रायपुर: एक बार फिर भूपेश मंत्रीमंडल में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही कुछ मंत्रियों के प्रभार बदले जा सकते हैं. साथ ही कुछ मिनिस्टर्स की छुट्टी कर दूसरे विधायकों को उनकी जगह दी जा सकती है. इसके पीछे का कारण इन मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड को बताया जा रहा है. हालांकि मंत्री इस बात से इनकार कर रहे हैं.
कैबिनेट में फेरबदल और कुछ मंत्रियों की छुट्टी किए जाने को लेकर जब नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया से बात की गई, तो उनका कहना था कि ये निर्णय हाईकमान करता है. जो निर्देश ऊपर से आते हैं, उसके मुताबिक पार्टी काम करती है. साथ ही मंत्री डहरिया ने इस बात को भी स्वीकारा है कि पार्टी समय-समय पर संगठन और सरकार के कामकाज की समीक्षा करती है.
'फेरबदल की बात सिर्फ अटकलें'
मंत्रीमंडल में फेरबदल और बदलाव को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से बात की गई, तो उन्होंने इससे साफ इंकार कर दिया. मरकाम ने कहा कि इस बारे में उन्हें सिर्फ मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है, हकीकत में अभी ऐसी कोई बात नहीं है. उन्होंने इसे सिर्फ अटकल बताया है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी पूर्व में ही मंत्रिमंडल में किसी भी तरह के फेरबदल की बात से इंकार कर दिया था.
'जो काम करेंगे उन्हें ही मिलेगा मौका'
बता दें कि प्रदेश में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कर दिया था कि जो मंत्री काम करेंगे उन्हें लगातार मौका दिया जाएगा, लेकिन जिन मंत्रियों के कामकाज में कमी होगी उन्हें बदला जा सकता है. इसलिए मंत्री के रिपोर्ट कार्ड बनाए जाने की भी चर्चा सुर्खियों में थी.
'मंत्री से मिलिए' कार्यक्रम की समीक्षा
इस बात को पीएल पुनिया ने भी स्वीकारा था कि मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी. यही वजह थी कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने पूर्व में ही सभी मंत्रियों को 'मंत्री से मिलिए' कार्यक्रम में बारी-बारी से कांग्रेस भवन में बैठने के निर्देश दिए गए थे. इसके साथ ही आम जनों सहित कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की समस्याओं को समाधान करने की बात कही थी. हर बैठक की रिपोर्ट भी मंगाई जाती रही है. फिलहाल कोरोना संकट की वजह से इस पर रोक लगाई गई है.
कांग्रेस सरकार के डेढ़ साल पूरे
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने करीब डेढ़ साल पूरे कर लिए हैं. सरकार के कई मंत्रियों के कार्यकाल का भी इतना समय पूरा हो चुका है. यही वजह है कि सभी मंत्रियों के काम-काज की समीक्षा की जा रही है. इसी समीक्षा के आधार पर इन मंत्रियों के प्रभार बदले जा सकते हैं या फिर उनकी छुट्टी की जा सकती है.
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ऐसे में देखने वाली बात है कि भूपेश सरकार में किन मंत्रियों के प्रभार में फेरबदल किया जा सकता है और किन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है, हालांकि पार्टी ने अभी तक इस तरह के किसी भी फेरबदल से साफ इंकार कर दिया है.