रायपुर: दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की हत्या के मामले में गठित विशेष न्यायिक जांच आयोग ने शनिवार को रायपुर में मामले की सुनवाई की. आयोग ने बयानों के परीक्षण के लिए 11 लोगों को बुलाया था जिनमें से 10 लोग उपस्थित हुए.
न्यायमूर्ति ने दर्ज करवाया गवाहों का बयान
विशेष न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सतीश के. अग्निहोत्री ने भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी और उपमहाधिवक्ता रजनीश सिंह बघेल को सुनने के बाद सबसे पहले घटना से जुड़े स्वतंत्र गवाहों के बयान दर्ज करने का निर्णय लिया. उसके बाद पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज करने का निर्णय लिया.
अगली सुनवाई 9 नवंबर को
गवाहों के शपथ पत्र तैयार नहीं होने पर आयोग ने उन्हें शपथ पत्र जमा करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. आयोग की अगली सुनवाई 9 नवंबर को रायपुर में होगी. शनिवार को हुई सुनवाई में जांच अधिकारी देवांश सिंह राठौर और गवाह मौजूद थे. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सतीश के. अग्निहोत्री ने अनुपस्थित गवाह प्रवीण सिंह को दोबारा सम्मन जारी करने के निर्देश दिए.
राज्य सरकार ने गठित किया जांच आयोग
बता दें कि 9 अप्रैल को दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर श्यामगिरी मार्ग में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग बिछा विस्फोट कर मंडावी और चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी. घटना की जांच के लिए राज्य शासन ने सिक्किम उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति सतीश के. अग्निहोत्री की अध्यक्षता में विशेष न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है. कार्यवाही के दौरान न्यायिक सचिव सुमित कपूर, सचिव अरविंद कुमार एक्का भी उपस्थित रहे.