी करने का अधिकार संयुक्त संचालक कोश एवं लेखा से हटाकर जिला कोषालय को करने की मांग.
- मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले लोगों को 1 जुलाई से वेतन वृद्धि की पात्रता दी जाए.
- रिटायरमेंट पर 300 दिन का अवकाश नगरीकरण करने के स्पष्ट आदेश जारी किये जाएं.