रायपुर : लोकसभा चुनाव यानी पूरे देश की फिजा में सियासत. चाय के ठेले पर, रेलगाड़ियों के सफर में, स्कूल, कॉलेजों की लाइब्रेरी में, किचन से लेकर बड़े चुनावी मंच तक हर जगह एक ही बात कि इस बार किसकी सरकार आएगी. सब अपनी-अपनी समझ और अपने-अपने अंदाज से चुनावी बात कर रहे हैं ऐसे में हम आपको रायपुर के मोमिनपारा में रहने वाले लोगों से मिलवाते हैं, जो शायरी में सियासत की बात करते हैं.
चुनावी सरगर्मी के बीच आइए आपको ले चलते हैं रायपुर के एक खास मोहल्ले में, जिसे शायरों की बस्ती भी कह सकते हैं. इस मोहल्ले में छोटे-बड़े करीब 100 शायर रहते हैं. खास बात ये है कि ये मजदूरी से लेकर छोटा मोटा व्यवसाय कर अपना जीवन यापन करते हैं.
शायराना अंदाज में दिया जवाब
बेहद तंग गलियों में बसी इस बस्ती में पहुंचकर यहां के लोगों से गुफ्तगू कर हमने इनसे जाना कि इनके लिए चुनाव के क्या मायने हैं. इन लोगों से समझने की कोशिश की वे किस मुद्दे पर वोटिंग करेंगे. हमें इस दौरान यहां के लोगों ने अपने शायराना अंदाज में ही सियासत और चुनाव पर हमारे सवालों के जवाब दिए.