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बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता, ऑनलाइन क्लास के बाद हर महीने होगा टेस्ट: प्रेमसाय सिंह टेकाम

छत्तीसगढ़ में बुधवार से शासकीय स्कूलों का नए शैक्षणिक सत्र की (new academic sessions in Chhattisgarh) शुरुआत हो गई है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते अब भी स्कूलों को बंद रखा जाएगा. लेकिन ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई की जाएगी. जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं है, उनकी जल्द मोहल्ला कक्षाओं के जरिए पढ़ाई शुरू कराई जाएगी. शैक्षणिक शुरुआत और स्कूलों में पढ़ाई पैटर्न को लेकर शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम (School Education Minister Dr Premsai Singh Tekam) से ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से खास बात की.

Education Minister Dr Premsai Singh Tekam
शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम
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Published : Jun 16, 2021, 11:15 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 1:12 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 16 जून से हो गई. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस बार भी पढ़ाई ऑनलाइन शुरू की गई है. जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं है, उनकी क्लासेस भी जल्द मोहल्ला कक्षाओं के जरिए शुरू होंगी. स्कूलों में किस तरह की व्यवस्थाएं रहेंगी और कैसे स्कूल संचालित किया जाएगा ? इसे लेकर ETV BHARAT ने शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम से बात की. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. कोरोना संक्रमण (corona infection) के कारण ऑनलाइन माध्यम के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है. सरकारी स्कूल और अनुदान स्कूलों के लिए भी किताबें भेजी जाती हैं. अभी ऑनलाइन क्लास चलेगी. पढ़ाई होने के बाद बच्चों का हर महीने टेस्ट होगा.

शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम से खास बातचीत

सवाल-आज से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हुई है. बच्चों की पढ़ाई के लिए किस तरह की व्यवस्था की गई हैं ?
जवाब- आज से शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ है. स्कूल में शिक्षक आएंगे लेकिन बच्चे नहीं आएंगे. ऑनलाइन माध्यम के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए सरकारी स्कूल और अनुदान स्कूलों के लिए भी किताबें भेज दी गई हैं. स्कूल के माध्यम से घरों तक बच्चों को किताब पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाएगी. कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक 15 जुलाई तक किताबें संकुल तक पहुंचाई जाएंगी और संकुल विद्यार्थियों के घर तक किताबे पहुंचेंगी. जिससे बच्चों को किसी प्रकार से परेशानी ना हो. इसके अलावा आगे चलकर 'पढ़ई तुंहर द्वार', हर मोहल्ला क्लासेस के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी. जिससे बच्चों की स्टडी प्रभावित ना हो.

सवाल-आने वाले दिनों में एग्जाम पैटर्न को लेकर किस तरह की योजना रहेगी ?
जवाब-बेहतर विकल्प ढूंढा जाएगा. किसी प्रकार की समस्या हो रही है तो और क्या बेहतर किया जा सकता है, इसे लेकर लगातार चर्चा की जा रही है. फिलहाल अभी नया सत्र शुरू हुआ है. अगले साल के बाद मार्च-अप्रैल में परीक्षा होगी. उस दौरान बेहतर विकल्प ढूंढा जाएगा. सीबीएसई ने पहले कहा था कि जो कठिन परीक्षा है उसे पहले हल करना चाहिए. फिर उसके कुछ दिन बाद कहा की परीक्षा ही ना हो. परीक्षा ना हो यह एक विकल्प हो सकता है. हालांकि परीक्षा ऑनलाइन कराई जाए या ऑफलाइन कराया जाए, या एग्जाम टू होम हो कोई ना कोई विकल्प होना चाहिए. विद्यार्थियों में पढ़ने लिखने की आदत छूटती जा रही है. उनके अंदर पढ़ने लिखने की आदत बनी रहे. हमारा यही उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ में 12वीं के बच्चों की परीक्षा एग्जाम फ्रॉम होम (exam from home) के पैटर्न से हुई. इसी बहाने बच्चों ने कुछ पढ़ाई लिखाई तो हुई. इसमें क्या अच्छा हो सकता है इसका विकल्प तलाशा जाएगा.

सवाल-इस साल नये सत्र में किस तरह से नई चीजें जोड़ी गई हैं?
जवाब-अभी ऑनलाइन क्लास चलेगी. हर महीने के हिसाब से पढ़ाई का सिलेबस तैयार रहेगा. हर महीने निर्धारित अध्याय के हिसाब से पढ़ाई होगी. जो पढ़ाई 1 महीने में होगी, उसका हर महीने टेस्ट होगा. टेस्ट के बाद जो बच्चो का परफॉर्मेंस रहेगा. बच्चों का प्रोगेस और बाकी सभी चीजें एनालिसिस की जाएगी.

सवाल- स्कूल खोलने को लेकर भी कोई योजना है या नहीं?
जवाब- पूर्व में संक्रमण के चलते पूरे हिंदुस्तान में स्कूल बंद हैं. सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. सभी परिजन चाहेंगे कि हमारे बच्चे सुरक्षित रहें. घर में रहे लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चे जरूर जुड़ें. आज सारे कामकाज और अन्य चीजें ऑनलाइन हो रही है. ऐसे में इस दौरान ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई ही बेहतर विकल्प है. अगर इससे भी कोई बेहतर विकल्प होगा तो उसे हम लागू करेंगे.

सवाल- 10वीं अच्छे नंबर मिलने से अब अधिरकतर बच्चे साइंस में जा रहे हैं. ऐसी स्थिति से निपटने क्या योजना है?
जवाब- सभी क्लास के लिए संकाय के लिए छात्रों की संख्या निर्धारित रहती है. इस दौरान बहुत से विकल्प है बच्चों का इंटरव्यू भी किया जा सकता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 16 जून से हो गई. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस बार भी पढ़ाई ऑनलाइन शुरू की गई है. जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं है, उनकी क्लासेस भी जल्द मोहल्ला कक्षाओं के जरिए शुरू होंगी. स्कूलों में किस तरह की व्यवस्थाएं रहेंगी और कैसे स्कूल संचालित किया जाएगा ? इसे लेकर ETV BHARAT ने शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम से बात की. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. कोरोना संक्रमण (corona infection) के कारण ऑनलाइन माध्यम के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है. सरकारी स्कूल और अनुदान स्कूलों के लिए भी किताबें भेजी जाती हैं. अभी ऑनलाइन क्लास चलेगी. पढ़ाई होने के बाद बच्चों का हर महीने टेस्ट होगा.

शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम से खास बातचीत

सवाल-आज से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हुई है. बच्चों की पढ़ाई के लिए किस तरह की व्यवस्था की गई हैं ?
जवाब- आज से शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ है. स्कूल में शिक्षक आएंगे लेकिन बच्चे नहीं आएंगे. ऑनलाइन माध्यम के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए सरकारी स्कूल और अनुदान स्कूलों के लिए भी किताबें भेज दी गई हैं. स्कूल के माध्यम से घरों तक बच्चों को किताब पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाएगी. कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक 15 जुलाई तक किताबें संकुल तक पहुंचाई जाएंगी और संकुल विद्यार्थियों के घर तक किताबे पहुंचेंगी. जिससे बच्चों को किसी प्रकार से परेशानी ना हो. इसके अलावा आगे चलकर 'पढ़ई तुंहर द्वार', हर मोहल्ला क्लासेस के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी. जिससे बच्चों की स्टडी प्रभावित ना हो.

सवाल-आने वाले दिनों में एग्जाम पैटर्न को लेकर किस तरह की योजना रहेगी ?
जवाब-बेहतर विकल्प ढूंढा जाएगा. किसी प्रकार की समस्या हो रही है तो और क्या बेहतर किया जा सकता है, इसे लेकर लगातार चर्चा की जा रही है. फिलहाल अभी नया सत्र शुरू हुआ है. अगले साल के बाद मार्च-अप्रैल में परीक्षा होगी. उस दौरान बेहतर विकल्प ढूंढा जाएगा. सीबीएसई ने पहले कहा था कि जो कठिन परीक्षा है उसे पहले हल करना चाहिए. फिर उसके कुछ दिन बाद कहा की परीक्षा ही ना हो. परीक्षा ना हो यह एक विकल्प हो सकता है. हालांकि परीक्षा ऑनलाइन कराई जाए या ऑफलाइन कराया जाए, या एग्जाम टू होम हो कोई ना कोई विकल्प होना चाहिए. विद्यार्थियों में पढ़ने लिखने की आदत छूटती जा रही है. उनके अंदर पढ़ने लिखने की आदत बनी रहे. हमारा यही उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ में 12वीं के बच्चों की परीक्षा एग्जाम फ्रॉम होम (exam from home) के पैटर्न से हुई. इसी बहाने बच्चों ने कुछ पढ़ाई लिखाई तो हुई. इसमें क्या अच्छा हो सकता है इसका विकल्प तलाशा जाएगा.

सवाल-इस साल नये सत्र में किस तरह से नई चीजें जोड़ी गई हैं?
जवाब-अभी ऑनलाइन क्लास चलेगी. हर महीने के हिसाब से पढ़ाई का सिलेबस तैयार रहेगा. हर महीने निर्धारित अध्याय के हिसाब से पढ़ाई होगी. जो पढ़ाई 1 महीने में होगी, उसका हर महीने टेस्ट होगा. टेस्ट के बाद जो बच्चो का परफॉर्मेंस रहेगा. बच्चों का प्रोगेस और बाकी सभी चीजें एनालिसिस की जाएगी.

सवाल- स्कूल खोलने को लेकर भी कोई योजना है या नहीं?
जवाब- पूर्व में संक्रमण के चलते पूरे हिंदुस्तान में स्कूल बंद हैं. सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. सभी परिजन चाहेंगे कि हमारे बच्चे सुरक्षित रहें. घर में रहे लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चे जरूर जुड़ें. आज सारे कामकाज और अन्य चीजें ऑनलाइन हो रही है. ऐसे में इस दौरान ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई ही बेहतर विकल्प है. अगर इससे भी कोई बेहतर विकल्प होगा तो उसे हम लागू करेंगे.

सवाल- 10वीं अच्छे नंबर मिलने से अब अधिरकतर बच्चे साइंस में जा रहे हैं. ऐसी स्थिति से निपटने क्या योजना है?
जवाब- सभी क्लास के लिए संकाय के लिए छात्रों की संख्या निर्धारित रहती है. इस दौरान बहुत से विकल्प है बच्चों का इंटरव्यू भी किया जा सकता है.

Last Updated : Jun 17, 2021, 1:12 PM IST
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